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ज्ञानषाला किषोरमण्डल विषेष संगोष्ठी
ज्ञान जीवन का निर्माण करता है: मुनिश्री किषनलालजी
हांसी (हरियाणा) 2 जुलाई 2017।
श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा में उपस्थित धर्मसभा को संबोधित करते हुए प्रेक्षाप्राध्यापक मुनिश्री किषनलालजी ने अपने दैनिक प्रवचन में कहा कि संसार में भव्य और अभव्य जीव हैं। अभव्य जीव कभी मोक्ष में नहीं जाता। अभव्य वह है जो हिंसा, क्रूरता से भरा हुआ है और उसके मन में सम्यक् ज्ञान की इच्छाएं पैदा नहीं होती। भव्य वह होता जिसके मन में मोक्ष की अभिलाषा होती है, साथ में सम्यक् दर्षन को प्राप्त करता है।
आष्चर्य है कि सारे भव्य मोक्ष में नहीं जाते वे अभव्य के साथ जैसे ही हैं। सम्यक् दर्षन का अपना महत्त्व है। सम्यक् दर्षन प्राप्त करने वाला जीव सीमित संसारी होता है और एक दिन वह मोक्ष को प्राप्त हो जाता है।
मुनिश्री ने उत्तराध्ययन के संदर्भ में चर्चा करते हुए भारमलजी, जयाचार्य के स्वाध्याय प्रेम की चर्चा की, प्रतिदिन स्वाध्याय और जप करने की प्रेरणा दी।
तेरापंथ युवक परिषद के प्रधान श्री राहूल जैन ने बताया कि ज्ञानषाला किषोर मण्डल की विषेष संगोष्ठी में मुनिश्री किषनलालजी ने बच्चों को प्रेरणा देते हुए कहा कि ज्ञान जीवन का निर्माण करता है। ज्ञानषाला मंे बच्चों के संस्कारों का निर्माण किया जाता है। प्रारंभ में ही बच्चों को संस्कार दिये जाएं तो जीवन में उनके काम आते हैं।
प्रेक्षाप्राध्यापक ‘षासनश्री’ मुनिश्री किषनलालजी ने बताया कि ज्ञानषाला आचार्य तुलसी की यह महान देन है। आचार्यश्री महाश्रणमजी अत्यंत जागरूकता से इसका पोषण करते हैं। जैन श्वेताम्बर तेरापंथी महासभा की क्षेत्रीय सभाएं और महिला मण्डल बच्चों में संस्कारों को भरने में अपना पूरा समय लगाती है।
मुनिश्री ने अच्छे बच्चों के लिए प्रतिदन जाप एवं नमस्कार मुद्रा करने का संकल्प करवाया। बच्चों ने विनय और प्रतिदिन दर्षन का भी संकल्प लिया। ज्ञानषाला के बच्चों में सामायिक, अर्हम वंदना और नमस्कार मुद्रा का प्रयोग सीखा।
मुनिश्री निकुंजकुमार ने भी बच्चों को संस्कारी बनने व भोजन करते समय टीवी नहीं देखने का संकल्प करवाया, ज्ञानषाला की प्रषिक्षिकाओं ने बच्चों को संभालने में अपना योगदान दिया।
तेरापंथ युवक परिषद के प्रधान श्री राहूल जैन ने जानकारी देते हुए कहा कि तेरापंथ सभा भवन में प्रातः 5.30 बजे प्रेक्षाप्राध्यापक ‘षासनश्री’ मुनिश्री किषनलालजी के सान्निध्य में प्रतिदिन योग, ध्यान, आसन प्राणायाम, योगिक क्रियाएं करवाई जाती है।
- राहुल जैन (प्रधान, तेरापंथ युवक परिषद् - हांसी)
मो. 9812272360