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*शंका समाधान - 27 Oct.' 2016*
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१. *जैन दर्शन में " अनियत सापेक्ष नियत वाद " को स्वीकार किया गया है नाकि एकांत रूप केवल नियत वाद को!* यह सिद्धांत बहुत complex है और लोग जल्दी भ्रमित हो जाते हैं!
२. *सच्ची दीवाली मनानी है तो शाम को किसी गरीब बस्ती में जरूरतमंद लोगों के घर जाकर दीपक जला देना और उनकी मदद कर देना! पटाखों का व्यवसाय बहुत ही हिंसक व्यवसाय है और निश्चित ही यह नरक का बंध कराएगा!*
३. मन चाही चीजें मिले यह हमारे हाथ में नहीं है लेकिन मिली हुई चीजो को चाहे यह हमारे हाथ में हैं, संतोषी बनिए!
४. जैन धर्म को जीवित रखना चाहते हो तो प्राकृत भाषा को सीखिये! आजकल घर बैठे बैठे कोर्स भी start हो गए हैं!
५. *गर्भ में बच्चे की स्तिथि पता करने के लिए सोनोग्राफी जैसे टेस्ट होने ही नहीं चाहिए!* जो सामने आये उसका सामना करना चाहिए! इन टेस्ट की वजह से ही आजकल भ्रूण हत्या जैसे कुकृत्य हो रहे हैं! जो ऐसा कार्य करते हैं या अनुमोदना करते हैं वो बहुत पड़े पाप के भागी बनते हैं!
६. *अज्ञान दशा में जो जो गलत किया, ज्ञान होने पर उन किये हुए पापों की निर्जरा के लिए भगवान् के बताये हुए मार्ग पर चलिए!* जीवन के चौथे पड़ाव में आकर, जीवन को इस धारा में मोड़कर, मोह को घटाते हुए, आत्मा के चिंतन में डूबिये और अपने कल्याण के रस्ते पर आगे बढ़िए!
७. विज्ञान, जीन्स और क्रोमोसोम से शरीर का निर्माण मानता है लेकिन जीन्स और क्रोमोसोम का निर्माण कैसे होता है उसका स्पष्ट उल्लेख जैन शास्त्रों में मिलता है कि यह जीव के नाम कर्म से बनते हैं!
*- प. पू. मुनि श्री १०८ प्रमाण सागर जी महाराज*
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News in Hindi
अपने बच्चों का सुरक्षित भविष्य चाहते हो तो उस पर ध्यान देना प्रारम्भ करो। उसे मोबाइल मैन नहीं बनाओ उसे अच्छा मैन बनाओ। -आचार्य विद्यासागर जी ।
आचार्य श्री ने कहा भारतीय किसान प्राचीन विज्ञान के हिसाब से खेती करता आया है। खेती का तरीका बदल गया परंतु किसान बही है। किसान कई तरह के बीजारोपण करता है पांच जगह एक बार बीज जाता है यंत्र के माध्यम से। यंत्र में ऊपर ढक्कन लगा रहता है। किसान फिर भी चौकस निगाह रखता है खेत में फसल के साथ खरपतवार भी पैदा हो जाती है। जिसे किसान उखाड़ कर फेंकता जाता है साथ में कुछ अनुपयोगी और कमजोर पौधों को फेंकता जाता है। खरपतवार और फसल एक जैंसी दिखती है तो साबधानी से हटाना पड़ता है। इसी प्रकार आप कर्मों को करते हो तो अच्छे कर्म के साथ बुरे कर्म भी करते हो,आप भी किसान के इस विज्ञान को समझकर गुण, धर्म को सुरक्षित रखने का पराक्रम करो। पूर्व के जो भाव थे उनको आपने लोप कर दिया। संस्कार भी लुप्त हो रहे हैं, खरपतवार को भी गेंहू समझकर ले रहे हो। भारतीय संस्कृति के सभी मूलभूत मापदंडों को ध्वस्त कर दिया है आपने। पुराने पदचिन्हों को मिटाकर नए कदम रखना प्रारम्भ कर दिया है। आप भी गेंहू की फसल की तरह बनो खरपतवार मत बनो।
उन्होंने कहा कि आज तीर्थों पर भी प्राचीनता की जगह आधुनिक पद्धति अपनाई जा रही है। भाषा और संस्कृति को लोप कर दोगे तो भाव जाग्रत कहाँ से करोगे। आपने आधुनिकता के रंग में अपना घर बना दिया है उसे घर कैंसे कहेंगे। अपने सहज परिणामों तक पहुँचने के लिए, अपने वास्तविक स्वरुप को पहचानने के लिए जीवन से खरपतवार को हटाना होगा। आप अपने बच्चों को अच्छे संस्कार देना प्रारम्भ करो। आज की आहार व्यवस्था दूषित हो रही है बच्चे का सही पोषण हो नहीं पा रहा है क्योंकि आप सजग नहीं हो खान पान के प्रति। आप मुझसे मार्ग पूछते हो मैं बताता हूँ पर आप चलते नहीं हो,जब तक दया धर्म जाग्रत नहीं होगा आपको चिंता नहीं होगी। हानिकारक और दूषित भोजन से अपनी भावी पीढ़ी को बचा लो।
उन्होंने कहा कि आप कृषि में नए प्रयोगों से मूल कृषि को लुप्त किया जा रहा है।आज गंगा तो बह रही है परंतु आपने विकास के नाम पर उसे काली गंगा बना दिया है। इसी प्रकार आपकी आत्मा तो गंगा की तरह शुद्ध है परंतु आधुनिकता के नाम पर उसे दूषित आप बना रहे हो। आधुनिकता का लबादा उतारकर अपने प्राचीन मूल स्वरुप को पहचानो। जो बस्तुएं स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं सबसे पहले उनसे दूरी बनाना प्रारम्भ करो,अपने बच्चों का सुरक्षित भविष्य चाहते हो तो उस पर ध्यान देना प्रारम्भ करो। उसे मोबाइल मैन नहीं बनाओ उसे अच्छा मैन बनाओ। today pic clicked by Sanyam Jain Honey:)
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भक्ति बेक़रार हैं.. आनंद अपार हैं.. आजा प्रभु पारस तेरी जय जयकार हैं:) #Parasnath #Parshvanatha #Jainism
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