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प्रस्तुति - *तेरापंथ संघ संवाद*
Source: © Facebook
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आचार्य तुलसी की कृति...'श्रावक संबोध'
📕अपर भाग📕
📝श्रृंखला -- 195📝
गतांक से आगे...
अणुव्रत की आचार संहिता सामने आ गई। अणुव्रत स्वीकार कर लिए। फिर भी मनुष्य का जीवन नहीं बदला, व्यवहार नहीं बदला। क्यों? आदमी भोजन करे और भूख न मिटे, यह कभी संभव है क्या? इस विषय में गंभीर चिंतन के बाद आचार्य श्री तुलसी ने प्रेक्षाध्यान की बात कही। अणुव्रती बनने के बाद व्यक्ति का जीवन कैसे बदले? इस प्रश्न का उत्तर है *प्रेक्षाध्यान*। ध्यान की पूरी प्रक्रिया समझने के बाद उसका नियमित प्रयोग किया जाए तो अन्तःस्रावी ग्रन्थितन्त्र का स्राव बदल जाता है। व्यवहार में बदलाव का क्रम यहीं से शुरू होता है।
अनुप्रेक्षा का अर्थ है भावना--पुनः-पुनः अभ्यास। अभय, मैत्री, सामञ्जस्य, सहिष्णुता आदि की अनुप्रेक्षाओं के प्रयोग से संस्कार-परिवर्तन का काम आसानी से हो सकता है। प्रस्तुत प्रसंग में सहिष्णुता की अनुप्रेक्षा पर बल दिया गया है। सामाजिक जीवन को शांतिपूर्ण बनाने वाला एक सूत्र है सामञ्जस्य। सामञ्जस्य के लिए सहिष्णुता जरूरी है। सहिष्णुता का विकास करने के लिए अनुप्रेक्षा का प्रयोग कराया जाता है। उसका स्वरूप इस प्रकार है--
*1. महाप्राण ध्वनि-- 2 मिनट।*
*2. कायोत्सर्ग-- 5 मिनट।*
*3. नीले रंग का श्वास लें। अनुभव करें--* प्रत्येक श्वास के साथ नीले रंग के परमाणु भीतर प्रवेश कर रहे हैं-- *3 मिनट।*
*4. विशुद्धि केन्द्र* पर नीले रंग का ध्यान करें-- *3 मिनट।*
*5. ज्योतिकेन्द्र* पर ध्यान केंद्रित कर अनुप्रेक्षा करें--
*'सहिष्णुता का भाव पुष्ट हो रहा है।*
*मानसिक संतुलन बढ़ रहा है।'*
उक्त शब्दावली का नौ बार उच्चारण करें। फिर उसका नौ बार मानसिक जप करें-- *5 मिनट।*
*6.* *अनुचिन्तन करें--*
*शारीरिक संवेदन--* ऋतुजनित संवेदन, रोगजनित संवेदन।
*मानसिक संवेदन--* सुख-दुःख, अनुकूलता-प्रतिकूलता।
*भावनात्मक संवेदन--* विरोधी विचार, विरोधी स्वभाव, विरोधी रुचि।
ये संवेदन मुझे प्रभावित करते हैं, किंतु इनके प्रभाव को कम करना है। यदि इनका प्रभाव बढ़ा तो मेरी शक्तियां क्षीण होंगी। जितना इनसे कम प्रभावित होऊंगा, उतनी ही मेरी शक्तियां बढ़ेंगी, इसलिए सहिष्णुता का विकास मेरे जीवन की सफलता का महामंत्र है-- *10 मिनट।*
*7. महाप्राण ध्वनि* के साथ प्रयोग सम्पन्न करें-- *2 मिनट।*
*जो व्यक्ति सहन करना सीख लेता है, वह अपने जीवन में अभूतपूर्व परिवर्तन ला सकता है। कैसे?* यह जानेंगे-समझेंगे... एक घटना के माध्यम से... हमारे अगले पोस्ट में... क्रमशः कल।
प्रस्तुति --🌻तेरापंथ संघ संवाद🌻
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दिनांक - 18/01/2017
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