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Location: | Udaipur |
Headline: | Religion and Science are complimentary ◄ Sadhvi Pramukha Kanakprabha |
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उदयपुर 29 मई 2011 (जैन तेरापंथ समाचार ब्योरो)
विज्ञान समिति अशोकनगर में शनिवार को आचार्य महाश्रमण एवं साध्वी प्रमुखा कनकप्रभा के सान्निध्य में स्वैच्छिक सेवा संस्थाओं की धुरी सुसंस्कार विषयक संगोष्ठी हुई। आचार्य महाश्रमण ने कहा कि संस्थाओं को मानवहित में कार्य करना चाहिए। साध्वी प्रमुखा कनकप्रभा ने कहा कि धर्म और विज्ञान एक दूसरे के पूरक हैं आवश्यकता है समन्वय की। संगोष्ठी में चिंतक प्रो. नवनीतलाल गुप्ता व प्रो.पी.एम. अग्रवाल तथा साध्वी विश्रुत विभा मुख्य वक्ता थे। समिति के डॉ. के.एल. कोठारी ने गांवों में किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी।
शाकाहारी बन विसंगत भावों को त्यागें
मुख्य अतिथि के रूप में प्रसिद्ध चिंतक रमेश अरोड़ा ने हिंसा और अहिंसा के विविध भावों और आयामों पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि इंद्रधनुष के सात रंगों में कालिमा का कोई स्थान नहीं है वैसे ही मनुष्य अपने जीवन में शुद्ध और शाकाहारी बना रहे और विसंगत भावों का सर्व प्रकारेण त्याग करे तो ही उसकी जीवनशैली अहिंसक बन पाएगी।