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पालीताणा में दीक्षा दिवस मनाया
पालीताना ता. 31 मई 2015
विश्व प्रसिद्ध पालीताणा तीर्थ स्थित श्री जिन हरि विहार धर्मशाला में पूज्य गणाधीश उपाध्याय श्री मणिप्रभसागर महाराज के शिष्य मुनि मयंकप्रभसागर महाराज व मुनि मेहुलप्रभसागर महाराज के सानिध्य में मुनि कल्पज्ञसागर महाराज के संयम जीवन के चतुर्थ वर्ष प्रवेश पर अभिनंदन किया गया।
संयम जीवन के चतुर्थ वर्ष प्रवेश के उपलक्ष में दुर्ग निवासी श्रीमति शांतिदेवी छाजेड परिवार की ओर से श्री आदिनाथ मंदिर में आदिनाथ पंचकल्याणक पूजा का आयोजन किया गया। जिसमें मिनेश जैन सी.ए., कंचन बाफना, लक्ष्मी गोलछा, नीता बाफना, संगीतकार संजय जैन आदि ने उत्साह से भाग लिया।
पूज्य श्री कल्पज्ञसागर महाराज को सभी साधु एवं वरीष्ठ साध्वी श्री दिव्यप्रभाश्री आदि ने संयम जीवन की शुभकामनाएं प्रदान की व दादा गुरुदेव से चारित्र भावों के अभिवृद्धि की कामना की।
इस अवसर पर पूज्य मुनि मेहुलप्रभ ने कहा- जीवन धर्म के लिये है। धन के आने से सुख मिलेगा, इसकी कोई गारंटी नहीं है। परन्तु धर्म के आने से जीवन सुखमय बन ही जायेगा, इसमें किसी भी प्रकार का कोई संदेह नहीं है। अपने जीवन को धर्ममय बनाने का पुरूषार्थ करना चाहिये।
वह कुल/घर भाग्यशाली है। जिस घर में संयमी आत्मा का जन्म होता है। आपके घर से एक नहीं, अपितु तीन-तीन संयमी आत्माओं ने जन्म लेकर, दीक्षा लेकर अपनी आत्मा का कल्याण किया है व कर रहे हैं।
प्रेषक विवेक जैन
Muni Kalpagy Sagar
पालीताणा में दीक्षा दिवस मनाया
पालीताना ता. 31 मई 2015
वि’व प्रसिद्ध पालीताणा तीर्थ स्थित श्री जिन हरि विहार धर्मशाला में पूज्य गणाधीश उपाध्याय श्री मणिप्रभसागर महाराज के शिष्य मुनि मयंकप्रभसागर महाराज मुनि मेहुलप्रभसागर महाराज के सानिध्य में मुनि कल्पज्ञसागर महाराज के संयम जीवन के चतुर्थ वर्ष प्रवेश पर वंदन किया गया।
संयम जीवन के चतुर्थ वर्ष प्रवेश के उपलक्ष में दुर्ग निवासी श्रीमति शांतिदेवी छाजेड परिवार की ओर से श्री आदिनाथ मंदिर में आदिनाथ पंचकल्याणक पूजा का आयोजन किया गया। जिसमें मिनेश जैन सी.ए., कंचन बाफना, लक्ष्मी जैन, नीता बाफना, संगीतकार संजय जैन आदि ने उत्साह से भाग लिया।
पूज्य श्री कल्पज्ञसागर महाराज को सभी साधु एवं वरीष्ठ साध्वी श्री दिव्यप्रभाश्री आदि ने संयम जीवन की शुभकामनाएं प्रदान की व दादा गुरुदेव से चारित्र भावों के अभिवृद्धि की कामना की।
इस अवसर पर पूज्य मुनि मेहुलप्रभ ने कहा- जीवन धर्म के लिये है। धन के आने से सुख मिलेगा, इसकी कोई गारंटी नहीं है। परन्तु धर्म के आने से जीवन सुखमय बन ही जायेगा, इसमें किसी भी प्रकार का कोई संदेह नहीं है। अपने जीवन को धर्ममय बनाने का पुरूषार्थ करना चाहिये।
वह कुल@घर भाग्यशाली है। जिस घर में संयमी आत्मा का जन्म होता है। आपके घर से एक नहीं, अपितु तीन-तीन संयमी आत्माओं ने जन्म लेकर, दीक्षा लेकर अपनी आत्मा का कल्याण किया है व कर रहे हैं।
प्रेषक विवेक जैन