12.12.2015 ►Acharya Shri VidyaSagar Ji Maharaj ke bhakt ►News

Published: 14.12.2015
Updated: 05.01.2017

News in Hindi

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जय जिनेन्द्र सभी को

मेरा आतम सब जीवों पर मैत्री-भाव करे,
गुण-गण-मण्डित भव्य-जनों पर प्रमुदित-भाव धरे।
दीन-दुखी जीवों पर स्वामी! करुणा-भाव करे
और विरोधी के ऊपर नित समता भाव धरे॥१॥

जिनवाणी-पुत्र क्षुल्लक श्री ध्यानसागर जी महाराज के मधुर स्वर में सामायिक-पाठ भावना-द्वात्रिंशतिका का हिंदी पद्यानुवाद -

* भावना-द्वात्रिंशतिका (सामायिक पाठ) हिन्दी

Size - 37 mb
Duration - 39 minutes
राग - मिश्र बागेश्री
इस राग का काल - रात्रि 10 से 12 के बीच

फायदे- तनाव से एवं अनिद्रा से राहत एवं सहज शिथिलीकरण
(Relief from Stress and insomnia and relaxation)

वैसे तो इस रचना को कभी भी सुना जा सकता है, लेकिन राग के निर्धारित समय पर सुनने से धर्म-लाभ के साथ-साथ शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य में भी लाभ हो सकता है।

तो आइये, सामायिक-प्रतिक्रमण के संग प्रभु के भक्तिमय एवं संगीतमय गुण-गान के साथ जीवन को स्वस्थ बना कर अपने अन्तर्मन को भक्ति के आनन्द से ओतप्रोत करें।

MP3 फ़ाइल इस लिंक से प्राप्त करे

http://www.dhyansagarji.com/…/Paa…/Samayikpath-Hindi%252Emp3

जैनं जयतु शासनम्

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