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"शिक्षा और भारत" विषय पर पुज्य आचार्य श्री विद्यासागरजी महाराज का "पत्रकारों" को सम्बोधन
जो संगोष्ठी का रूप रखा है उसके लिए आप आये है पूर्व भूमिका जानने।
आज शिक्षा के चक्र को मोड़ने की आवश्यकता है, विपरीत दिशा में मोड़ की आवश्यकता नहीं होती है विपरीत दिशा में जाना होगा। सृष्टि नहीं बदलना दृष्टि बदलना है, समष्टि बदलना है। शिक्षा के सन्दर्भ में सतर्क होकर हमें जागने की आवश्यकता है। सूर्य पश्चिम में ढलता है उसकी प्रकृति है परंतु हमें पश्चिम की तरफ नहीं बल्कि अतीत भारत के दर्शन की तरफ जाना है। आगे खतरनाक मोड़ है ऐंसा कहा जाता है और मार्ग में इसका बोर्ड भी लगा होता है परंतु भारत का सीधा रास्ता है इंडिया का नही।
ऊपर यान और नीचे जलयान चलता है जलयान चलातेे समय मुड़ना पड़ता है परंतु वायुयान में सीधा चलना पड़ता है उसी तरह अब भारत को सीधे रास्ते पर चलाना है। पत्रकारिता एक अच्छा स्तम्भ है और इस स्तम्भ के माध्यम से सीधे रास्ते पर चला जा सकता है।
भारत के अर्थ तंत्र में मंदी लायी जाती है मंदी आती नहीं है। कुछ शक्तियां भारत को टेढे मेढ़े रास्ते पर ले जाना चाहते हैं। पूरब की ओर ले जाना है हमें भारत को। भारत के पुराने बैभव को लाने के लिए हम किसी का विरोध नहीं करेंगे। परंतु अपने रास्ते पर चलने का प्रयास करना होगा। भारत के पास चेतन, अचेतन,इतिहास, हर प्रकार के विज्ञान का भंडार है। भारत एक खान है जिसमें भरपुर भण्डार है। भारत कभी दबता नहीं है दबंगता से चलता है। अखबारों को सही के साथ खड़ा होना होगा। विकास क्या है कौन बिकसित है कौन विकासशील है इसके बारे में चिंतन जरूरी है। अर्थ व्यवस्था के कारण ये हो रहा है। रीति यानि रास्ता नहीं बदलना बल्कि नीति को बदलना है। लोकतंत्र महत्वपूर्ण है। सरकार कौन है ये नहीं जान पाये अभी तक 70 बर्षों में। भारत प्रजातांत्रिक देश है जनता है तो सत्ता है,राजा कोई नहीं है। आतंकवाद की उत्पत्ति के कारणों को जानना होगा फिर उसके उपाय की तरफ जाना चाहिए। हिंसा से लड़ने के लिए हिंसा की जरूरत नहीं होती है अहिंसा इस देश का मूल मन्त्र है और अहिंसा कायरता नहीं है। अहिंसा की उपासना करने बाले कायर नहीं होते। तामसी गुण हैं तो राजसत्ता है बो राजसता कहलाती है। आप लोकतंत्र के पुजारी हैं उसे आपको संरक्षित रखना है। संदेह अवस्था में अच्छे अच्छे पहलवानों के पैर लड़खड़ा जाते हैं।
शिक्षा मंहगी हो गई है जब किसी पत्रकार ने ये पुछा तो गुरुवर ने कहा कि शिक्षा तो शिक्षा है इसे हमने ही यानि समाज ने ही महंगा किया है। जो शक्तियां भारत को बिचलित कर रही हैं उनका साथ देना छोड़ना पडेगा तभी एक अच्छे लोकतंत्र की तरफ हमारे मजबूत कदम बढ़ सकते हैं।
आज पत्रकारवार्ता में राष्ट्रीय स्तर का पूरा मिडिया उपस्थित था जिसमें ABP, ज़ी न्यूज, इंडिया न्यूज़,uni,pti, ibn 7, बंसल, e tv, express न्यूज़, अखबारों में दैनिक भास्कर, पत्रिका, राज एक्सप्रेस, जागरण,नवदुनिया, पीपुल्स समाचार, ई एम एस,प्रदेश टुडे, टाइम्स ऑफ़ इंडिया, हिन्दुस्तान टाइम्स दि वीक और अनेक पत्रकार उपस्थित थे।
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