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Official announcement from #Mangitungi:- मांगीतुंगी मूर्तिनिर्माण कमेटी द्वारा यह घोषणा की गयी कि विश्व के सबसे ऊँचे भगवान ऋषभदेव का महामस्तकाभिषेक 6 feb को सम्पन्न किया जायेगा। आप सभी से अनुरोध है कि जिन धर्मप्रेमी बंधुओं ने अभी तक 108 फ़ीट के भगवान का अभिषेक न किया हो वो मांगीतुंगी जाने का कार्यक्रम शीघ्र-अतिशीघ्र ही बना लें।
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अध्यात्म का वर्णन करना सरल पर अनुभूति कठिनः मुनि समय सागर (आचार्य श्री विद्यासागर जी के ज्येष्ठ शिष्य तथा ग्रहस्थ अवस्था भाई) #MuniSamaySagar #AcharyaVidyaSagar
अध्यात्म का वर्णन करना सरल है, लेकिन अध्यात्म की अनुभूति करना कठिन है दीक्षित हो गए, पिच्छि, कमंडल आ गया, यह काफी नहीं है आत्मकल्याण के मार्ग पर आंतरिक साधना जरूरी है शरीर भिन्न है आत्मा भिन्न है ऐसा चिंतन रखो सल्लेखना या समाधि में दूसरा व्यक्ति णमोकार मंत्र सुनाता है, लेकिन समाधि के समय जो खुद णमोकार मंत्र पढ़े वह पुण्यशाली है धैर्यशाली जीव ही ऐसा कर सकता है, और ऐसे साधु की सामान्य मृत्यु नहीं होती है वह मृत्यु, मृत्यु महोत्सव बन जाती है नश्वरता को समझने वाला व्यक्ति कभी मृत्यु से नहीं डरता जिस दिन वस्तु तत्व को समझोगे तो उस दिन पर्यांय की नश्वरता समझ आ जाएगी यह जीवन आयु कर्म से चलता है जिस दिन आयु कर्म पूर्ण हो जाता है स्वयं तीर्थंकर अर्थात भगवान भी सामने आ जाएं तो मृत्यु को नहीं रोक सकते उक्त उपदेश मुनि समय सागर महाराज ने चौधरन कॉलोनी स्थित वासुपूज्य जिनालय पर समाधिस्थ मुनिराज धीर सागरजी महाराज की विनयांजलि सभा को संबोधित करते हुए व्यक्त किए मुनिश्री ने कहा कि काल के हिसाब से वस्तु की अवस्थाओं में परिवर्तन होता है उससे प्रभावित होकर संसारी प्राणी सुखी, दुखी होता है संसारी प्राणी मृत्यु रूपी भय से हमेशा ग्रस्ति रहता है जबकि आत्मा अनश्वरी तत्व है संसार की नश्वरता को समझकर वैराग्य का धारण करने वाला मृत्यु से नहीं डरता इसलिए वह आत्मकल्याण के लिए निर्जन वन में भी तपस्या करने चला जाता है वर्तमान पंचम काल में मोक्ष नहीं है लेकिन अभी की तपस्या मोक्षमार्ग के लिए नर्सरी है मुनिश्री ने कहा कि जिसका जन्म हुआ है उसका मरण निश्चित है लेकिन मरण-मरण में अंतर है अज्ञानी जीव का मरण बाल मरण कहलाता है, अणुव्रती का मरण पंडित मरण होता है जबकि जिस मरण से निर्वाण की प्राप्ति होती है ऐसे साधु का मरण पंडित-पंडित मरण है
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News in Hindi
2018 के महामस्तकअभिषेक @ श्रवणबेलगोला के लिए आचार्य वर्धमानसागर जी का विहार चल रहा हैं आजकल वे सोलापर, महाराष्ट्र के पास हैं.. #AcharyaVardhmanSagar #Shravanbelgola #BhagwanBahubali #Gomteshwar
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2017 Calendar #GoldenRule -क्षुल्लक ध्यानसागर जी द्वारा जीवन की कला / शिष्य आचार्य श्री विद्यासागर जी... #KshullakDhyanSagar #AcharyaVidyaSagar
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