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धन्य हैं ध्यान में डुबकी लगाते ध्यान ओर ज्ञान के सागर।
अपरमपार हैं महिमा गुरु विद्यासागर आगम के आगर!!
ध्यान व मनन से जिनवानी के मोती चुन चुन कर हमें बताते!
ये निर्ग्रंथ आदर्श हमें सिद्ध हो जाने का उपाए करके दिखलाते!
-Composition writtten by -Nipun Jain
(www.jinvaani.org @ e-Storehouse of Jainism source)
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:) #आचार्यवर्धमानसागर #AcharayaVardhmansagar
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उनकी चर्या का क्या कहना,उनकी क्रिया का क्या कहना* दुनिया में संत हजारों है,विद्यासागर जी का क्या कहना:) exclusive photograph!
सच में! जब पूज्यपाद आचार्य श्री की क्रिया,चर्या को देखते है,तो अंतस् मे यह अनुभूति अवश्य ही होती है कि आचार्य भद्रबाहु,कुन्दकुन्द,समन्तभद्र आदि ऐसे ही रहे होंगे जैसे आज आचार्य श्री है और कई बार तो यूँ भी लगता है कि प्रथमेश ऋषभदेव व अन्तिम जिनेश वर्द्धमान भी ऐसे ही रहे होंगे।
☄किसी स्थान से किञ्चित भी मोह नहीं, और तो और जिन शिष्यों को माँ बनकर पुत्र की तरह पाला उनके प्रति भी निर्मोही..!!☄ आज जहाँ साधु भगवन्तों के आगामी चातुर्मास,वाचनाएँ,दस-दस पंचकल्याणक पहले ही निश्चित हो जाते है..अब निश्चित करने का कारण क्या हो यह नहीं पता..!* *वही आचार्य श्री विद्यासागर जी के विहार का तो एक पल का भी भरोसा नहीं सैकड़ो शिष्य,हजारों त्यागी व्रती,लाखों भक्त होने के उपरांत भी किसी की चिंता नहीं..।* *ये भी नहीं देखते कि जिस तरफ गमन हो रहा है उधर संघ की व्यवस्था होगी या नहीं,बल्कि चक्रवर्ती की तरह धर्मसंघ को लेकर निर्द्वन्द विचरण करते है।*
आज मध्याह्न में विदिशा से विहार की सूचना प्राप्त हुई,जहाँ से सैकड़ो दिशाएँ थी##गुना वाले महीनों से पंचकल्याणक हेतू गुरु चरणों में निवेदित थे..!तो इन्दौर की श्रद्धा भी कम नहीं थी इन्दौर ही नहीं अपितू पूरा निमाड़,मालवा श्रीचरणों में श्रद्धानवत् था,विदिशा वाले तो जैसे निश्चिंत ही हो गए थे कि अब शीतकालीन वाचना का सौभाग्य हमें ही मिलेगा। पर कहते है ना राम की लीला राम ही जाने...!और राम वहाँ से भी विहार कर गए👣
धन्य है हम जो इस घोर कलिकाल में भी सतयुग का आभास कराने वाले साक्षात् श्रीराम के दर्शन पा रहे है
🙌🏻विद्यासागर मम् गुरु🙌🏻
🙌🏻उज्जवल करो भविष्य🙌🏻
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