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#दृढ़ #संकल्पशक्ति के धनी #आचार्यश्री कल #ब्रह्म_मुहूर्त में करेंगे प्रवचन
-#एक_दिन के चतुर्मास प्रवास स्थल से बाहर जाने को लेकर आचार्यश्री ने किया #निर्णय
-लगभग साढ़े #चार_बजे से आरम्भ होगा कल का मंगल #प्रवचन
-अपने गुरु की दृढ़ #संकल्पशक्ति को देख #प्रणत हुए #श्रद्धालु
-आचार्यश्री एक दिवसीय प्रवास के लिए पहुंचेगे #साल्टलेक
कहते हैं जिसकी कथनी व करनी समान, वह व्यक्ति होता है महान। सच! यह बात अक्षरशः सत्य है। एक महान व्यक्तित्व की ही कथनी और करनी में समानता हो सकती है। जैन श्वेताम्बर तेरापंथ धर्मसंघ के एकादशम देदीप्यमान महासूर्य के समान तेजस्वी, दृढ़ संकल्प के धनी, शांतिदूत आचार्यश्री महाश्रमणजी में दृढ़ संकल्पजा शक्ति और कथनी व करनी की एकरूपता देखी जा सकती है। मानवता के कल्याण का दृढ़ संकल्प लिया तो अहिंसा यात्रा के साथ हिमालय की दुर्गम घाटियों, पथरीले रास्तों और घनघोर जंगलों से होते हुए असम के खतरनाक बोडोलैंड सहित लगभग पूरे असम में जन-जागृति लाना उनकी दृढ़ संकल्पजा शक्ति का ही परिचायक है। यही नहीं मेघालय के पहाड़ों की दुर्गम चढ़ाई, तो प्रत्येक राज्य, क्षेत्र के साथ बदलती आबो-हवा के साथ सामंजस्य बिठाते हुए मानवता के कल्याण के लिए निरंतर गतिमान होना उनकी दृढ़ संकल्प को दर्शाता है।
नेपाल की दुर्गम यात्रा के दौरान भूकंप के रूप में आई भीषण प्राकृतिक आपदा में जिनके कदम नहीं डिगे तो एकमात्र उसका कारण उनकी अटूट संकल्प बल ही था। चाहे असम में होने वाली निरंतर बरसात या मेघालय की सर्द हवाएं जिनका मार्ग रोकने की पुरजोर कोशिश के बावजूद भी नाकाम रहीं तो वह केवल इस महामानव की दृढ़ संकल्प शक्ति के कारण। मानव-मानव की चेतना के निरंतर प्रवचन करने वाले प्रभावी प्रवचनकार आचार्यश्री महाश्रमणजी की जनकल्याणकारी प्रवचन शृंखला भी अटूट रही हो। चाहे बरसात हो, चाहे कुहरे की मार हो या गर्मी की तपती धूप हो, चाहे स्कूल का बरामदा हो, खुला टीन शेड, प्रवचन पंडाल हो हर जगह हर परिस्थिति में मानवता को जागृत करने के लिए प्रवचन देते हैं।
आज भी अहिंसा यात्रा प्रणेता के दरबार में ऐसा ही दृश्य देखने को मिला। हुआ यों कि कल 6 अक्टूबर को प्रातः आचार्यश्री का साॅल्टलेक में पदार्पण का कार्यक्रम है। ऐसी स्थिति में जनता को एक दिन आचार्यश्री के प्रवचन से वंचित रहना पड़ता, लेकिन आचार्यश्री ने चिंतन किया कि एक दिन भी प्रवचन में मेरी गैरहाजरी क्यों लगे? इस चिंतन के आधार पर आचार्यप्रवर ने साध्वीप्रमुखाजी और साधुओं से परामर्श कर कल प्रातः लगभग साढ़े चार बजे से पांच बजे के बीच प्रवचन करने की घोषणा कर दी।
आचार्यश्री की इस घोषणा को सुनकर लोगों के मुख पर आश्चर्यमिश्रित हर्ष उभर आया। आम लोग जब गहरी निद्रा में लीन रहते हैं, ऐसे में महापुरुष जनता की चेतना को जगाने के लिए प्रवचन करेंगे। श्रद्धालु लोग अपने गुरु की संकल्पनिष्ठा के प्रति प्रणत हैं और कल सुबह चार बजे उठकर आचार्यश्री के प्रवचन श्रवण का भाव भी उनमें उत्साह के साथ बना हुआ है।
ज्ञातव्य है कि आचार्यश्री कल लगभग छह बजे के आसपास चतुर्मास प्रवास स्थल से प्रस्थान कर साॅल्टलेक पधारेंगे। आचार्यश्री के कल का प्रवास साॅल्टलेक के श्री रूपचंद सेठिया के निवास स्थान जहां सीजे 250 में होगा। वहां एक दिवसीय प्रवास के उपरान्त आचार्यश्री पुनः चतुर्मास प्रवास स्थल में पधार जाएंगे।
05.10.2017
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News in Hindi
🙏 #जय_जिनेन्द्र सा 🙏
दिनांक- 05-10-2017
तिथि: - #आश्विन शुक्ल #पूर्णिमा (15)
#गुरुवार त्याग/#पचखाण
★ आज #ढोकला (खम्मन) खाने का #त्याग करे।
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जय जिनेन्द्र
#प्रतिदिन जो त्याग करवाया जाता हैं। सभी से #निवेदन है की आप स्वेच्छा से त्याग अवश्य करे। छोटे छोटे #त्याग करके भी हम मोक्ष मार्ग की #आराधना कर सकते हैं। त्याग अपने आप में आध्यात्म का मार्ग हैं।
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🙏तेरापंथ मीडिया सेंटर🙏
🔯 गुरुवर की अमृत वाणी 🔯
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