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भिण्ड में कीर्ति स्तम्भ मंदिर में स्वतः अभिषेक, अभी थोड़ी देर पहले का:) exclusive..
*शंका समाधान - 17 Nov.' 2016*
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१. जो सुमति का आलंबन लेता है उसकी सद्गति और कुमति को रखने वाले की दुर्गति ही होती है ।
२. *आज के समय में पति और पत्नी को शांति से जीवन जीने के लिए एक दूसरे का पूरक और प्रेरक बन कर रहना चाहिए ।*
३. बच्चों की बुद्धि कोरी स्लेट की तरह होती है जिससे उनको समझाना बहुत आसान होता है बशर्ते उनको बच्चों की तरह ही समझाया जाए । अगर बड़े भी बच्चों की तरह बन जाए तो उनको भी समझना आसान हो सकता है ।
४. भगवान् से link बनाने के लिए मोबाइल की तरह पहले अपने network को free करिये । इसके लिए मौन एक अच्छी साधना है ।
५. *जीर्णोद्धार या नए मंदिर का निर्माण --> जिस मंदिर में जैसी जरुरत हो वैसा करिये, लेकिन यह ध्यान रखियेगा कि गुरुदेव ने एक बार कहा था कि जैसे एक शर्ट को कितनी बार रफू करा कर पहन सकते हैं उसी प्रकार कुछ ऐसा नया भी करा देना कि आने वाली पीढ़ी भी कुछ जीर्णोद्धार करा पाए ।*
६. मित्रता कुछ लोगो के साथ ही हो सकती है जबकि मैत्री भाव तो प्राणी मात्र के साथ होता है ।
७. *जिनालय आत्मा का बीमा है और सद्गुरु उसके एजेंट । जो इनकी शरण में आ जाता है, सही मायने में उसका ही जिंदगी से साथ भी और जिंदगी के बाद भी बीमा होता है ।*
*- प. पू. मुनि श्री १०८ प्रमाण सागर जी महाराज*
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निगाहों में माँ का प्यार,
होटो पे बच्चो सी मुस्कान,
और दिल में रहम का दरिया,
संत की तस्वीर है.
- जीवन धारा (रचनाकार क्षु. श्री ध्यानसागर जी महाराज) -आचार्य श्री के शिष्य @ हस्तिनापुर में विराजमान हैं #KshullakDhyansagar #Hastinapur
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