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🌞☀🌇नवप्रभात🌋🌄🌅 पूज्य गुरुदेव खरतरगच्छाधिपति श्री मणिप्रभसागरजी म.सा. की मंगल वाणी 🌸 जीवन में संसार के लिए बहुत पुरुषार्थ साधा है | ऐसा पुरुषार्थ हर जन्म में साधते आये है | पाया कुछ भी नहीं, मिला कुछ भी नहीं | चलना बहुत हुआ पर पहुंचे कही भी नहीं | संसार के लक्ष्य से अपने हाथ-पाँव बहुत चले है | बुद्दी का प्रयोग, क्षमता का उपयोग भी बहुत किया है | कुछ नहीं पाने पर भी पाने के भ्रम से भरे भावो में जिया हूँ | दुनिया से दुनिया के लिए लड़ा हु, लड़ रहा हु | होश अभी तक नहीं आया है | 🍃 युध्द अपने साथ करो| बाहर युध्द करने से क्या मिलेगा? अपनी आत्मा को जीती, यही परम सुख का उपाय है| यह जीवन जितने के लिए है | यदि नहीं जीता, तो जीवन हार जायेंगे | 🌴 प्रश्न है किसे जितना है | प्रभु महावीर की वाणी कहती है, अपने आपको जीतो | दुनिया को जीतने से कुछ भी मिलने वाला नहीं है और लाख पुरुषार्थ कर ले तब भी दुनिया को जीता नहीं जा सकता | दुनिया तो छोड़ने के लिए ही है | दुनिया को पाने का अर्थ ही खोना है | फिर उसे कैसे जीता जा सकता है | हम अपने आप को जीत सकते है | अपने स्वभाव् पर अपना नियंत्रण होना ही अपने आप को जीतना है, लड़ो अपने से,जीतो अपने को, इस सूत्र में अध्यात्म की गहराइयां छिपी है | इसे अपनी दिनचर्या में उतारे || 🌿 प्रेषक - गौतम संखलेचा चेन्नई | |
Upadhyay Mani Prabh Sagar |