ShortNews in English
Jasol: 06.10.2012
Acharya Mahashraman said during Pravachan to keep control over anger. He mentioned some short term and long term way to control anger. Deep breathing is one point which help to control anger. Leave the place is also one way to control anger.
News in Hindi
गुस्से पर रखें नियंत्रण: आचार्य श्री
जसोल(बालोतरा) ०६ अक्तूबर २०१२ जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो
जैन तेरापंथ धर्मसंघ के आचार्य महाश्रमण ने मनुष्य को शांत रहने की प्रेरणा देते हुए कहा कि मनुष्य में गुस्से का स्वभाव अनंतकाल से है। यह गुस्सा कभी-कभी उभर जाता है। मन, वचन व कायिक चेष्टा से भी गुस्सा दिखने लगता है। यह गुस्सा आत्मा का नुकसान करने वाला होता है। यह मनुष्य को परेशान करने वाला, मानसिक शांति का नाश करने वाला होता है। इसलिए व्यक्ति इस गुस्से से स्वयं की रक्षा करें। आचार्य चातुर्मास प्रवचन के दौरान धर्मसभा को संबोधित कर रहे थे। आचार्य ने गुस्से से तात्कालिक व दीर्घकालिक सुरक्षा उपाय बताते हुए कहा कि तात्कालिक सुरक्षा में मौन कर लें और दीर्घश्वास का प्रयोग शुरू कर दें और वह स्थान भी छोड़ दें। व्यक्ति गुस्से से आत्मा की रक्षा का प्रयोग करें, जो काम शांति व प्रेम से हो सकता है, उसके लिए व्यक्ति को गुस्सा नहीं करना चाहिए। आचार्य ने कहा कि डांट भरे वाक्य बोलना, उलाहना देना, गालियां देना बड़ी बात नहीं है। विवेक व शांति रखना बड़ी बात है, गुस्से पर नियंत्रण रखना खास बात है। यह व्यवहार व आत्मा की दृृष्टि से अच्छी बात है कि गुस्सा न आए। पुरुषार्थ प्रयोग व दृढ़ निश्चय से गुस्से को कम किया जा सकता है। मंत्री मुनि सुमेरमल ने कहा कि व्यक्ति वासना मुक्त बने। इंद्रियों के सुखों से उपरत होकर वह मोक्ष को प्राप्त कर सकता है। पदार्थ के त्याग से ज्यादा अहम् का भाव होने पर व्यक्ति का अद्योपतन होता है। इसलिए व्यक्ति जागरूकता से अहम् का वर्जन करके साधना में आगे बढऩे का क्रम बनाएं। ऐसा होने पर वह तेजी से प्रगति करेगा। कार्यक्रम में बैंगलुरु से समाधि चित्त समाधि यात्रा संघ 2012 की ओर से प्रतिक्रमण व कन्या सुरक्षा के साथ अनेकों संकल्प पत्र महिला मंडल की सदस्याओं व हेमराज श्यामसुखा ने आचार्य को उपह्रत किए। मीना श्यामसुखा ने विचार व्यक्त किए। संघ की बहिनों ने गुरुवर मेरे, आए हैं दर तेरे गीत प्रस्तुत किया। संघ की ओर से संकल्पों का गुलदस्ता भेंट किया गया। जसोल. धर्मसभा को संबोधित करते आचार्य महाश्रमण व धर्मसभा में उपस्थित श्राविकाएं।