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News in Hindi
🌎 आज की प्रेरणा 🌏
प्रवचनकार - आचार्य श्री महाश्रमण
प्रस्तुति - अमृतवाणी 📺
आलेखन - संस्कार चैनल के श्रवण से:-
आर्हत वाड्मय में कहा गया है - पढमं नाणं तओ दया, अर्थात पहले ज्ञान और फिर आचरण| जैसा हमारा ज्ञान होगा वैसा ही आचरण | ज्ञान का प्रभाव हमारे आचरण पर होगा, अतः सही ज्ञान, सम्यक ज्ञान का हमारे जीवन में बड़ा महत्व है | ज्ञान के बाद हमारा आचरण भी धर्मार्जित होना चाहिए | महाजन वे होते हैं जो अच्छे पथ पर चलते हैं | हमें भी सोचना है कि हमारे जीवन में ईमानदारी व सच्चाई है या नहीं? हम छल व माया के प्रदूषण से बचें | पाप स्थान पाप का हेतु और उसकी क्रिया से पाप का बंध होता है | हम अहिंसा व सत्य का व्यवहार करें, भोजन हमारा पूर्ण शाकाहारी हो तथा शराब आदि नशे से हमारा जीवन मुक्त रहे, चाहे हम देश में रहें या विदेश में जाएँ | निष्ठुरता व हिंसा नर्क गति तथा छल कपट तिर्यंच गति के बंध का हेतु होता है | विद्वता से ज्यादा महत्व साधना, गुणवत्ता व आचरण का होता है | यह आत्मा अनंत काल से परिभ्रमण कर रही है, अब मोक्ष के निकट होने का हमारा प्रयास हो व हमारा आचार व्यवहार पवित्र रहे |
दिनांक - १० दिसम्बर २०१६, शनिवार
🔯 गुरुवचनों को अपनाये - जीवन सफल बनायें 🔯
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🙏 जय जिनेन्द्र सा 🙏
दिनांक- 10-12-2016
तिथि: - मिगसर सुदी ग्यारस (11)
शनिवार का *त्याग/पचखाण*
1> आज पापड़ खाने का त्याग करें।
जय जिनेन्द्र
प्रतिदिन जो त्याग करवाया जाता हैं सभी से निवेदन है की आप स्वेच्छा से त्याग आवश्य करे। छोटे छोटे त्याग करके भी हम मोक्ष मार्ग की आराधना कर सकते हैं। त्याग अपने आप में आध्यात्म का मार्ग हैं।
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