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✅✅जय जिनेन्द्र✅✅
20//07//16
वैशाली नगर भिलाई
विशुद्ध देशना
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*कलश स्थापना*
18//07//16
1-हे जीव!! चातुर्मास तन की रक्षा के लिए नहीं, कलेंडर पोस्टरों के लिए नहीं चातुर्मास तो प्राणी मात्र की रक्षा के लिए होता है।।
2-हे मित्र!! मूलाचार जी आया है कि आकांक्षाये ही *काम* है काम अर्थात कामनाये है। ज्ञानी!! घुन का कीड़ा तो गेंहू के किनारे को खोखला करता है लेकिन मित्र!! आकांक्षा का कीड़ा तो पुरे शरीर को खोखला कर देता है।।
3-चातुर्मास,वर्षायोग योग मतलब जोड़ना। जो टूटी हुई समाज को जोड़ दे उसका नाम चातुर्मास जब महावीर भगवान का समोशरण लगता था तो शेर और गाय एक साथ आकर बैठते थे ऐसे ज्ञानियो!! जब किसी नगर में साधू आये और जिनदेव की वाणी गुरु मुख से खिरे तो सम्पूर्ण समाज एक साथ मिलकर बैठे उसका नाम वर्षायोग।।
4- हे जीव!! ये चातुर्मास आडंबरों का नहीं दिगम्बरत्व की रक्षा के लिए होता है।।
5-हे श्रमण!! विचरण करते रहना चाहिए जिससे तुम्हारी चित्त की विशुद्धि बनी रहती है इसलिए दिगम्बर योगी अनियत विहारी होते है।।
6-हे मित्र!!चातुर्मास किसी अपने द्वारा बनाये गए स्थान पर नहीं होता है श्रावक या समाज द्वारा बनाये गए स्थान पर होता है।।
*गुरु पूर्णिमा*
19//07//16
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1-हे जीव!! जब गुरुर मिट जाये तब ही गुरु मिलेगा।।
2-हे मित्र!! सम्मान (तिलक,माला) के लिए किसी को गुरु मत बनाना समाधि हो उसके लिए गुरु बनाना।।
3-हे युवाओं!! जो अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाये उसका नाम है गुरु।।
4-ज्ञानियो!! जब सूखे बांस आपस में मिल जाये तो अग्नि उत्पन्न हो जाती है ऐसे ही जब प्रभु /गुरु और भक्त मिल जाये तो वीतराग और वैराग्य रूपी अग्नि उत्पन्न हो जाती है।।
5-हे जीव!! जब माता और पिता दोनों की प्रीति होती है तब ही सन्तान का जन्म होता है ऐसे ही जब गुरु और शिष्य की प्रीति होती है तब ही मोक्ष रूपी संतान का जन्म होता है।।
||जो है सो है||
।।जैनम् वचनम् सदा वंदे।।
वैशाली नगर भिलाई में बहुत ही भव्य आयोजन के साथ चर्या शिरोमणि आचार्य भगवन 108 विशुद्ध सागर जी महराज जी ससंघ की कलश स्थापना, गुरुपूर्णिमा,और वीरशासन जयंती सानंद संपन्न हुई। जिसमे पूरा छत्तीसगढ़ (रायपुर,दुर्ग, भिलाई, राजिम, अकलतरा,)और समस्त प्रदेशो से (सागर, भोपाल छिंदवाड़ा भिंड, ग्वालियर, झाँसी, भीलवाड़ा, रतलाम, इंदौर, टीकमगढ़, पूना, मुम्बई, हैदरावाद,) गुरुभक्तों से भाग लिया।।
*आचार्य भगवन 108 श्री विशुद्ध सागर जी महाराज*
चातुर्मास कलश स्थापना वैशाली नगर भिलाई
1. प्रथम कलश का सौभाग्य श्री हंसराज जी रमेश कुमार रावकां परिवार राजिम को मिला।
((*3131331*))
2. दूसरा श्रमण संस्कृति कलश हेमचंद्र मीना जी तिलक नगर इंदौर(*1313313*)
3. तीसरा वाचना कलश जिनवाणी चैनल पर देख कर भाव बनाकर संजय गेतल, सोनू गैतल विदिशा (*1111111*)
4.चौथा सम्यक् दर्शन कलश करोड़मल जी अध्यक्ष चातुर्मास कमेटी भिलाई (*555555*)
5. पाँचवा सम्यक् ज्ञान कलश लाल चंद्र जी आशीष कुमार अनिल कुमार जी लुहारिया परिवार जी वैशाली भिलाई
(*611145*)
6.छठा कलश सम्यक् चारित्र कलश अरविन्द जी भिलाई (*666606*)
7. 21 कलश(*111111*)
8. पाद प्रक्षालन किशोर जी अनिमेष जी पहाडे हैदराबाद(*222222)*)
9. शास्त्र भेंट संजय जी काला परिवार वैशाली नगर भिलाई (*221221*)
।।नमोस्तु शासन जयवन्त हो।।
।।श्रमण संस्कृति सेवा समिति।।
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