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Rourkela: 17.03.2012
Sadhvi Kundanrekha told that family is integral part of society. Politeness, discipline and tolerance are backbone of sweet relation in family.
News in Hindi
परिवार समाज का अभिन्न हिस्सा: साध्वी
Updated on: Thu, 16 Feb 2012 07:47 PM (IST)
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परिवार समाज का अभिन्न हिस्सा: साध्वी
राउरकेला, जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो संवाददाता:
जैन साध्वी डा. कुंदनरेखा ने परिवार को समाज का अहम हिस्सा बताते हुए कैसे हो रिश्तों में मिठास विषय पर संगोष्ठी को संबोधित किया। संगोष्ठी में तेरापंथ महिला मंडल समेत समाज के विभिन्न वर्ग के लोग उपस्थित थे।
तेरापंथ भवन में चल रहे प्रवचन कार्यक्रम के दौरान आयोजित संगोष्ठी में साध्वी कुंदनरेखा ने कहा कि परिवार समाज की छोटी इकाई है जिसमें पांच सात व्यक्ति मिलकर रहते हैं। कच्चे धागों के समान इनके रिश्ते कैसे मजबूत बनें यह आज के युग की ज्वलंत समस्या है। रिश्तों में खटास के चलते परिवारों के विघटन के साथ साथ कई तरह के अप्रियकर स्थिति उपजती है। आवश्यक है रिश्ते मधुर बनें। मधुर रिश्तों की मजबूती के खातिर बड़ों के प्रति हार्दिक समर्पण एवं छोटों के प्रति स्नेही प्यार जरूरी है। प्रेम वह जादू की छड़ी है जो मधुर वचनों के द्वारा सभी को अभिभूत कर देता है। सहिष्णुता, गंभीरता और विनम्रता जैसे गुणों से परिवार निरंतर फलता फूलता है। आपसी सौहार्द, आत्मिक विश्वास इन रिश्तों को मजबूती देते हैं। वर्तमान जीवन शैली, स्वार्थ प्रधान एवं कषायप्रधान होने से रिश्ते में दरारें पड़ने लगी है। महिलाओं की अस्मिता को पहचानने की जरूरत है। गुणात्मक भावों को लेकर सकारात्मक सोच लेकर आगे बढ़ने की जरूरत है। परिवार का बल ही किसी व्यक्ति को आगे बढ़ाता है। साध्वी सौभाग्य जशा, तेरापंथ महिला मंडल की अध्यक्ष संपद भंसाली समेत तीन दर्जन बहनों ने कैसे हो रिश्ते मधुर पर विचार रखे। डा. गीतांजलि पत्री ने संगोष्ठी की अध्यक्षता की और उन्होंने खानपान में आयी अशुद्धियां तथा नकारात्मक सोच तथा पाश्चात्य संस्कृति के मोहपाश में फंसने से बचने की नसीहत दी।