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कौन हैं Real में दिगम्बर!! #pure_saint #muniKshamasagar
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आध्यात्मिक होली के रंग.. क्षुल्लक घ्यान सागर जी के संग। #KshullakDhyansagar #AcharyaVidyasagar
🔯 निर्वाणकाण्ड, गाथा ९:
णंगाणंगकुमारा विक्खापंचद्धकोडिमुणिपवरा।
सुवण्णवरगिरिसिहरे णिव्वाणगया णमो तेसिं॥
नङ्ग कुमार, अनङ्ग कुमार आदि विख्यात साढ़े पाँच करोड़ मुनिवर उत्तम सुवर्णगिरि (सोनागिरिजी) के शिखर पर निर्वाण को प्राप्त हुये हैं, उन्हें नमस्कार हो॥ पूज्य क्षुल्लक श्री ध्यानसागर जी महाराजजी सिद्धक्षेत्र सोनागिरि जी की वंदना करते हुए।
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साधना
अभी मुझे
और धीमे
कदम रखना है,
अभी तो
चलने की
आवाज़ आती है.
- मुनि श्री क्षमासागर जी
आचार्य गुरुवर *विद्यासागर* जी के परम प्रभावी शिष्य मुनि श्री *क्षमासागर* जी ने प्रतिकूल परिस्थितियों में भी अपनी मुनिचर्या का पालन किया और *चैत्र कृष्ण अष्टमी 2541 (13th March 2015)* को सल्लेखना पूर्वक समाधि धारण की।
मुनिश्री की प्राणीमात्र के प्रति आत्मीयता और सभी के कल्याण की भावना, उनके न होने पर भी उनकी वाणी के रूप में हम सभी का मार्गदर्शन करती आयी है।
मुनिश्री की दी हुई शिक्षाएँ एक प्रकाश किरण के रूप में हमारा मार्गदर्शन करती रहे इसी भावना के साथ उनके *समाधि दिवस चैत्र कृष्ण अष्टमी 2543 (20th March 2017, दिन सोमवार)* पर सागर में एकत्रित होकर उन्हें *विनयांजलि* समर्पित करेंगे ।
सुबह समाधि स्थल पर प्रार्थना, विधान पूजन, दोपहर में विनयांजलि सभा के बाद, शाम को महाराज जी द्वारा आचार्यश्री विद्यासागर जी के जीवन पर लिखी पुस्तक आत्मान्वेषी पर आधारित नाटक *आत्मान्वेषी* का मंचन देखेगे।
आपके रुकने, भोजन आदि की व्यवस्था मोरा जी, सागर में की गयी है. अपने आगमन की सूचना हमें अवश्य दें।
*_सकल दिगम्बर जैन समाज, सागर_* एवं
*_मैत्री समूह_*
+91 76940 05092
+91 94065 13171
+91 98278 53880
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News in Hindi
चिंता छूती कब तुम्हें, चिंतन से भी दूर #ShitalnathBhagwan
अधिगम में गहरे गए, अव्यय सुख के पूर
युगों-युगों से युग बना, विघ्न अघों का गेह
युग द्रष्टा युग में रहें, पर ना अघ से नेह
शीतल चन्दन है नहीं, शीतल हिम ना नीर
शीतल जिन तब मत रहा, शीतल हरता पीर
सुचिर काल से मैं रहा, मोह नींद से सुप्त
मुझे जगाकर कृपा, प्रभो करो परितृप्त ||
ओम् ह्रीं अर्हं श्री शीतलनाथ जिनेंद्राय नमो नम: |
स्वयंभू स्तोत्र स्तुति आचार्य श्री विद्यासागर द्वारा रचित #AcharyaVidyasagar
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