ShortNews in English
Jasol: 08.10.2012
Acharya Mahashraman inspired villagers to stay away from addiction and give place to Sanyam in life.
News in Hindi
व्यक्ति का जीवन संयमपूर्ण व नशामुक्त हो - आचार्य श्री
जसोल. ०८ अक्तूबर २०१२ जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो
मानव जीवन दुर्लभ है और इस जीवन को पाकर जो आत्मोत्थान के लिए साधना करता है। वह मोक्ष की दिशा में आत्मा को आगे बढ़ा सकता है। इसलिए आदमी ईमानदारी व अहिंसा का जीवन जीए। यह प्रेरणादायी मंगल व्यक्तव्य कुशल समाज सुधारक आचार्य महाश्रमण ने नशामुक्ति पर आयोजित कार्यक्रम में दिया। उपस्थित विभिन्न समाज के लोगों को संबोधित करते हुए आचार्य ने कहा कि व्यक्ति का जीवन संयमपूर्ण व नशामुक्त हो। उसका समय प्रबंधन ऐसा हो कि वह साधना भी कर सके। आचार्य ने कहा कि ५८ घड़ी काम की तो २ घड़ी राय की, ५८ घड़ी कर्म की तो २ घड़ी धर्म की, ५८ घड़ी पाप की तो २ घड़ी आप की, ५८ घड़ी जीव की तो २ घड़ी शिव की। आदमी सत्संग में संयम लगाए। संतों की संगत मिलना भी लाभकारी होता है। सत्संग पापों का नाश करने वाली होती है। सत्संग की महिमा अपरंपार है। आचार्य ने उपस्थित सभी लोगों को नशामुक्ति की पे्ररणा देते नशामुक्ति के संकल्प को आह्वान किया। अनेकों लोगों ने नशा नहीं करने का संकल्प लिया। कार्यक्रम में मुनि जिनेशकुमार, मुनि मदनकुमार, मुनि पृथ्वीराज व मुनि जितेंद्रकुमार ने भी अपनी बात रखी। पूर्व सरपंच भगतसिंह ने स्वागत भाषण दिया तथा नशामुक्ति का संकल्प लिया। कार्यक्रम में लॉयन्स क्लब अध्यक्ष कांतिलाल ढेलडिय़ा, तेयुप अध्यक्ष रमेश भंसाली, अणुव्रत समिति अध्यक्ष पदमसिंह कंवरली व मंत्री सफरु खां ने अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम में अंत में नशामुक्ति के संकल्प पत्र भी भरवाए गए।