Update
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*श्रावक सन्देशिका*
👉 पूज्यवर के इंगितानुसार श्रावक सन्देशिका पुस्तक का सिलसिलेवार प्रसारण
👉 श्रृंखला - 13 - तेरापंथ भवन
*ट्रस्ट* क्रमशः हमारे अगले पोस्ट में....।
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🌻 *तेरापंथ संघ संवाद* 🌻
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👉 सूरत - संथारा साधिका की बैंकुठी यात्रा
प्रस्तुति - *तेरापंथ संघ संवाद*
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👉 बहादुरगंज (बिहार) - अहिंसा यात्रा सद्भावना, नैतिकता और नशामुक्ति के संदेश के साथ पहुंची
👉 साउथ हावड़ा - राष्ट्रीय ज्ञानशाला का रजत जयंती समारोह एवं साउथ हावड़ा ज्ञानशाला का वार्षिकोत्सव का संयुक्त कार्यक्रम आयोजित
👉 सोनारेल (लाछुड़ा, राज.): राजकीय उत्कृष्ट उच्च प्राथमिक विद्यालय में हस्तनिर्मित कलाकृतियों का प्रदर्शन एवं बच्चों द्वारा नशामुक्ति के संकल्प स्वीकार
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प्रस्तुति:🌻 *तेरापंथ संघ संवाद*🌻
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आचार्य तुलसी की कृति...'श्रावक संबोध'
📕अपर भाग📕
📝श्रृंखला -- 221📝
*तेरापंथी श्रावक*
*दुलीचंदजी दुगड़*
लाडनूं के विशिष्ट श्रावकों में एक थे दुलीचंदजी दुगड़। वे दूलजी के नाम से प्रसिद्ध थे। वे मगनीरामजी दुगड़ के पुत्र थे और अपने चाचा शिवजीरामजी के गोद गए थे। उनके परिवार ने आचार्य ऋषिराय के पास सम्यक्त्व दीक्षा स्वीकार की थी। दूलजी को आचार्य ऋषिराय से लेकर कालूगणि तक छह आचार्यों की सेवा करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। उनकी माता साध्वी गुलाबांजी जयाचार्य के पास दीक्षित हुई थीं। दूलजी की प्रकृति कुछ विचित्र थी। पर उन्होंने समय पर संघ की जो सेवा की, वह इतिहास का पृष्ठ बन गई।
मुनिपतजी की दीक्षा के प्रसंग में उनके दादा थानजी चोपड़ा की ओर से जोधपुर-नरेश के पास एक आवेदन-पत्र आया। उसमें एक *'मोडे'* द्वारा उनके पौत्र को मूंडने का आरोप था। उसके आधार पर छानबीन किए बिना ही जोधपुर-नरेश ने जयाचार्य को गिरफ्तार करने के लिए दस घुड़सवारों को लाडनूं भेजने का आदेश दे दिया। उस समय जयाचार्य लाडनू में प्रवास कर रहे थे। उनको इस प्रकार के किसी षड्यंत्र की जानकारी नहीं थी।
उधर जोधपुर निवासी बहादुरमलजी भंडारी ने उक्त संवाद लाडनू के श्रावकों के पास अविलंब पहुंचा दिया और यह सूचना भी भिजवा दी कि वे नरेश के आदेश को निरस्त करवाने का प्रयत्न कर रहे हैं।
लाडनूं के श्रावकों में हलचल मच गई। वे संघ पर आई उस मुसीबत को टालने का प्रयास सोचने लगे। उनके चिंतन से कुछ बिंदु सामने आए--
🔸जोधपुर से आने वाले घुड़सवारों को रोकना।
🔸घुड़सवारों को रोकने के लिए जोधपुर-नरेश से संपर्क करना।
🔸घुड़सवार पहले ही यहां पहुंच जाए तो स्थिति का सामना करना।
🔸लाडनूं के ठाकुर साहब का सहयोग लेने का प्रयास करना।
*लाडनूं के श्रावकों ने अपनी योजना कि कैसे क्रियान्विति की और दुलीचंद जी ने उसमें क्या सहयोग किया...?* पढ़ेंगे... हमारी अगली पोस्ट में... क्रमशः।
प्रस्तुति --🌻तेरापंथ संघ संवाद🌻
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👉 सूरत - श्रीमती वीरोदेवी संकलेचा का संथारा परिसम्पन्न
दिनांक - 21-02-2017
प्रस्तुति - *तेरापंथ संघ संवाद*
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Update
👉 जयपुर - नशा मुक्ति अभियान
👉 सूरत - ज्ञानशाला ज्ञानार्थी संथारा साधिका के दर्शनार्थ
👉 जावद - तेरापंथ संघ संवाद बोर्ड सदस्य मुनि श्री के दर्शनार्थ
👉 जावद पर्सनलिटी डेवलेपमेंट कार्यशाला का आयोजन
👉 कालांवाली - स्वच्छ भारत WALKthon Keep the city clean रैली का आयोजन
👉 ब्यावर - वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन
👉 गंगाशहर - अभिनन्दन समारोह आयोजित
👉 कटक - अणुव्रत संगोष्ठी का आयोजन
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News in Hindi
👉 पूज्य प्रवर का आज का लगभग 10 किमी का विहार..
👉 आज का प्रवास - बहादुरगंज
👉 आज के विहार के दृश्य..
दिनांक - 21/02/2017
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21 फरवरी का संकल्प
तिथि:- फाल्गुन कृष्णा दशमी
"सोए सो खोए-जागे सो पाए" सारगर्भित ये गुरु वाणी ।
समय का सदुपयोग है समझदार व्यक्ति की सहनाणी ।।
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