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🌍 आज की प्रेरणा 🌍प्रवचनकार - आचार्य श्री महाश्रमण
विषय - शरीर को विभूषित करें
प्रस्तुति - अमृतवाणी
संप्रसारण - संस्कार चैनल के माध्यम से --
आर्हत वाड्मय में कहा गया है - आदमी शरीर धारण करता है, उसका भरण पोषण करता है, लेकिन क्यों? इस शरीर को धारण करने का लाभ क्या है? शरीर धारण का सबसे बड़ा लाभ है - पूर्व संचित कर्मों को क्षीण करना हमारा यह शरीर एक ओर पुर्व संचित कर्मों को क्षीण करने का माध्यम है तो दूसरी ओर पाप अर्जन का साधन भी बन सकता है | आदमी सलक्ष्य पाप की ओर प्रस्थान न कर, धर्म की ओर प्रवृति करे | वह अपने शरीर को धर्म की भावना,सेवा भावना व आध्यात्म भावना के आभुषणों से विभूषित करे| ऐसा करने से हमारा शरीर को धारण करना सार्थक बन सकता है | आचार्य सोमप्रभ सूरि ने सही कहा - शरीर के विभिन्न अंगों की विभूषा के लिए बतलाया - हाथ को कंगन की बजाय दान से, सिर को मुकुट की बजाय गुरु वंदन से, मुख को सत्य वाणी से, कान को कुंडल की जगह आगम श्रवण से, हृदय को हार की बजाय पवित्र भावों से और भुजाओं को बाजुबंद की जगह पौरुष से विभूषित करें| इस प्रकार यदि हम अपने शरीर को बाह्य आभूषणों की जगह गुणात्मक आभूषणों से विभूषिक करेंगे तो हमारा इस शरीर को पाना अधिक सार्थक होगा | शरीर को हम खाना दे रहे हैं तो अच्छे कार्यों द्वारा इसका लाभ भी उठायें व प्राप्त देह को धर्म के कार्यों की ओर प्रवृत करें|
दिनांक- १७ दिसम्बर २०१५, बृहस्पतिवार
News in Hindi
दि.16 दिसम्बर 2015 के कार्यक्रम।
♦जलगांव: मुनि श्री का मंगल विहार।
♦उदयपुर: खान मंत्री ने किये मुनि श्री के दर्शन।
17.12.2015
प्रस्तुति > तेरापंथ मीडिया सेंटर
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