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📣 #कोलकाता: #गुरुदेव का प्रेरणा #पाथेय
#शांतिदूत! #करुणानिधान! पूज्य #आचार्य_श्री_महाश्रमण जी के पावन सान्निध्य से #प्रवचन कालीन कार्यक्रम की अनुपम झलकियां एवं गुरुवर का #प्रेरणा पाथेय। 📺
04.10.2017
प्रस्तुति > #तेरापंथ मीडिया सेंटर
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चार कारणों से मनुष्य को प्राप्त हो सकती है तिर्यंच गति:- #आचार्य_श्री_महाश्रमण
- #आगमाधारित पावन #प्रवचन में आचार्यश्री तिर्यंच गति में जाने के कारणों का किया वर्णन
- #श्रद्धालुओं को माया-मृषा से बचने की दी पावन प्रेरणा
- #हाजरी का रहा क्रम, साधु-साध्वियों ने अपने संकल्पों को मजबूत बनाने को लेखपत्र का किया उच्चारण
- #राष्ट्रीय_संस्कार_निर्माण_शिविर के समापन पर आचार्यश्री ने विद्यार्थियों को प्रदान किए #आशीर्वाद
-बच्चों ने आचार्यश्री के समक्ष दी अपनी भावाभिव्यक्ति
04.10.2017 राजरहाट, कोलकाता (पश्चिम बंगाल)ः जैन श्वेताम्बर तेरापंथ धर्मसंघ के ग्यारहवें अनुशास्ता, भगवान महावीर के प्रतिनिधि अहिंसा यात्रा के प्रणेता आचार्यश्री महाश्रमणजी ने बुधवार को अध्यात्म समवसरण में उपस्थित श्रद्धालुओं को ‘ठाणं’ आगम में वर्णित तिर्यंच योनी में चार के चार कारणों का वर्णन करते हुए लोगों को माया और मृषा से बचकर अपनी आत्मा के साथ अपनी अगली गति को अच्छा बनाने की पावन प्रेरणा प्रदान की। वहीं हाजारी के क्रम में उपस्थित समस्त साधु-साध्वियों को आचार्यश्री ने पावन प्रेरणा प्रदान करते हुए हाजरी पत्र का वाचन किया तो साधु-साध्वियों ने सविनय बद्धांजलि हो अपने कृत संकल्पों को निष्ठा से पालन करने के संकल्पों को दोहाराया।
बुधवार को कोलकाता के राजरहाट में स्थित महाश्रमण विहार के आध्यात्म समवसरण से महातपस्वी आचार्यश्री महाश्रमणजी ने ‘ठाणं’ आगामाधारित अपने पावन में प्रवचन में कहा कि मनुष्य मरकर नरक गति में जा सकता है, तिर्यंच गति में जा सकता है, देव गति में जा सकता है और सिद्धावस्था को भी प्राप्त कर सकता है। अगर प्रश्न हो की कौन मनुष्य तिर्यंच गति में जा सकता है तो इसके आगम में चार कारण बताए गए हैं-पहला माया, दूसरा-निकृति, तीसरा-असत्य वचन और चैथा-कूट तोल-मान। इन चारों से आदमी तिर्यंच गति में जा सकता है।
आचार्यश्री ने इन चारों का विस्तृत वर्णन करते हुए कहा कि माया के कारण आदमी की मानसिकता में कुटिलता का समावेश हो सकता है। एक आदमी का मन साफ और निर्मल और दूसरे आदमी मन कपटी और कुटिल सो सकता है। आदमी के मन में कुटिलता भरी हो तो वह आदमी तिर्यंच गति में पैदा हो सकता है। जो आदमी जितना बुद्धिमान होता है वह कुटिलता भी उतनी बड़ी और उतनी चतुराई से कर सकता है। दूसरा कारण है निकृति अर्थात् ठगाई। आदमी दूसरों को धोखा दे देता है या कुछ लाभ के लिए दूसरे को ठग लेता है, वैसा आदमी भी तिर्यंच योनी में पैदा हाने का भागीदार हो जाता है। तीसरा कारण है-असत्य वचन। झूठ बोलने से आदमी तिर्यंच गति में पैदा हो सकता है। चैथा कारण है कूट तोल-मान यानी माप-तौल में गड़बड़ी करने वाला तिर्यंच गति मंे जा सकता है। इसलिए आदमी को सरल बनने का प्रयास करना चाहिए। आचार्यश्री ने पावन प्रेरणा प्रदान करते हुए कहा कि माया-मृषा के कारण आदमी अवनति की ओर जा सकता है। आचार्यश्री ने हाजरी वाचन के क्रम में साधु-साध्वियों को पावन प्रेरणा प्रदान की। उसके उपरान्त समस्त साधु-साध्वियों ने लेख पत्र का उच्चारण करते हुए अपनी निष्ठा को दोहराया।
आचार्यश्री ने राष्ट्रीय संस्कार निर्माण शिविर के समापन के अवसर पर विद्यार्थियों को पावन प्रेरणा प्रदान करते हुए कहा कि सभी में संस्कार का निर्माण हो, उनके भीतर शुद्ध भाव पुष्ट हों तो उनका जीवन अच्छा बन सकता है। प्रतिभागी बालक-बालिकाओं ने गीत का संगान किया। संयोजक श्री रवि छाजेड़ ने अपनी भावाभिव्यक्ति दी। श्रेष्ठ शिविरार्थी बालक वैभव नाहटा और बालिका पूजा बोथरा, अनुशासित बालक संजोग पारख और अनुशासित बालिका नैना छाजेड़ के नामों की घोषणा की। बालक वैभव नाहटा ने भी अपनी भावाभिव्यक्ति दी। वहीं कोलकता शहर से लौटे मुनि योगेशकुमारजी ने आचार्यश्री के दर्शन कर पावन आशीर्वाद प्राप्त किया और गुरु इंगितानुसार कार्य को पूर्ण करके वापस गुरुकुलवास में लौटने पर अपनी भावाभिव्यक्ति दी। सभी प्रतिभागी बालक-बालिकाओं में पुरस्कार व प्रशस्ति पत्र का वितरण भी किया गया। शिक्षक और प्रशिक्षकों भी स्मृति चिन्ह आदि देकर सम्मानित किया गया।
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News in Hindi
🙏 #जय_जिनेन्द्र सा 🙏
दिनांक- 04-10-2017
तिथि: - #आश्विन शुक्ल #चतुर्दशी (14)
#बुधवार त्याग/#पचखाण
★ आज #मैग्गी खाने का #त्याग करे।
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जय जिनेन्द्र
#प्रतिदिन जो त्याग करवाया जाता हैं। सभी से #निवेदन है की आप स्वेच्छा से त्याग अवश्य करे। छोटे छोटे #त्याग करके भी हम मोक्ष मार्ग की #आराधना कर सकते हैं। त्याग अपने आप में आध्यात्म का मार्ग हैं।
#jain #jaindharam #terapanth
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🙏तेरापंथ मीडिया सेंटर🙏
🔯 गुरुवर की अमृत वाणी 🔯
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📣 #कोलकाता:-
#अहिंसा_यात्रा प्रणेता #आचार्य_श्री_महाश्रमण जी की मंगल सन्निधि में आज #बाल_गंगाधर_महास्वामी_मठ के पीठाध्यक्ष #श्री_निर्मलानंद_महास्वामी का आगमन हुआ। उन्होंने आचार्य श्री के #बेंगलुरु चतुर्मास के दौरान अपने यहां पधारने का अनुरोध किया।
03.10.2017
प्रस्तुति > #तेरापंथ मीडिया सेंटर
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संथारारत सरदारशहर की श्राविका तोली देवी के लिए *मुनिश्री कुलदीप कुमार जी* का विशेष संदेश सुनने के लिए लिंक पर क्लिक करें ।
https://youtu.be/Fx6i7xvTm9Y
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