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पूज्य क्षमासागर जी महाराज पूजन
सागर में जन्म लिया गुरुवर ने, सागर में समाधी पाई है,
विद्या गुरु की आंख के तारे बनकर, जिनधर्म की महिमा गयी है,
कठिन परिषह सहकर भी तुम, समता उर में धार रहे,
क्षमासागर यह नाम तुम्हारा, सार्थक करके दिखा रहे ||
ऊं ह्रीं श्री क्षमासागर मुनिन्द्राय अत्र अवतर अवतर सम्वोषट आवाहनं जय
ऊं ह्रीं श्री क्षमासागर मुनिन्द्राय अत्र तिष्ठ तिष्ठ ठ: ठ: स्थापनं जय
ऊं ह्रीं श्री क्षमासागर मुनिन्द्राय अत्र मम संनिहितो भव् भव् वषट सन्निधिकरणं जय ||
क्षीरोदधि और गंगा नदी नीर लाऊं, चरणद्वय में गुरुवर लो मै चढ़ाऊँ,
क्षमासागर गुरु को उर में धरुं मै, तुम्हारे ही पथ पर आगे बढूँ मै ||
ऊं ह्रीं श्री क्षमासागर मुनिन्द्राय जन्म जरा म्रत्यु विनाशनाय जलं निर्वपामिति स्वाहा
न हिम न गिरी न चन्दन ही शीतल, गुरुवर तुम्हारा मन सबसे उज्जवल,
तुम सम ही समता मुनिवर मै पाऊं, चन्दन गुरु के चरण मै चढ़ाऊँ ||
ऊं ह्रीं श्री क्षमासागर मुनिन्द्राय संसार ताप विनाशनाय चन्दनं निर्वपामिति स्वाहा
शाली अखंडित तंदुल मै लाया, हर्षित हो गुरु तव चरण में धराया,
आशीष दो ऋषिवर तुम सम बनूं मै, रखता हूँ मस्तक तुम्हारे चरण में ||
ऊं ह्रीं श्री क्षमासागर मुनिन्द्राय अक्षय पद प्राप्तये अक्षतं निर्वपामिति स्वाहा
जूही कुंद चंपा के फूल चुनाऊँ, भावों से रत्नों के पुष्प चढ़ाऊँ,
गुरुवर हमें तुम हो प्राणों से प्यारे, रख लो हमें भी शरण में तुम्हारी ||
ऊं ह्रीं श्री क्षमासागर मुनिन्द्राय कामबाण विनाशनाय पुष्पं निर्वपामिति स्वाहा
लड्डू कलाकंद बर्फी बनाऊं, चढ़ाऊँ चरण में क्षुधा को नसाऊं,
बने हो गुरु तुम तो समता के स्वादी, समाम्रत हमें दो अरज है हमारी ||
ऊं ह्रीं श्री क्षमासागर मुनिन्द्राय क्षुधा रोग विनाशनाय नेवेद्यं निर्वपामिति स्वाहा
रत्नों के दीपक में घ्रत को भराऊँ, मिथ्या के तम को क्षण में नसाऊँ,
गुरु तुमसे पाऊँ में सम्यक की ज्योति, तभी मेरी पर्याय सार्थक ये होगी ||
ऊं ह्रीं श्री क्षमासागर मुनिन्द्राय मोहान्धकार विनाशनाय दीपं निर्वपामिति स्वाहा
अष्ट करम के लगे आवरण है, गुरु की शरण से मिटे सब भरम है,
सुगन्धित मनोहर धुप में लाऊँ, चरण में चढ़ाकर करम को नसाऊँ ||
ऊं ह्रीं श्री क्षमासागर मुनिन्द्राय अष्टकर्मदहनाय धूपं निर्वपामिति स्वाहा
पिस्ता बादाम आम और लाऊँ श्रीफल, यही भावना मै भी बन जाऊँ तुम सम,
गुरु शीघ्र पाओ तुम मुक्ति के फल को, यही भावना भाए प्रभु के चरण में ||
ऊं ह्रीं श्री क्षमासागर मुनिन्द्राय मोक्षफल प्राप्तये फलं निर्वपामिति स्वाहा
अष्ट दरब से में थाल भराऊँ, जनम और मरण की संतति को मिटाऊँ,
सहज सौम्य शांत और निर्ग्रन्थ मुनिवर, आशीष हमपे भी बरसा दो मुनिवर ||
ऊं ह्रीं श्री क्षमासागर मुनिन्द्राय अनर्घ पद प्राप्तये अर्घं निर्वपामिति स्वाहा
*जयमाला*
क्षमासागर गुरु तव चरण,भवजल वारिधि जिहाज,
गाऊँ गुणमाला तेरी, पाऊँ शिवसुखराज ||
हे गुरुवर तुमने धर्मध्वजा को चहुँ और फहराया है,
क्षमासागर यह नाम तुमने सार्थक करके दिखलाया है,
जीवनसिंघई जी पिता तुम्हारे श्रावक श्रेष्ठी कहलाते,
आशादेवी जी माता के तुम आंख के तारे कहलाते,
वीरेंद्र कुमार ने बचपन से ही वीरों सी चर्या अपनाई,
अपने जीवन में जैन धर्म की स्पष्ट महत्ता बतलाई,
भूगर्भ की शिक्षा छोड़ तुम आतमहित पथ पर बढ़ चले,
विद्या गुरु के लघुनंदन बन प्यारे उनके शिष्य बने,
इतनी प्यारी वाणी सब सुनकर मुग्ध मुग्ध हो जाते है,
सहज भाव से मोक्ष मार्ग के पथिक स्वयं बन जाते है,
प्रक्रति के मौन इशारो से तुमने कितना कुछ सिखलाया,
सच्ची श्रद्धा का पाठ पढ़ा सबको शिवपुर पथ दिखलाया,
जितनी सहजता से तुमने कर्म सिद्धांत पढाया है,
उतने ही साहस से परीषहो को सहन करके दिखलाया है,
इतनी अल्प आयु में ही कितने कष्टों को झेला है,
हल पल समता भाव धारकर कर्मो को तुमने जीता है,
हुई समाधी सागर में तुम लुप्त हुए इन आँखों से,
पर है विश्वास हमें मन में तुम पहुंचे हो स्वर्ग प्रासादों में,
सच्ची श्रद्धा से गुरु हमारे नमन को तुम स्वीकार करो,
अरिहंत भैया बनकर हमको इस भव सिन्धु से पार करो ||
हे गुरुवर तुमने जो कुछ दिया हमें,उसका वर्णन क्या कर पाए
बस यही भावना चरणों में, अविनश्वर शिव सुख पा जाए ||
ऊं ह्रीं श्री क्षमासागर मुनिन्द्राय पूजा जयमाला पूर्णार्घ्यम निर्वपामिति स्वाहा ||
*जय बोलो, आचार्य गुरुवर श्री विद्यासागर जी महाराज की जय!*
*सागर गौरव समाधिस्त मुनि श्री क्षमासागर जी महाराज की जय!*
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News in Hindi
सिलवानी त्रिमूर्ति जिनालय में विराजमान 16 फिट उंतुंग अत्यंत मनमोहक शांति नाथ, कुंथुनाथ, अरनाथ भगवान #Silvani #ShantiNath #KunthuNath #ArhaNath
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Live Photograph:) जन जन के आराध्य आचार्य श्री विद्यासागर जी पहुँचे मंडला हुई मंगलमयी आगवानी... #AcharyaVidyasagar
गुरुदेव् ने आज 6 km विहार किया और आज गुरुदेव ने केशलोंच भी कर लिए आज गुरुदेव का उपवास है सर्दी हो या गर्मी गुरुवर कितना परिषह सहते हो.... (मुनि योगसागर जी, मुनि संधानसागर जी के भी केशलोंच हुए) अब आचार्य भगवन का सानिध्य कितने दिन तक मिलने वाला है ये बस गुरूजी जानते है हम भक्तो को तो लगता है गुरुदेव ससंघ मण्डला में 2 -3 दिन के अल्पप्रवास की पूर्ण संभावना है.... मण्डला से 2 मार्ग निकलते है 1 डिण्डोरी होते हुए अमरकंटक, दूसरा डोंगरगढ़...
नोट-जानकारी संभावित है सभी जानकारियो के लिये बने रहिये हमारे साथ.. -?स्वतंत्र जैन Amgaon
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#आचार्य_श्री_विद्यासागर_जी की मंगल प्रेरणा एवं आशीर्वाद से संचालित गौशाला:) #Special_Info
आजकल सबसे ज्यादा बीमारियो का कारण है कि मिलावटी भोजन ☕ जो भोजन हम ग्रहण करते है वह पूर्णतया शुद्ध न होने के कारण हमारे शरीर मे भंयकर बीमारियोको जन्म देता है 💊हम पहले तो संभलते नही है लेकिन जब भयंकर बीमारिया हमे घेर लेती है तब हम जागते है व शुद्ध व सात्विक भोजन की तरफ भागते है इसलिऐ समय 🌅रहते ही सचेत हो जाऔ व शुद्ध व सात्विकता की और अपने कदम 👣👣👣 बढाईऐ इसके लिऐ आवश्यकता है भोजन मे दूध दही व घी जो हम ग्रहण कर रहे उसे शुद्ध करने की
⛳आचार्य श्री विद्यासागर जी की प्रेरणा व आशीर्वाद 🙌 से बीना बारा (सागर) मे शुद्ध घी बनाने की मशीने लगाई गई है जिसमे मर्यादा का भी विशेष ध्यान रखा गया है। ४८ मिनट से पहले पहले उसका घी निकाल लिया जाता है ताकि अपने जीवन में शुद्धता व स्वास्थ्य दोनों का लाभ मिले
⛳🐄आचार्य श्री जी का केवल गौ रक्षा का ही उद्देश्य है🐄⛳
1⃣🐄 गायो को सरंक्षण मिले
क्योकि आजकल गायो की तस्करी करके उनको कत्लखाने मे भिजवाया जाता है इसलिए गायो को सरंक्षण मिलेगा
2⃣ 💊वर्तमान मे फैलती कैंसर व अन्य घातक बीमारिया जो सभी का जीवन तहस नहस कर रही उससे बचने का उपाय है कि शुद्ध गाय का घी व दूध उपयोग करें
🐄 गाय के घी के फायदे तो सभी को मालूम ही है बहुत सी बीमारियो से बचाव करता है इसलिऐ यदि आप गाय का शुद्ध घी लेना चाहते हो तो बीना बारह से आप ले सकते है
बिल्कुल शुद्ध के साथ साथ मर्यादित भी
✨साथ साथ आपको दान का भी लाभ मिलेगा क्योकि आपका पैसा वहा गायो के सरंक्षण मे भी लगेगा
तो 🐄🌳 ""एक पंथ ३ काज""
✅शुद्ता के साथ साथ मर्यादित भी व पुण्य भी जो आपके कर्म निर्जरा मे भी सहायक होगा
🐄🍯देसी गाय के घी के लिऐ आपको ₹900 प्रति किलो खर्च करना पडेगा 🍯इसके लिए आप अकाउंट मे पैसा जमा कराकर भी घी बुलवा सकते
शांतिधारा दुग्ध योजना
अकांउट नम्बर - 5974132000005
IFCS code
CNRS 0005974
ब्रांच---केनरा बैंक देवरी मध्य प्रदेश
संपर्क सूत्र
मधुर -09977994343
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