Update
👉 तेरापंथ संघ संवाद श्री चरणों में
👉 TSS द्वारा किये जा रहे प्रचार प्रसार कार्यो को किया गया निवेदित
प्रस्तुति - 🌻 *तेरापंथ संघ संवाद* 🌻
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👉 पूज्य प्रवर का प्रेरणा पाथेय
👉 विक्रम संवत् 1859 के मर्यादा पत्र की तिथि के अनुसार मर्यादा महोत्सव के शुभारम्भ की हुई घोषणा
👉 आचार्यश्री ने सेवा धर्म को बताया महत्त्वपूर्ण, सक्षम रहते सेवाधर्म कर लेने को किया अभिप्रेरित
👉तेरापंथ धर्मसंघ के सात सेवाकेन्द्रों पर सेवार्थियों के नामों का आचार्यश्री ने किया मनोनयन
👉 साध्वियों की ओर से साध्वीश्री जिनप्रभाजी और साधुओं की ओर से मुनिश्री कुमारश्रमणजी ने सेवा के लिए किया अर्ज
👉 आचार्यश्री के दर्शन को पहुुंचे पश्चिम बंगाल सरकार के आदिवासी कल्याण मंत्री श्री जेम्स कुजूर
👉 सिलीगुड़ी से पूज्यवर के आज के प्रवचन के अंश
दिनांक - 01 फरवरी 2017
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प्रस्तुति - 🌻 तेरापंथ संघ संवाद 🌻
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👉 शाहदरा, दिल्ली: "आध्यत्मिक मिलन" एवं 'मंत्री' मुनि प्रवर का विशेष उद्बोधन
👉 जयपुर: महिला मंडल द्वारा सेवा कार्य
👉 किशनगंज: तेरापंथ महिला मंडल द्वारा बारह व्रत कार्यशाला व चित्त समाधि शिविर का आयोजन
👉 लाडनूं: तेरापंथ महिला मंडल द्वारा सेल्फ डिफेंस कार्यशाला का आयोजन
👉 कटक: अणुव्रत समिति द्वारा डी.ए.वी. पब्लिक स्कूल में "नेत्र परीक्षण" शिविर का सफल आयोजन
प्रस्तुति: 🌻 *तेरापंथ संघ संवाद* 🌻
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Video
01.02.2017..
https://youtu.be/_-5jaQziJos
👉 *तेरापंथ भवन, राधाबाड़ी में पूज्यप्रवर के आज 153 वे मर्यादा महोत्सव के "मुख्य प्रवचन" का वीडियो लिंक*
👉 दिनांक 01 - 02- 2017
प्रस्तुति - अमृतवाणी
सम्प्रेषण -👇
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आचार्य तुलसी की कृति...'श्रावक संबोध'
📕अपर भाग📕
📝श्रृंखला -- 206📝
*जिनशासन*
लय... देव! तुम्हारे...
*51.*
इस युग के अंतिम तीर्थंकर,
वर्द्धमान श्री जिन देवार्य।
किया प्रवर्तन धर्मचक्र का,
जिसका होना था अनिवार्य।।
*52.*
श्रमणी-श्रमण श्राविका-श्रावक,
तीर्थ-चतुष्टय की धारा।
अनेकान्त सिद्धांत बना है,
जग की आंखों का तारा।।
*53.*
पटधर प्रथम सुधर्मा स्वामी,
जम्मू प्रभाव आदि अभिधान।
ऐक्य रहा शासन में, जब तक
था सक्षम नेतृत्व महान।।
*54.*
शताब्दियों के बाद संघ का,
हुआ विभाजन अनचाहा।
विघटन-वृत्ति-रसिक लोगों का,
फला मनोरथ मनचाहा।।
*55.*
श्वेत-वस्त्रधारक मुनियों का,
व्यापक श्वेताम्बर आम्नाय।
वस्त्र-विरागी बने दिगम्बर,
अपना चिंतन अपनी राय।।
*56.*
गच्छों पन्थों आम्नायों का,
फिर बढ़ता ही गया प्रवाह।
प्रतिमा-पूजा के प्रतिपंथी,
लूंका मूंथा की नव राह।।
*अर्थ--* भगवान महावीर को वर्द्धमान, जिन, देवार्य आदि शब्दों से भी संबोधित किया गया है। वे इस युग के अंतिम तीर्थंकर थे। तीर्थंकर के लिए धर्मचक्र के प्रवर्तन की अनिवार्यता होती है, इसलिए महावीर ने भी धर्मचक्र का प्रवर्तन किया।
भगवान महावीर ने धर्मतीर्थ की स्थापना की। उसके चार अंग हैं-- *साधु, साध्वी, श्रावक और श्राविका*। महावीर ने अनेकान्त सिद्धांत का निरूपण किया। वह सबकी आंखों का तारा है।
भगवान महावीर के उत्तराधिकारी बने गणधर सुधर्मा। उनके बाद आचार्य जम्बू, आचार्य प्रभव आदि के नाम हैं। आचार्य-परम्परा में जब तक नेतृत्व करने वाले सक्षम और महान् आचार्य थे, तब तक जैनशासन में एकत्व बना रहा।
किंवदन्ती के अनुसार महावीर-परिनिर्वाण के छह सौ वर्षों बाद न चाहने पर भी जैनशासन का विभाजन हो गया। विघटन में रस लेने वाले लोगों का मनचाहा मनोरथ फल गया।
सबसे पहले जैनशासन दो भागों में विभक्त हुआ-- *श्वेताम्बर और दिगम्बर*। जो साधु सफेद वस्त्र धारण करते थे, उनका सम्प्रदाय श्वेताम्बर कहलाया। यह सम्प्रदाय बहुत व्यापक है। जो साधु वस्त्र नहीं पहनते थे, उनका सम्प्रदाय दिगम्बर कहलाया। व्यक्ति का अपना चिंतन है और अपना अभिमत है। जिसे जो सम्प्रदाय अच्छा लगा, वह उसी में सम्मिलित हो गया।
उसके बाद नए-नए गच्छों, पन्थों और सम्प्रदायों का प्रवाह बढ़ता ही गया। प्रतिमा पूजा की परम्परा को अस्वीकार करने वाले श्रावक लोंकाशाह मूंथा ने विक्रम की 16 वीं शताब्दी में एक नए सम्प्रदाय का प्रवर्तन किया, जो आज *'स्थानकवासी'* या *'बाईस टोला'* नाम से पहचाना जाता है।
*जैनशासन के विघटन क्या कारण था?* इसके बारे में विस्तार से जानने-समझने के लिए पढ़ें… हमारी अगली पोस्ट... क्रमशः कल।
प्रस्तुति --🌻तेरापंथ संघ संवाद🌻
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Update
👉 तेरापंथ धर्म संघ के 153 वें मर्यादा महोत्सव केे उपलक्ष में महामहिम राष्ट्रपति श्री प्रणव मुखर्जी ने दिया शुभकामना संदेश ।
👉 सन्देश का वाचन पूज्यवर की सन्निधि में दिलीप दुगड़ द्वारा किया गया ।
👉 ज्ञानशाला ज्ञानार्थियो द्वारा भव्य प्रस्तुति
दिनांक: 01/02/2017
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👉 तेरापंथ भवन, राधाबाड़ी -सिलीगुड़ी से....
👉 पूज्यवर द्वारा सेवा केंद्रों की घोषणा
दिनांक: 01/02/2017
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👉 तेरापंथ भवन, राधाबाड़ी -सिलीगुड़ी से....
👉 मर्यादा महोत्सव पर उमड़ा जन सैलाब
दिनांक: 01/02/2017
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👉 तेरापंथ भवन, राधाबाड़ी -सिलीगुड़ी से....
👉 153 वे मर्यादा महोत्सव का भव्य शुभारम्भ
👉 पूज्यवर द्वारा मर्यादा महोत्सव शुभारम्भ की घोषणा
👉 पूज्य प्रवर द्वारा मर्यादा पत्र स्थापित
दिनांक: 01/02/2017
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News in Hindi
👉 बारडोली - सरदार कन्या छात्रावास में सेवा कार्य
👉 बारडोली विशिष्ठ ज्ञानशाला के रूप में सम्मानित
👉 सिलीगुड़ी -चेन्नई ज्ञानशाला व प्रशिक्षिकाए सम्मानित
👉 बारडोली - जैन संस्कार विधि से सामूहिक जन्मोत्सव
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👉 तेरापंथ भवन, राधाबाड़ी -सिलीगुड़ी से....
👉 पूज्य गुरुदेव आचार्य श्री महाश्रमण के आज प्रातः के मनमोहक दृश्य..
दिनांक: 01/02/2017
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