28.05.2017 ►Jeevan Vigyan Academy ►Bhiwani ►News

Published: 29.05.2017
Updated: 23.10.2017

Jeevan Vigyan Academy


News in Hindi

प्रेक्षाध्यान से बदलता है जीवन: प्रेक्षाप्राध्यापक मुनिश्री किषनलालजी
भिवानी, 28 मई 2017। प्रेक्षा का अर्थ है देखना। कैसे देखें प्रियता अप्रियता के बिना अच्छे बुरे विचार के बिना केवल देखना साक्षी भाव से अनुभव करना प्रेक्षा है। प्रेक्षा से शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक स्वास्थ्य प्राप्त होता है। जब हम किसी स्थिति को देखते हैं चाहे वह राग हो क्लेष हो वह स्वस्थ होने लगता है।
प्रेक्षा षिविर व्यक्ति की जीवन शैली को बदलता है प्रेक्षा विहार भिवानी में मुनिश्री किषनलालजी के सान्निध्य में आयोजित 28 मई से 30 मई तक चलने वाले त्रिदिवसीय प्रेक्षाध्यान षिविर का उद्घाटन करते हुए कहा - प्रेक्षाध्यान पद्धति अर्वाचीन और प्राचीन है। भगवान महावीर भी प्रेक्षा (पेहा) का प्रयोग करते थे। उससे उन्होंने वीतराग केवल ज्ञान प्राप्त किया। संसार को शांति का पथ दिखाया। आज भी भगवान महावीर के पथ को अपनाया जाए तो संसार में शांति हो सकती है।
इस षिविर में हिसार, हांसी, रोहतक, फरीदाबाद के पुरुष महिलाएं भाग ले रही है। आस-पास के पत्रचार से एम.ए. का कोर्स करने वाले छात्र-छात्राएं भी भाग ले रही है।
षिविर में यौगिक क्रियाएं, प्रेक्षाध्यान प्रषिक्षण एवं प्रयोग, कायोत्सर्ग, शरीर और स्वास्थ्य विज्ञान आदि प्रयोग करवाये जाते हैं षिविरार्थी बड़े उत्साह से भाग ले रहे हैं।
षिविर में मुनि निकुंजकुमारजी, समण सिद्धप्रज्ञजी, प्रेक्षाविहार के कोषाध्यक्ष श्री अषोक जैन, अणुव्रत समिति भिवानी के अध्यक्ष श्री रमेष बंसल, प्रेक्षा विहार के व्यवस्थापक श्री राजेन्द्र कुमार सुरेका प्रषिक्षक श्री महेन्द्र कुमावत, अषोक सियोल आदि का विषेष सहयोग मिल रहा है।
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