News in English:
Location: | Koyal |
Headline: | Keep Patience to Achieve Goal◄ Acharya Mahashraman |
News: | Acharya Mahashraman told that for solution of any problem and achieve goal person should keep patience and control over his speech. We should not loose patience in adverse situation. Mistakes are natural for human being but not to repeat mistakes should be our vow. He discussed code of conduct of Anuvrata. People can be successful by adopting small vows of Anuvrata. He discussed meeting of first President Dr. Rajendra Prasad and Acharya Tulsi. Acharya Mahashraman told that Sanyam is main theme of Anuvrata. |
News in Hindi:
सापोल में धर्मसभा के दौरान प्रवचन में कहा, आचार्य कोयल से विहार कर सापोल पधारे, आज आत्मा गांव में होगा पदार्पण
वाणी पर संयम जरूरी: महाश्रमण
सापोल में धर्मसभा के दौरान प्रवचन में कहा, आचार्य कोयल से विहार कर सापोल पधारे, आज आत्मा गांव में होगा पदार्पण
गजपुर कोयल गांव
आचार्य महाश्रमण ने कहा कि किसी भी समस्या के समाधान अथवा लक्ष्य हासिल करने के लिए प्रत्येक व्यक्ति को वाणी पर संयम और धैर्य रखना आवश्यक है। किसी भी विपरीत परिस्थिति में व्यक्ति को विचलित और क्रोध में धैर्य नहीं खोना चाहिए।
गजपुर. कोयल गांव से गुरुवार को सापोल के लिए विहार करते आचार्यमहाश्रमण व उनकी धवल सेना में शामिल साधु-संत।
आचार्य श्री गुरुवार को सापोल में आयोजित धर्मसभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने आमजन को वाणी पर संयम रखने की हिदायत देते हुए कहा कि जब शरीर, मन, वाणी पर लगाम लगेगी, तभी शांति से रहा जा सकता है। गलती होना मनुष्य की स्वाभाविक प्रक्रिया है, लेकिन उस गलती को दुबारा न दोहराने का संकल्प हो, तभी गलतियों का परिष्कार किया जा सकता है। हमारी प्रवृत्ति शुभ—अशुभ दोनों हो सकती है, पर जो योगी होता है वह विवेकशील होता है। वह शुभ प्रवृत्ति करने का लक्ष्य रखता है।
आत्मा नामक कस्बे में तेरापंथ भवन जहा वरिष्ठ संत मुनि जयचंदलालजी बिराज रहे है!
आचार्यश्री ने देश के प्रथम राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद एवं तत्कालीन प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू के समय चरित्र निर्माण को लेकर सुर्खियों में आए अणुव्रत आंदोलन का व्याख्यान प्रस्तुत करते हुए कहा कि आचार्य तुलसी ने अणुव्रत आंदोलन का प्रवर्तन किया था। अगर जीवन को सफल बनाना है, तो अणुव्रत आंदोलन के छोटे-छोटे नियमों को आत्मसात करना होगा। अणुव्रत आंदोलन का मूल संयम है। संयम, अहिंसा आदि तत्वों का विकास होने पर ही मानव निर्माण का कार्य निष्पन्न हो सकता है। धर्मसभा को साध्वी प्रमुखा कनकप्रभा, साध्वी विश्रुतविभा ने भी संबोधित किया। संचालन मुनि दिनेश कुमार ने किया। कार्यक्रम में सापोल, थोरिया, भुडान, कोयल, पिपलांत्री, मोरवड़, पुठोल गांवों के श्रावक व श्राविकाएं मौजूद थे।