Update
🌏 आज की प्रेरणा 🌎
प्रवचनकार - आचार्य श्री महाश्रमण
प्रस्तुति - अमृतवाणी 📺
आलेखन - संस्कार चैनल के श्रवण से:-
आर्हत वाड्मय में कहा गया है - दुनियां में त्याग की एक परम शक्ति होती है | राग और त्याग दो विरोधी चीजें होती है | राग के समान कोई दुःख नहीं होता और त्याग के समान कोई सुख नहीं | हमारे दुखों के पीछे राग की एक महत्वपूर्ण भूमिका होती है | द्वेष भी राग के साथ जुड़ा हुआ ही एक तत्व है | अपेक्षित है कि राग भाव को कम किया जाये | अर्हत राग और द्वेष भाव से पूर्णतः मुक्त होते है | इसलिए वे सबके लिए पूजनीय होते हैं | वे हमारे देव होते हैं, शुद्ध साधुत्व का पालन करने वाले आचार्य हमारे गुरु और अर्हतों के द्वारा प्रतिपादित धर्म हमारा धर्म है | देव, गुरु और धर्म ये तीनों वीतरागता पर आधारित हैं | ज्यों-ज्यों हम वीतरागता के नजदीक होते जाते हैं, हमारे भाव भी शुद्ध होते जाते हैं | त्याग से हमें प्रसन्नता प्राप्त होती है | त्यागी, अमृतवाणी बोलने वाले व दयालु किसके लिए वंदनीय नहीं होते? सुधाकारिणी भाषा वह है जो यथार्थ तो हो ही साथ में मृदु और प्रसन्नता प्रदान करने वाली भी हो | त्यागी किसके लिए वंदनीय नहीं होता? हमारे जीवन में भी त्याग की चेतना का विकास हो, यह काम्य है |
दिनांक - ८ दिसम्बर २०१६,बृहस्पतिवार
News in Hindi
🔯 गुरुवचनों को अपनाये - जीवन सफल बनायें 🔯
#Acharyamahashraman #quotes #Tmc #suvichar #Thoughtoftheday
Source: © Facebook
🙏 जय जिनेन्द्र सा 🙏
दिनांक- 08-12-2016
तिथि: - मिगसर सुदी नवमी (09)
गुरुवार का *त्याग/पचखाण*
1> आज मिठाई खाने का त्याग करें।
जय जिनेन्द्र
प्रतिदिन जो त्याग करवाया जाता हैं सभी से निवेदन है की आप स्वेच्छा से त्याग आवश्य करे। छोटे छोटे त्याग करके भी हम मोक्ष मार्ग की आराधना कर सकते हैं। त्याग अपने आप में आध्यात्म का मार्ग हैं।
•••••••••••••••••••••••••
🙏तेरापंथ मीडिया सेंटर🙏
तेरापंथ धर्म संघ के समाचारों को देखने के लिए नीचे दिए लिंक पर लाइक करे 👇👇👇👇
https://m.facebook.com/TerapanthCenter
••••••••••••••••••••••••••