15.07.2016 ►Acharya Shri VidyaSagar Ji Maharaj ke bhakt ►News

Published: 15.07.2016
Updated: 05.01.2017

Update

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#purnmati @ #chaturmas ✿ जैनाचार्य विद्यासागरजी महाराज की शिष्या आर्यिका पूर्णमति माताजी ससंघ आठ माताजी का पावन वर्षायोग गुना शहर में होगा। आर्यिका संघ में शामिल 8 माता जी ।

पूर्णमति माता जी की आवाज़ में भक़्तामर, शांतिधारा, अभिषेक पाठ आदि download from this link: http://www.vidyasagar.net/downloads/jain-audio/aryika-105-purnamati-mata-ji/

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#vidyasagar UPDATE & Early life story आज आचार्य श्री ने विदिशा से भोपाल की ओर विहार कर दिया हैं पर बीच में कुछ रास्ते ओर भी जाते हैं.. देखते ह क्या होता हैं वैसे भोपाल से न्यूज़ हैं की आचार्यश्री के चातुर्मास कलश की स्थापना 24 को हो सकती हैं.. पर समय बताएगा क्या होगा:))

आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज का जन्म कर्नाटक के बेलगाम (ग्राम सदलगा) के पास चिक्कोड़ी ग्राम में अश्विन शुक्ल पूर्णिमा (शरद पूर्णिमा) के दिन दिगंबर जैन परिवार में हुआ था। उनकी पिता का नाम मल्लपा जी अष्टगे तथा माता श्रीमती जी जो दोनों ही बाद में मुनि और आर्यिका हो गए थे। आचार्यश्री के चार भाई और दो बहन है।

आचार्य विद्यासागरजी ने सन् 1967 में आचार्य देशभूषण जी से ब्रह्मचर्य व्रत धारण किया। महाकवि आचार्य ज्ञानसागर जी महाराज से आषाढ़ शुक्ल पंचमी (30 जून, 1968, रविवार) को अजमेर में उन्होंने दिगंबर पद्धति से मुनि दीक्षा ग्रहण की।

दिगंबर जैन संतों में सबसे ऊंचा स्थान आचार्यों का है। आचार्यश्री ने नसिराबाद में आचार्य ज्ञानसागर द्वारा 22 नवंबर 1972 को आचार्य का पद ग्रहण किया।

ज्ञात हो कि जैन धर्म में आचार्य का दर्जा साधुओं और उपाध्यायों से ऊपर है। जो पांच नमस्कार कहें गए हैं। उनमें एक नमस्कार आचार्यों को नमन किया गया है। दोनों तरफ से गिनती करने पर तीसरे नंबर पर आचार्यों की उपस्थिति है।

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#vidyasagar towards #bhopal.. BREAKING NEWS आज दोपहर में आचार्य श्री का विहार विदिशा से भोपाल की और हो गया हैं!!:):D *14 वर्ष की प्रतीक्षा होगी अब पूरी* ✨✨ *आखिर भोपाल बालो के भाग्य खुल ही गए*

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✿ एक पोस्ट 47,000 मेम्बेर्स के नाम.. क्यों ADMIN चाहते थे पेज बंद हो जाए? ऐसा क्या हो गया 3-4 दिन में.. Admin की आपबीती Admin की जुबानी:(जरुर पढ़े और हा शेयर करे 'Admin का कैसे harassment हुआ!:(जैन लोगो में फैलता हुआ black truth

जिस दिन से पेज बनाया गया हैं उसी दिन से हम जैन धर्मं की पक्षपात/ discrimination से रहित होकर पेज पर content डालते हैं, लेकिन अभी 3 दिन पहले पेज के INBOX & COMMENT BOX में अचानक मेसेज आने लगे की आप दुसरे आचार्यो/ मुनिराजो की पिक्चर नहीं डाल सकते.. आचार्य श्री तो 20 पंथ का विरोध करते हैं आप 20 पंथ का matter नहीं डाल सकते और पेज में सिर्फ वही डाले जो हम कहे [ जो इन मेसेज/call करने वाले लोगो को अच्छा लगता हैं ] लेकिन सबसे Danger Situation तब बनी जब Admin को अनजान 2 जैन लोगो के कॉल आये और उन्होंने ना ही तो अपना नाम बताया और कहने लगे ‘आप आचार्य श्री के पेज पर आचार्य श्री विद्यासागर जी को छोड़ कर अन्य किसी भी संघ के साधू/ मुनिराज आचार्य की अपडेट या फोटो या कंटेंट नहीं डाल सकते.. कुछ नाम भी लिए उहोने मुनिराजो के, भगवान् बाहुबली [ श्रवणबेलगोला ], मांगी-तुंगी की पिक्चर नहीं डाल सकते.. ‘अभी हम आराम से समझा रहे हैं समझ जाओ.. और ये पेज बंद करो अभी या जैसे हम कहते हैं वैसे करो वरना..’ ये उन दोनों लोगो के शब्द थे.. और बहुत Rudely बात कर रहे थे:(

आप जैन होकर दुसरे जैन को डरा रहे हो.. धमका रहे हो? एक person जिसने 3 year पेज को दिए हैं उसका mental harassment कर रहे हो? कहा गयी साधर्मी से वात्सल्य रखने की भावना? हम लोग एक हो सिर्फ जैन हो ऐसी बड़ी बाते करते हैं और आचार्य श्री के पेज पर दुसरे आचार्यो की पिक्चर नहीं देख सकते? और आचार्य कहा, इन लोगो ने तो भगवान् को भी बाट लिया हैं कौन सी प्रतिमा जी पूज्य हैं और कौन नहीं!! कहा गया जैन धर्मं की जान... अनेकान्तवाद? जो पोस्ट पसंद नहीं हैं avoid कर सकते हैं, ना की आप खुद आचार्य श्री हो ऐसे behave करने लग जाओ, दिक्षिण जा कर दिखिए पता चलेगा पंचामृत अभिषेक कितना सच्चा और कितना झूठा हैं. आचार्य श्री हमेशा कहते हैं इतिहास पढो तो एक बार पढो तो! जिसको जो अच्छा लगे करो लेकिन दुसरे को डराओ तो गलत हैं! जब मुनि प्रमाणसागर जी खुद कहते हैं जहा जैसी व्यवस्था हैं वैसी करो तो, आज सुबह भी मुनि प्रमाणसागर जी बोले हैं दुरागाह नहीं करो.. आपको जो अच्छे लगे करो पर अगर आप अपनी विचार दुसरे पर थोपना चाहो तो बिलकुल गलत हैं और लड़ाई को जन्म देगा, समाज को बाटेगा आपका दुराग्रह और थोपना अपनी बात को! हम आचार्य विद्यासागर जी को मानते हैं. तो उनकी भी तो मानो भैया! आपको अच्छा नहीं लगता तो पेज को dislike करदो लेकिन ये लोग ऐसे बाते करते हैं जैसे ये लोग ही आचार्य श्री हो गए हैं या आचार्य श्री के Representative हो.. ये लोग फ़ोन करके आर्डर देते हैं डराते हैं! एक तरफ पानी छान कर पियो और दूसरी और पंथवाद तथा साधुवाद पर दुसरो को डराओ जो आपकी मर्जी नहीं माने? इस पेज में सब तरह की पोस्ट इसलिए की जाती हैं ताकि हम सब लोग एक जुट हो सब एक साथ आवे, पंथवाद कम हो.. हम जिन धर्मं को समझे.. आचार्य श्री के महान प्रवचनों को समझे, पर मेरी आँखों में आंसू आगये थे जब कॉल सुनी थी:(सही में हम लोग कभी एक नहीं हो सकेंगे, लोगो में पंथवाद का जहर बहुत आ चूका हैं, हम धर्मं नहीं पंथ फॉलो करते हैं! उसी का रिजल्ट हैं अब एक जैन दुसरो जैन को डराता हैं, सब फर्जी हैं ना हम लोगो का धर्मं का नाटक हैं!!

आचार्य श्री हम Admin के आराध्य देवता हैं.. और आदर्श हैं वे हमारे.. दिल में रखकर जैन धर्मं की प्रभावना के लिए पेज बनाया था. लेकिन ऐसे हमें कुछ लोग परेशान करेंगे कभी सोचा नहीं था? भैया हम Admin लोग आप सब 47,000 लोगो तथा उन फ़ोन करने वालो से भी क्षमा याचना करते हैं हमें क्षमा करे भैया! और उनसे एक request हैं आचार्य श्री के प्रवचन भी पढ़े, धर्मं कभी थोपा नहीं जा सकता और ग्रहण किया जाता है.. आचार्य श्री कहते हैं मुनि बनाया नहीं जाता, मुनि होते हैं.. धर्मं की क्रिया आप थोपना चाहे कभी संभव नहीं हैं उल्टा आप समाज में द्वेष और पंथ भावना पैदा कर देंगे, आचार्य श्री का नाम लेकर क्यों धर्मं को बदनाम करते हैं, अपनी भी कषाय कर रहे हैं और दुसरो की भी!

हम पक्षपाती नहीं हो सकते.. क्या आचार्य श्री जैन धर्मं का हिस्सा नहीं हैं? जो हम Admin आचार्य श्री की अपडेट कर सकते हैं परन्तु जैन धर्मं से रिलेटेड और पोस्ट नहीं कर सकते? अरिहंत भगवान् से जिनवाणी निकली हैं और जिनवाणी से साधू बनते हैं.. और उसी क्रम में वे पूज्य हैं!! अनेकान्तवाद,, जो कहता हैं सत्य के बहुत स्वरुप हो सकते हैं और अंशो में बहुत लोगो द्वारा कहा जा सकता हैं.. ये पोस्ट कोई सहानुभूति लेने के लिए या TRP के लिए नहीं बल्कि आप लोगो तक ये बात पहुचाने के लिए की हैं की आप लोग देखे कैसे पंथवाद लोग करते हैं और बिना बात के ड्रामा बना रहे हैं, आज पहली बार एक बात और Admin disclose करते हैं की इस पेज के कंटेंट से प्रभाविक हो कर कुछ लोगो ने non-veg तक का त्याग किया हैं तथा कुछ और परिवर्तन भी लोगो में आये हैं इस पेज से! एक request हैं आप में से अगर कोई आचार्य श्री के पास जाए दर्शन करने तो उन तक बात पहुचाय की please, आचार्य श्री के भक्त बताने वाले कुछ लोग कैसे कॉल करके डराते हैं आचार्य श्री तक ये बात पहुचनी चाहिए ताकि.. धर्मं की आड़ में धर्मं बदनाम ना हो.. आप अपने विचार जरुर दे कमेंट में..

EVERYONE WANTED TO KNOW REASON TO CLOSE PAGE SO WE ADMINS HAVE SHARED, NOW ITS YOUR TURN TO SHARE THIS POST AND MAKE VIRAL! -admin team

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कल सुबह जहॉ से आचार्य भगवन का निकलना हुआ वहां के लोगो का कहना है की रात भर से यह नदी तेज़ बहाव पर थी मगर जब गुरुदेव के निकलने का समय हुआ तो कुछ समय के नदी का बहाव अपने आप कम हो गया और देखते ही देखे गुरुदेव संघ सहित नदी को पर गए और थोड़ी देर बाद फिर नदी का बहाव तेज़ हो गया और कोई भी नदी पार नहीं कर पाया पूरे दिन और शाम तक नदी का बहाव तेज़ रहा ।

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अपने गुरु:))

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#vidyasagar @ • #vidisha ✿ बिहार अपडेट.. अचारी श्री से आशीर्वाद लेती माता जी *परम पूज्य आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज ससंघ शीतलधाम विदिशा में विराजमान है* आज की *आहारचर्या प्रकाश चंद जैन झाँझरी नंदुरबार महाराष्ट*के चौके में हुई।इस परिवार का चौका विहार में कई दिनों से साथ चल रहा है

*मुकेश जैन ढाना सागर*

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#vidyasagar @ #vidisha आचार्य श्री का मंगल प्रवेश विदिशा में हुआ.. LIVE प्रवचन LIVE pic

आचार्य श्री ने कहा विना सौचे समझे जो चरण पढते है वह आचरण नही, उन्होंने कहा आज विधालयों की संख्या वहूत वड गई है और उनमें शिक्षा पाने वाले विद्धार्थी नही मिल रहे आज विद्या विदेशियों के हाथ में चली गई है विद्या वह होती है जंहा अझान का नाश होता है किन्तू हम देख रहे है वह वेतन की और दृष्टि है वह अपने चेतन को भूलता जा रहा है!!!!

भाषा की परतंत्रता पर प़हार करते हुये कहा कि क्या हिन्दी मैं शोध प्रबंध नही लिखा जा सकता विदेशियों की भाषा विदेश नीती की ओर इशारा करती है। इंगलिश के विना आज शोध नही लिखा जाता उन्होंने कहा अपनी भारत की भाषा को अपनाने की वात कही.. इण्डिया को क्यों स्वीकार कर लिया आपका भारत है और उस भारत के वैभव को नष्ट मत करो विद्यालय मैं विद्या मे यदि चेतन के विकास की ओर आपकी दृष्टि होगी तोआपकी शिक्षा कारगर होगी!!

pic & pravachan shared by brajesh jain -loads thanks him

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