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👉 घाटकोपर (मुम्बई) - जैन संस्कार विधि द्वारा दिपावली पुजन कार्यशाला का आयोजन
👉 राजसमंद: तेरापंथ महिला मंडल का "क्रैकर्स फ्री दीवाली" अभियान
👉 राजसमंद: तुलसी शिक्षा परियोजना परिक्षार्थी सम्मानित
👉 दक्षिण हावड़ा - वन्दनवाल प्रतियोगिता का आयोजन
प्रस्तुति: 🌻तेरापंथ *संघ संवाद*🌻
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*पुज्यवर का प्रेरणा पाथेय*
👉 *पांच अविग्रह के द्वारा संघ हो सकता है स्वस्थ और दीर्घजीवी*
👉 *-आचार्यश्री के श्रीमुख से निरंतर बह रही आगमवाणी लोगों को प्रदान कर रही विशेष ज्ञान*
👉 *-आचार्यश्री ने विधेयात्मक और निषेधात्मक आज्ञा सहित पांच अविग्रह का किया वर्णन*
👉 *-संयम पथ पर आगे बढ़ रहे साधु, साध्वियों व समणश्रेणी के प्रति आचार्यश्री ने की आध्यात्मिक मंगलकामना*
👉 *-संयम पर्याय के 25 वर्ष पूर्ण करने वाले साधु, साध्वियों व समणियों ने दी श्रीचरणों में अर्पित की प्रणति*
दिनांक 12-10-17
प्रस्तुति - तेरापंथ *संघ संवाद*
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जैनधर्म की श्वेतांबर और दिगंबर परंपरा के आचार्यों का जीवन वृत्त शासन श्री साध्वी श्री संघमित्रा जी की कृति।
📙 *जैन धर्म के प्रभावक आचार्य'* 📙
📝 *श्रंखला -- 173* 📝
*गौरवशाली आचार्य गुणधर*
गुणधर दिगंबर परंपरा के मनीषी आचार्य थे। दिगंबर परंपरा के श्रुतधर आचार्यों में आचार्य गुणधर का नाम प्रमुख है। आचार्य गुणधर को पंचम ज्ञानप्रवादपूर्वगत दशम वस्तु के तृतीय पेज्जदोष पाहुड़ का ज्ञान था। यह उनके कषाय पाहुड़ के अध्ययन से प्रतीत होता है। आचार्य गुणधर महाकम्म पयड़ि पाहुड़ के भी विशिष्ट ज्ञाता थे। कषाय पाहुड़ के बंध, संक्रमण आदि अधिकारों में कर्मविज्ञान का जो विशुद्ध विवेचन हुआ है वह महाकम्म पयड़ि पाहुड़ के अनुयोग द्वारों से संबंधित बताया जाता है। महाकम्म पयड़ि पाहुड़ का 24वां अल्पबहुत्व नामक अनुयोग द्वार कषाय पाहुड़ के अर्थाधिकारों से संबद्ध माना गया है। इससे सिद्ध है, पेज्ज दोष पाहुड़ ज्ञान के साथ महाकम्म पयड़ि पाहुड़ पर भी गुणधर आचार्य का आधिपत्य था।
*गुरु-परंपरा*
इंद्रनंदी के 'श्रुतावतार' में दिगंबर समाज समर्थित जो गुरु-परंपरा प्राप्त है उसमें गुणधर का उल्लेख नहीं है। इंद्रनंदी सूत्र सिद्धांत के पारगमी विद्वान थे। उनके द्वारा विशिष्ट आचार्यों के साथ गुणधर का उल्लेख ना हो यह चिंतन की अपेक्षा है पर इतिहास के अन्य संदर्भों को देखते हुए स्पष्ट है गुणधर उस समय के प्रभावी आचार्य थे। आचार्य अर्हद्बलि की अध्यक्षता में पंचवर्षीय युग प्रतिक्रमण के समय वृहद् मुनि सम्मेलन हुआ। इस सम्मेलन में सौ योजन तक के मुनि सम्मिलित हुए तथा नंदी, वीर, अपराजित आदि कई संघ स्थापित हुए। उनमें एक गुणधर संघ की स्थापना भी हुई। यह गुणधर संघ की स्थापना आचार्य गुणधर के नाम पर थी। इससे स्पष्ट है उस समय आचार्य गुणधर का व्यक्तित्व या उनसे संबंधित संघ या गण इतना प्रभावी रहा है जिसके कारण वृहद् सम्मेलन में गुणधर संघ की स्थापना हुई।
*साहित्य*
साहित्यिक क्षेत्र में श्रुतधर गुणधर का मूल्यवान योगदान है। गुणधर और धरसेन दोनों की श्रुत प्रतिष्ठापक के रूप में प्रसिद्धि है। गुणधर ने कषाय पाहुड़ जैसे उत्तम ग्रंथ की रचना की और धरसेन ने श्रुतज्ञान का दान पुष्पदत्त और भूतबलि जैसे योग्य शिष्यों को देकर श्रुत की धारा को अविच्छिन्न बनाए रखा। आचार्य गुणधर द्वारा रचित कषाय पाहुड़ का संक्षिप्त परिचय इस प्रकार है—
*कषाय पाहुड़* कषाय पाहुड़ ग्रंथ समुद्र के तुल्य है। यह ग्रंथ दिगंबर परंपरा का कर्म विज्ञान संबंधी प्रतिनिधि ग्रंथ है। इसका दूसरा नाम पेज्जदोष पाहुड़ है। कषाय पाहुड़ के 16,000 पद्य परिमाण में वर्णित कर्म संबंधी गंभीर विषय को 180 गाथाओं में उपसंहृत करना गुणधर आचार्य की विशेष क्षमता का प्रतीक है। गाथासूत्र शैली में कषाय पाहुड़ की रचना हुई है।
*कषाय पाहुड़ की रचना शैली* के बारे में संक्षिप्त रूप में जानेंगे... हमारी अगली पोस्ट में... क्रमशः...
प्रस्तुति --🌻तेरापंथ *संघ संवाद*🌻
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👉 ह्यूस्टन (अमेरिका) - जेवीबी प्रेक्षा ध्यान ह्यूस्टन सेंटर की आठ वीं वर्षगांठ पर कार्यक्रम
👉 सादुलपुर - आतिशबाजी को कहे ना विषय पर कार्यशाला का आयोजन
👉 कोयम्बत्तूर - टी. पी. एफ. द्वारा मेधावी छात्र प्रोत्साहन समारोह आयोजित
👉 कांटाबांजी - प्रदूषण रहित सुरक्षित दीपावली मनाने का अभियान
👉 राजाजीनगर (बेंगलोर) - जैन संस्कार विधि से दीपावली पूजन कार्यशाला का आयोजन
👉 टी दासरहल्ली (बेंगलोर) - जैन संस्कार विधि द्वारा दीपावली पूजन कार्यशाला का आयोजन
👉 अहमदाबाद - प्रदुषण रहित दीपावली अभियान
👉 अहमदाबाद - जैन जीवन शैली कार्यशाला
👉 सूरत - जैन संस्कार विधि के बढते चरण
👉 राजरहाट, कोलकत्ता - तेमम, उत्तर हावड़ा द्वारा जैन जीवन शैली कार्यशाला का आयोजन
👉 दिल्ली - स्वस्थ समाज में नारी का महत्व विषयोक्त टॉक शो
👉 उदयपुर - त्रिदिवसीय प्रशिक्षक प्रशिक्षण शिविर
👉 सरदारशहर - जैन संस्कार विधि कार्यशाला का आयोजन
प्रस्तुति -🌻 तेरापंथ *संघ संवाद* 🌻
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👉 पूज्य प्रवर का प्रवास स्थल -"राजरहाट", कोलकाता (पश्चिम बंगाल) में
👉 गुरुदेव मंगल उद्बोधन प्रदान करते हुए..
👉 आज के मुख्य प्रवचन के कुछ विशेष दृश्य..
दिनांक - 12/10/2017
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