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Amet: 29.01.2012Seva is Greatest Religion: Acharya Mahashraman
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सेवा सबसे बड़ा धर्म: महाश्रमण
आमेट में मर्यादा महोत्सव की शुरुआत पर आचार्य महाश्रमण ने कहा
आमेट २८ जनवरी २०१२ जैन तेरापंथ समाचार ब्योरो
आचार्य महाश्रमण ने सेवा को सबसे बड़ा धर्म बताया है।उन्होंने कहा कि बड़े पदों पर आसीन लोगों को भी सेवा के अवसर का पूरा लाभ उठाना चाहिए।
आचार्य श्री यहां राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय मैदान पर शनिवार को 148वें मर्यादा महोत्सव के उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।उन्होंने कहा कि जिस समय सेवा की अपेक्षा है, उस समय इसके लिए तत्पर रहना चाहिए। सेवा पाना महान बात है। अग्रणी को सेवा के काम में किसी तरह का संकोच नहीं करना चाहिए। मुझे अच्छा लगता है कि अग्रणी भी सेवा काम में हमेशा तत्पर रहते हैं। स्वास्थ्य की अनुकूलता हो तो अग्रणी को भी गोचरी करनी चाहिए। अग्रणी चाहे गुरुकुल में हो या पाद विहारी, उसे गोचरी पर जाना चाहिए। इससे सहयोगियों को सहयोग, शरीर के लिए बेहतर और गांव के लोगों की संभाल भी हो सकती है।
250 वर्ष पूर्व लिखित मर्या दा पत्र की स्थापना
२८ जनवरी २०१२ जैन तेरापंथ समाचार ब्योरो
आचार्य ने तेरापंथ के प्रथम गुरु आचार्य भिक्षु द्वारा 250 वर्ष पूर्व लिखित धर्म संघ के संविधान मर्यादा पत्र को माथे से लगाते हुए प्रतिष्ठित किया। उन्होंने कहा कि मर्यादा पत्र हमारा त्राण है, छत्र है और सुरक्षा कवच है। इस मर्यादा पत्र के कारण ही तेरापंथ दीर्घजीवी बना है। उन्होंने मर्यादा महोत्सव के शुभारंभ की घोषणा करते हुए कहा कि मर्यादा मंत्र को आचार्य भिक्षु ने जिस दूरदर्शिता के साथ लिखा है वह आज अन्यत्र कहीं भी दृष्टिगोचर नहीं होती।
सेवा केन्द्र पर नियुक्तियां:
२८ जनवरी २०१२ जैन तेरापंथ समाचार ब्योरो
आचार्यश्री ने मर्यादा महोत्सव के पहले दिन तेरापंथ के निर्धारित सेवा केन्द्रों पर साधु-साध्वियों के सिंघाड़ों की नियुक्तियां की। मुनि धनंजयकुमार को जैन विश्व भारती, लाडनूं में साध्वी प्रमोद श्री, राजलदेसर में साध्वी कैलाशवती, बीदासर में साध्वी विशद प्रज्ञा, श्रीडूंगरगढ़ में साध्वी स्वर्णरेखा, प्रज्ञाश्री और गंगाशहर में साध्वी कनक रेखा को सेवा देने के लिए अधिकृत किया।
मुनि जयंत की छापर सेवा केन्द्र पर नियुक्ति:
२८ जनवरी २०१२ जैन तेरापंथ समाचार ब्योरो
आचार्य ने तेरापंथ धर्म संघ के जनसंपर्क प्रभारी मुनि जयंतकुमार को छापर सेवा केन्द्र के लिए मुनि सुमेरमल सुदर्शन के साथ नियुक्त किया। आचार्य प्रवर ने छापर केन्द्र के लिए आगामी वर्ष के लिए मुनि जयंतकुमार, मुनि तन्मय कुमार, मुनि अनुशासन कुमार को वृद्ध संतों की सेवा का दायित्व सौंपा।
प्रो. उदय भानु को अणुव्रत लेखक पुरस्कार:
२८ जनवरी २०१२ जैन तेरापंथ समाचार ब्योरो
अणुव्रत महा समिति द्वारा गठित अणुव्रत लेखक मंच किसी एक विशिष्ट लेखक को प्रति वर्ष अणुव्रत लेखक पुरस्कार से सम्मानित किया जाता हैं। वर्ष 2010 का पुरस्कार राजस्थान के आमेट में आचार्य महाश्रमण के सान्निध्य में आयोजित समारोह में हरियाणा के लोकप्रिय लेखक कवि प्रो. उदय भानु हंस (हिसार) को दिया गया। प्रवक्ता डॉ. महेन्द्र कर्णावट ने लेखक के महत्व को रेखांकित किया। अणुव्रत महासमिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष बाबूलाल गोलछा ने स्वागत उद्बोधन दिया तथा उपाध्यक्ष डाल चन्द्र कोठारी ने प्रशस्ति पत्र का वाचन किया। कार्यक्रम के दौरान समिति के पदाधिकारियों ने डॉ. हंस को प्रशस्ति-पत्र भेंट किया।