ShortNews in English
Balotara: 09.07.2012
Mantra Diksha Function was Held in Presence of Sadhvi Laxya Prabha.
News in Hindi
बचपन की शिक्षा-दीक्षा बेहद उपयोगी: साध्वी
बालोतरा ९ जुलाई २०१२ जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो
मनुष्य सामूहिकता में रहते हुए वह सदैव सफल एवं बड़ा बनकर रहना चाहता है। मनुष्य को अंतर्मुखी बनाने के लिए हर धर्म में बचपन में ही उसे शिक्षा-दीक्षा दी जाती है कि ताकि वह बड़ा बनकर प्रतिस्पद्र्धा की जिंदगी में भी सत्य, अहिंसा, नैतिकता, ईमानदारी की राह को कभी नहीं छोड़े। ये विचार तेरापंथ भवन में आयोजित 'मंत्र दीक्षा' कार्यक्रम में आचार्य महाश्रमण की शिष्या साध्वी श्री लक्ष्यप्रभा जी ने बच्चों को मंत्र दीक्षा प्रदान कराते समय व्यक्त किए।
साध्वी श्री जी ने कहा कि वैज्ञानिक प्रयोगों से यह बात स्पष्ट हो चुकी है कि पांच से नौ वर्ष की अवस्था में बच्चों के मानसिक विकास एवं आंतरिक आस्था के जागरण का समय होता है। सुख-सुविधा भरी जिंदगी में बड़े होकर भटक नहीं जाए उसी को ध्यान में रखकर बालकों के नौवे वर्ष में प्रवेश के समय उसे मंत्र दीक्षा दिलाई जाती है। हम सौभाग्य शाली है कि हमें जैन धर्म तेरापंथ मिला। मंत्र दीक्षा में बच्चों को नमस्कार महामंत्र को धारण कराया जाता है। यह एक अति विशिष्ट मंत्र है। इस मंत्र में किसी व्यक्ति विशेष की नहीं अपितु सिद्ध एवं महान आत्माओं का स्मरण किया जाता है। मंत्र के नियमित जप से जो ध्वनि प्रवाह उत्पन्न होता है, वह आसपास के वातावरण को विशेष रूप से पवित्र बनाता है। साध्वी सविता ने कहा कि बच्चे कच्ची मिट्टी के समान होते हैं।
इस उम्र में उन्हें सही मार्ग का दिग्दर्शन भविष्य को उज्जवल बनाता है। साध्वी वसुधा एवं साध्वी श्री मीमांसा प्रभा जी ने कहा कि अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद की ओर से निर्देशित एवं स्थानीय तेरापंथ युवक परिषद की ओर से मंत्र दीक्षा कार्यक्रम बाल पीढ़ी में सत् संस्कार एवं वैराग्य पथ की ओर बढ़ाने का प्रयास है। तेयुप सहमंत्री स्वरूप चंद दांती ने त्रिपदी वंदना करवाई। तेयुप अध्यक्ष राजेश बाफना, मंत्री नीलेश सालेचा, उपाध्यक्ष दिनेश बालड़ ने 85 बच्चों को मंत्र दीक्षा पुस्तक प्रदान की।