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Today pravachan and picture!! नियम संयम के साथ तभी गुरु भक्ति सार्थक आचार्य विद्यासागर जी #vidyasagar @ #bhopal
हबीबगंज जैन मंदिर में श्रद्धालुओं ने आचार्य विद्यासागर जी की गुरुवंदना कर आरती उतारी। अपने विशेष प्रवचन में आचार्यश्री ने कहा कि गुरु द्वारा बताए नियम व अनुशासन का पालन करें। आपकी गुरु भक्ति तभी सार्थक होगी। उन्होंने कहा कि गुरु अपने बंधन में जिसे बांधता है, फिर वह ईश्वर से बंध जाता है। प्रवक्ता ने बताया कि देशभर से आए आचार्यश्री के उद्योगपति शिष्यों ने स्वर्णथाल में पाद प्रक्षालन कर मंदिर के लिए एक बड़ी दान राशि देने की घोषणा की।
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#Amitabhbachan #tarunsagar:)
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what Acharya shri says -उनका मेसेज #vidyasagar MUST READ
✿ जहा एक और आचार्य विद्यासागर जी जाति-बंधन से उपर उठकर जन-जन के संत बन चुके हैं... उनकी तप ख्याति और यश चारो और फ़ैल रहा हैं, जिन धर्मं की पताका लहरा रहा हैं.. भोपाल भव्य आगवानी इसका उदाहरण हैं.. कोई नहीं बता सकता था कौन जैन हैं और कौन नहीं क्योकि तब सब इस वैरागी संत के दीवाने थे.. एक झलक पाने को लालायित थे.. धन्य हैं आचार्य श्री.. वे सदा जयवंत रहे! दूसरी और हम लोग अगर अपनी संकुचित मानसिकता के कारन आचार्य श्री के व्यक्तित्व को पंथ में बांधना चाहे तो ये हमारी कमी हैं! जिसने इस व्यक्तित्व के दर्शन नहीं किये कभी! उनको नहीं पता उन्होंने महावीर स्वामी की जीवंत प्रतिकृति तो देखि नहीं.. आचार्य श्री का व्यक्तित्व इतना बड़ा हैं की कह पाना असंभव हैं! ये वो संत हैं वो चला जा रहा हैं मोक्ष पथ पर.. मंजिल पाने की मन में लिए!!:) ये संत इतना संवेदनशील हैं की लोग कहते हैं आचार्य श्री जैन धर्मं के विवादित बातो पंथ पूजा पर अपना विचार दे कर ख़तम करे फाइट को.. आचार्य श्री संकेत देते हैं आपको जो अच्छा लगे करो, आप पुरे खारे समुद्र को पिने योग्य पानी बनाना चाहो तो संभव नहीं पर अपना एक गिलास साफ़ करके पी सकते हैं... मर्जी आपकी!! आचार्य श्री के रत्नकरंड श्रावकाचार के प्रवचन के ये शब्द याद हैं, आचार्य श्री कहते हैं 'जैसे द्रोणाचार्य का ध्यान सिर्फ केंद्र बिंदु पर था.. तभी वो उसको भेद सका इसी प्रकार अगर हम मोक्ष मंजिल को केंद्र बना कर चलते हैं तो मंजिल प असकेंगे और अगर मार्ग में उलझ जायेंगे तो मंजिल मिले कैसे जब आपका goal ही नहीं!' आचार्य श्री कहते हैं जिसको समझना हैं उनको अधिक कहने की जरुरत नहीं..
Article written by ADMIN @ Acharya Shri VidyaSagar Ji Maharaj ke bhakt:) Inspiration from Rashmi Singhai, Pune. -loads thanks her!
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Exclusive yesterday pravachan n picture #vidyasagar @ #bhopal ✿
बुंदेलखंडी पूजा पर झूमे भक्त.. बुधवार को आचार्य विद्यासागर जी महाराज की पूजन संगीत के साथ बुंदेलखंडी भाषा में की गई। खड़ी भाषा और भक्ति से साराबोर बुंदेलखंडी शब्दों को सुनकर न केवल भक्त जमकर झूमे, स्वयं आचार्यश्री और मुनिगण भी बुंदेलखंडी पूजन के भाव सुनकर मुस्कराएं बगैर नहीं रह सके।
भोपाल में पहली बार आचार्य विद्यासागर के महाराज के सानिध्य में बैठक वीर शासन जयंती महोत्सव मनाया। वीर शासन जयंती जैन समाज का नया वर्ष है क्योंकि इसी दिन भगवान महावीर की दिव्य ध्वनि खिरी थी और गौतम गणधर उनके शिष्य बने थे। 2568 साल पहले यह घटना बिहार के राजगृही के विपुलाचल पर्वत पर घटित हुई थी।
दिगम्बर जैन मंदिर हबीबगंज में आयोजित वीर शासन जयंती का महत्व समझाते हुए आचार्य विद्यासागर जी महाराज ने कहा कि भगवान महावीर 24वें और अंतिम तीर्थंकर हैं। जैन धर्म के अनुसार वर्तमान भगवान महावीर का शासनकाल है। आचार्यश्री ने कहा कि भगवान महावीर ने दिगम्बरी दीक्षा लेने के बाद 12 साल तक मौन साधना की थी। भगवान महावीर को केवल ज्ञान होने के बाद उनका समोषण सजने के बाद भी 66 दिन तक उनकी दिव्य ध्वनि सुनाई नहीं दी। तभी गौतम गणधर ने अपने 500 शिष्यों के साथ भगवान महावीर की वीतरागता से प्रभावित होकर उन्हें अपना गुरू स्वीकार किया था। गौतम गणधर के समोशरण में आते ही भगवान महावीर की दिव्य ध्वनि खिरने लगी।
Info n Pic shared by mr. brajesh jain -loads thank him!
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