Source: © Facebook Muni Saurabh Sagar Ji Maharaj
Hindi:
पिच्छी ले कर नग्न रहे और केश लोंच जो करते हैंतन श्रृंगार रहित होकर जो,बाइस परिसह सहते है
स्व आतम कल्याण करे और पर को मार्ग बताते है
सुलझाते जो मन की ग्रन्थियां,सौरभ सागर जी कहलाते हैं
नमोस्तु गुरुदेव
Saurabh Sagar Ji Maharaj