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Published: 05.08.2015
Updated: 08.01.2018

Jahaj Mandir Mandawala


Hindi:

03.08.2015
Phalodi

मुनिराज श्री मुक्तिप्रभसागरजी म. व मुनिराज श्री मनीषप्रभसागरजी म. का फलोदी में चातुर्मास प्रवेश उ

परम पूज्य गणाधीश उपाध्याय प्रवर श्री मणिप्रभसागरजी के आज्ञानुवर्ती सरल स्वभावी मुनिराज श्री मुक्तिप्रभसागरजी म. व प्रवचनकार मुनिराज श्री मनीषप्रभसागरजी म. का फलोदी में चातुर्मास हेतु 22 जुलाई 2015 को भव्य प्रवेश हुआ। प्रवेश जुलुस स्थानीय हायर सैकण्डरी स्कूल के पास से बैंड बाजों के साथ धूम धाम से पाश्र्वनाथ जिनालय मार्ग होते हुए कन्हैयालालजी भंसाली (मुनि मनीषप्रभसागरजी म. के सांसारिक पिताजी) के निवास के आगे से निकला। वहां पर भंसाली परिवार ने संघ का स्वागत कर संघ पूजन किया। त्रिपोलिया बाजार से होते हुए जुलूस चुडीगरों के मोहल्ले स्थित बड़ी धर्मशाला में पहुँचा।

रास्ते में जगह-जगह पर मांगलिक गहुंली करते हुए महाराज साहब का बधामणा किया गया। बड़ी धर्मशाला में पहुंचकर जुलुस धर्म सभा में परिवर्तित हुआ।

धर्म सभा में मुनि मनीषप्रभसागरजी ने कहा कि आज पूज्य गुरुदेव की आज्ञा से यहां चातुर्मास हेतु प्रवेश हुआ है। फलोदी मेरी जन्म भूमि, मेरे गुरूओं की कर्म स्थली है। ऐसी जगह पर मुझे चातुर्मास करने का सौभाग्य मिला है जिसका मुझे स्वाभाविक उल्लास है। यहां पर तपस्या की झड़ी लगे। सभी धर्म से जुड़े, बच्चों में अच्छे संस्कार के लिये शिविरों का आयोजन करावे ताकि चातुर्मास सफल हो सके यही मेरी मगंल भावना है। जहां के कण-कण में अपनत्व की सुगंध है। जिस भूमि को साहित्यकारों ने स्वर्ग से भी बढकर बताया हुआ है। फलोदी नगर की जिनशासन में अनुठी छाप रही है। चातुर्मास में हमें आराधना, साधना, तपस्या करने के साथ हमारी चित्त शुद्धि पर भी जोर देना है।

प्रवेश समारोह को निहारने बाहर गांव से अनेक गणमान्य अतिथि पधरे। बाड़मेर खरतरगच्छ संघ के अध्यक्ष रतनचन्दजी संखलेचा, चौहटन से केसरीमलजी धारीवाल, जैसलमेर से महेन्द्र भाई बापना, लोहावट से घेवरचन्दजी पारख, जोधपुर से निलेशजी भसांली, बीकानेर से डागाजी, मुम्बई से प्रदीपजी श्रीश्रीश्रीमाल आदि का बहुमान किया गया। सभी मेहमानों का स्वागत किया गया। सभी महानुभावों ने अपने वक्तव्यों में मुनिजी को वंदन करते हुये चातुर्मास के सफल होने की शुभकामना दी। चौहटन संघ ने कहा कि हमारे गांव में संपन्न पिछला चातुर्मास व ऐतिहासिक उपधान तप की आराधना की यादें आज भी तरोताजा है।

उल्लेखनीय है कि मुनि श्री मनीषप्रभसागरजी म. की जन्म भूमि फलोदी है। 28 वर्ष पूर्व इन्होंने पादरू में दीक्षा लेने के बाद फलोदी में चातुर्मास करने हेतु प्रथम बार पधारे है। जिससे पूरे गांव को आज हर्ष है।

धर्म सभा में महावीर महिला मण्डल, पदम पुष्प मण्डल ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया। संस्कार वाटिका के महावीर, मोहित कोठारी बंधुओं ने नृत्य के साथ स्वागत गीत प्रस्तुत किया।

-मूलचन्द कोठारी

फलोदी में चातुर्मास प्रवेश उल्लास के साथ हुआ

परम पूज्य गणाधीश उपाध्याय प्रवर श्री मणिप्रभसागरजी के आज्ञानुवर्ती सरल स्वभावी मुनिराज श्री मुक्तिप्रभसागरजी म. व प्रवचनकार मुनिराज श्री मनीषप्रभसागरजी म. का फलोदी में चातुर्मास हेतु 22 जुलाई 2015 को भव्य प्रवेश हुआ। प्रवेश जुलुस स्थानीय हायर सैकण्डरी स्कूल के पास से बैंड बाजों के साथ धूम धाम से पाश्र्वनाथ जिनालय मार्ग होते हुए कन्हैयालालजी भंसाली (मुनि मनीषप्रभसागरजी म. के सांसारिक पिताजी) के निवास के आगे से निकला। वहां पर भंसाली परिवार ने संघ का स्वागत कर संघ पूजन किया। त्रिपोलिया बाजार से होते हुए जुलूस चुडीगरों के मोहल्ले स्थित बड़ी धर्मशाला में पहुँचा।

रास्ते में जगह-जगह पर मांगलिक गहुंली करते हुए महाराज साहब का बधामणा किया गया। बड़ी धर्मशाला में पहुंचकर जुलुस धर्म सभा में परिवर्तित हुआ।

धर्म सभा में मुनि मनीषप्रभसागरजी ने कहा कि आज पूज्य गुरुदेव की आज्ञा से यहां चातुर्मास हेतु प्रवेश हुआ है। फलोदी मेरी जन्म भूमि, मेरे गुरूओं की कर्म स्थली है। ऐसी जगह पर मुझे चातुर्मास करने का सौभाग्य मिला है जिसका मुझे स्वाभाविक उल्लास है। यहां पर तपस्या की झड़ी लगे। सभी धर्म से जुड़े, बच्चों में अच्छे संस्कार के लिये शिविरों का आयोजन करावे ताकि चातुर्मास सफल हो सके यही मेरी मगंल भावना है। जहां के कण-कण में अपनत्व की सुगंध है। जिस भूमि को साहित्यकारों ने स्वर्ग से भी बढकर बताया हुआ है। फलोदी नगर की जिनशासन में अनुठी छाप रही है। चातुर्मास में हमें आराधना, साधना, तपस्या करने के साथ हमारी चित्त शुद्धि पर भी जोर देना है।

प्रवेश समारोह को निहारने बाहर गांव से अनेक गणमान्य अतिथि पधरे। बाड़मेर खरतरगच्छ संघ के अध्यक्ष रतनचन्दजी संखलेचा, चौहटन से केसरीमलजी धारीवाल, जैसलमेर से महेन्द्र भाई बापना, लोहावट से घेवरचन्दजी पारख, जोधपुर से निलेशजी भसांली, बीकानेर से डागाजी, मुम्बई से प्रदीपजी श्रीश्रीश्रीमाल आदि का बहुमान किया गया। सभी मेहमानों का स्वागत किया गया। सभी महानुभावों ने अपने वक्तव्यों में मुनिजी को वंदन करते हुये चातुर्मास के सफल होने की शुभकामना दी। चौहटन संघ ने कहा कि हमारे गांव में संपन्न पिछला चातुर्मास व ऐतिहासिक उपधान तप की आराधना की यादें आज भी तरोताजा है।

उल्लेखनीय है कि मुनि श्री मनीषप्रभसागरजी म. की जन्म भूमि फलोदी है। 28 वर्ष पूर्व इन्होंने पादरू में दीक्षा लेने के बाद फलोदी में चातुर्मास करने हेतु प्रथम बार पधारे है। जिससे पूरे गांव को आज हर्ष है।

धर्म सभा में महावीर महिला मण्डल, पदम पुष्प मण्डल ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया। संस्कार वाटिका के महावीर, मोहित कोठारी बंधुओं ने नृत्य के साथ स्वागत गीत प्रस्तुत किया।

-मूलचन्द कोठारी

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