Update
हैरतंगेज़ जानकारी [ दिगम्बर /नग्न स्वरूप के बारे में ]
इस्लाम में त्याग ओर वैराग्य का महत्वपूर्ण स्थान हैं, उसमें ऐसे दरवेश हुए हैं जिन्होंने दिगम्बरत्व [ नग्न मुनि अवस्था ] की काफ़ी हिमाक़त की । तुर्किस्तान में "अब्दल" Abdal, नामक दरवेश स्पष्ट नंगे रहकर अपनी साधना में लीन रहते बताए गए हैं । www.jinvaani.org यहूदी धर्म की प्रसिद्ध पुस्तक "The Ascension of Isaiah" [ page-32 ] में साफ़ लिखा हैं की वह जो मुक्ति की प्राप्ति में श्रद्धा रखते थे एकांत पर्वत पर जा जमे - वे सब संत थे उनके पास कुछ नहीं था ओर वे नंगे थे ।
#Digambara #Jainism #Tirthankara #Tarunsagar #vidyasagar
Source: © Facebook
साधू का दिगम्बरत्व [ नग्नता ] रूप साधना का एक उत्कृष्ट रूप है, विकार और दुर्बलता रहित है! -मुनि प्रमाणसागर जी #Pramansagar #Tarunsagar #Digambara #Shantisagar #Jainism #Tirthankara #ArvindKejriwal
चारित्र चक्रवर्ती आचार्य श्री शांति सागर जी महाराज [ दिगम्बर नग्न साधु ] " ने एक बार जब हैदराबाद (जहाँ मुसलमान शासन था) की तरफ विहार किया तब वहाँ के निजाम ने आचार्य श्री की चर्या सुनकर अपनी बेगमों के साथ उनकी आरती उतारी! और कुछ लोगों के आपत्ति करने पर निजाम ने जो उत्तर दिया वो इतिहास बन गया! उन्होंने कहा की - " हमारे देश में नंगों पर प्रतिबन्ध है, फरिश्तों पर नहीं और ये एक फ़रिश्ते हैं "! - मुनि श्री प्रमाण सागर जी महाराज
Source: © Facebook
आचार्य श्री वर्धमानसागर जी से आशीर्वाद लेते हुए पूर्व राष्ट्रपति श्री अब्दुल कलाम साहब:) #Vardhmansagar #Jainism #Jain #Dharma #Arihant #Tirthankara
Source: © Facebook
आचार्य श्री शांतिसागर जी केशलुंचन करते हुए दुर्लभ पिक्चर #Shantisagar #Jainism #Jain #Dharma #Arihant #Tirthankara
Source: © Facebook
News in Hindi
दुनिया में कोई यूँही दिगम्बर [ मन ओर तन का दिगम्बरत्व ] हो नहीं सकता!!!!!
#vidyasagar #tarunsagar #विद्यासागर #तरुणसागर #Digambara #Jainism #Tirthankara
Source: © Facebook
आज हम दर्शन करते है खंडवा के पारस बाबा का। #Parshvanatha #Jainism #Dharma #Tirthankara #Arihant खंडवा भारत के मध्य प्रदेश प्रान्त में स्थित एक प्रमुख शहर है। समुद्र तल से 900 मीटर की ऊंचाई पर स्थित मध्य प्रदेश के खंडवा जिले को दक्षिण भारत का प्रवेशद्वार कहा जाता है। यह जिला नर्मदा और ताप्ती नदी घाटी के मध्य बसा है।
❖ ♫ www.jinvaani.org @ Jainism' e-Storehouse ❖
Source: © Facebook