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जिज्ञाषा समाधान- मुनि पुंगव श्री सुधासागर जी महामुनिराज #MuniSudhasagar
मंदिर जी मैं अगर कोई पूजन अभिषेक आदि, गलत उच्चारण में कर रहा है, तो उसे बताने में कोई बुराई नहीं है। साथ ही अगर कोई अबुद्धि पूर्वक गलत उच्चारण कर रहा है, तो उसे दोष तो नही है, परन्तु बताये जाने पर उसे अपना उच्चारण सही करने का उपाय करना चाहिए।*
मोबाइल आदि पर प्रवचन आदि सुनना स्वाध्याय में नहीं आयेगा। यह आवश्यक में नहीं माना जाएगा। यह शुभ उपयोग माना जायेगा। सूतक पातक में भी मोबाइल-टीवी पर प्रवचन सुनने में कोई दोष नहीं है।*
आत्म कल्याण और जन कल्याण एक सिक्के के दो पहलू हैं। *दिगम्बर मुनि की आत्म कल्याण करते हुए भी लगातार जन कल्याण में लगे हुए हैं। उनकी प्रत्येक क्रिया में जनकल्याण ही होता है।* *आज जैनी सबसे ज्यादा देश के विकास में अपना योगदान दे रहा है। देश भक्ति का अर्थ मात्र ये नही कि सीमा पर जा कर देश की रक्षा करना। बल्कि अपने कार्यों से अप्रत्यक्ष रूप से देश की मदद करना भी देश भक्ति है। जैनी अपनी कुशलता से ऐसा खर्च करता है, जिससे जन कल्याण होता ही है।*
किसी एक को पाप करने में जितना कर्म का बंध होता है। उतना ही पाप उस कार्य की अनुमोदना करने में होता है। जब भी कोई सामूहिक जनहानि होती है, ये लोग वही होते हैं, जिन्होंने कभी न कभी इसी प्रकार का सामूहिक पाप कर्म का बन्ध किया होगा।*
*आत्महत्या का विचार मन में आने पर इतने बड़े पाप कर्म का बंध होता है, कि उसे न जाने कितनी बार बिना जन्म लिए मरना पड़ेगा। स्वप्न में भी कभी मरने का भाव नहीं करना चाहिए। यह बहुत ज्यादा अशुभ होता है।*
भगवान के जन्म कल्याण के समय जब सौधर्म इंद्र उन्हें पांडुक शिला पर ले जा कर उनका अभिषेक करता है, तो उनके अभिषेक के जल को गृहस्थों को लेना ही चाहिए। इसका पारमार्थिक महत्व तो नही है, *परन्तु ये जल संसारी वैभव को दिलाने वाला होता है।*
बड़ों को किसी बात का उलाहना नहीं देना चाहिए । इससे हमारा पूण्य क्षीण हो जाता है।* किसी बात में फ़ैल होने पर ये सोचना चाहिए, मेरे ही पूण्य में कमी थी या मैंने पुरुषार्थ ठीक ढंग से नहीं किया। *हार नही मानना चाहिए पुनः पूरी शक्ति के साथ प्रयास करना चाहिए। एक रास्ते के बंद होने पर दूसरे कई नए रास्ते खुल जाते हैं।*
नोट- पूज्य गुरुदेव जिज्ञासाओं को समाधान बहुत डिटेल में देते हैं। हम यहाँ मात्र उसका सार ही देते हैं। किसी को किसी सम्बंध में कोई शंका हो तो कृपया सुधाकलश app या youtube पर आज का वीडियो देख कर अपना समाधान कर सकते हैं। किसी भी प्रकार की त्रुटि के लिए हम क्षमा प्रार्थी हैं।
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News in Hindi
9 फरवरी को पूज्य श्री ध्यानसागर महाराज जी/ शिष्य आचार्य श्री विद्यासागर जी.. का 5th काल में अंतिम मोक्ष जाने वाले निर्वाणभूमि मथुरा जी में मंगल प्रवेश हुआ। वहाँ मंदिर जी में विराजमान अंतिम अनुबद्ध केवली जम्बूस्वामी भगवान् के प्राचीन मंगल चरणों की वंदना कर उन्होंने इस मन्त्र द्वारा अपनी भक्ति प्रगट की। #KshullakDhyansagar
।।ॐ ह्रीं अन्तिमानुबद्ध-केवलिने श्रीमते जम्बू-स्वामिने नमः॥
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woah 💡 कल गुरुदेव के विहार से पूर्व शीतकालीन वर्षा हुई कुछ लोगो ने इसे एक सामान्य सी घटना मानी लेकिन मैंने जब आँखे बंद कर स्वर्ग के सभी इंद्र परिवार के मुखिया से पूछा हे इंद्रदेव आप तो अवधिज्ञानी है आप तो आचार्यश्री की साधना तपस्या से परिचित है फिर असमय वृष्टि क्यों क्या आपको नही लगता कि आप उपसर्ग कर रहे है? ⚠️😉 #AcharyaVidyasagar
इंद्रदेव ने मुखिया ने कहा सुनो....
तुम ज्यादा गुरुभक्त न बनो तुमसे ज्यादा बड़े गुरुभक्त हम है हमे भान है गुरुदेव की कि चतुर्थकालीन निदोष चर्या का_. और तुम्हे क्या स्मरण नही है..._ पिछले चातुर्मास के पूर्व जब आचार्यश्री कुण्डलपुर से विहार करते हुए सागर प्रवेश कर रहे थे तब हमने नगर पूर्व गुरुदेव के चरण पखार कर गुरुदेव की अगवानी की थी वरुणदेव पवनदेव परिवार ने बादल दल परिवार के साथ गड़गड़ाहट की ध्वनि से बाज़े बजाए थे हमने ही मनुहार की थी हे गुरदेव!..... आप यही चातुर्मास करें लेकिन.... गुरुदेव नही रुके
*हमने नदी नालो को लबालब करके गुरुदेव का पथ रोकना चाहा लेकिन... अनियत विहारी भला क्यों रुकते।...* आज जब सागर की सीमा में आचार्यश्री के चरण पड़े तो हमसे रहा नही गया। हम गुरुचरणों के दर्शन करने आये थे गुरुचरणों के स्पर्श किये गुरदेव का भरपूर आशीष भी मिला...... जिन्हें तुम साधारण बरसात मान रहे हो वह हमारी गुरुपथ शुद्धि की प्रक्रिया है और सच कहें ये हमारे हर्ष के अश्रु है और हमारे पश्चाताप के भी... अश्रु है क्योंकि हमने 8 माह पहले भक्ति वश आचार्यश्री के चरण रोकने का दुष्प्रयास किया था।...
_मैं मौन सुन रहा था उन इंद्रदेव परिवारों की भावना अंत में एक इंद्र ने मुझे_ _उलाहना देते हुए कहा हमारे दो बूंद आंसू की कीमत तुम क्या जानो राजेश बाबू_....
तब तक मैं एक फोन की घण्टी से दोपहर की नींद से जाग चुका था।
भावाभिव्यक्ति -राजेश जैन भिलाई / 9926247717
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