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पन्ना जिले (म. प्र.) में “मदर ऑफ खजुराहो” नाम से प्रसिद्ध ‘अजयगढ़ किले’ में स्थापित लगभग 9वीं सदी की प्राचीन व अतिशयकारी भगवान शांतिनाथ की मूल प्रातिमा, भगवान कुंथुनाथ व अरहनाथ की प्रतिमाएं, सहस्त्रकूट जिनालय व जैन सरस्वती, मन्दिरों के अवशेष और विशाल चट्टानों पर उकेरी गयी जैन तीर्थंकरों व सरस्वती प्रतिमा! पुरातत्व विभाग द्वारा प्राचीन प्रतिमाओं की पूजा रोककर केवल दर्शन करने की अनुमति क्यों?... विश्व जैन संगठन fb.com/AntiquityOfJainism
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अजयगढ़ किले में स्थापित लगभग 9वीं सदी की प्राचीन व अतिशयकारी भगवान शांतिनाथ की मूल प्रातिमा, भगवान कुंथुनाथ व अरहनाथ की प्रतिमाएं
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प्राचीन सहस्त्रकूट जिनालय (कुछ हिस्सा जमीन के अंदर)
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चट्टान पर उकेरे गये जैन तीर्थंकर चौबीसी
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चट्टान पर उकेरे गये जैन तीर्थंकर
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देश में चट्टान पर उकेरी हुई प्रथम प्राचीन जैन सरस्वती
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जैन सरस्वती
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प्राचीन व अतिशयकारी भगवान शांतिनाथ की मूल प्रातिमा
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जैन चौबीसी व सरस्वती
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प्राचीन जैन मंदिर अवशेष
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प्राचीन जैन प्रतिमा अवशेष
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प्राचीन जैन मंदिर अवशेष
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प्राचीन जैन मंदिर अवशेष
आज दिनांक 13 नवम्बर को प्रात: 6 बजे त्रिलोकसंत पूज्य आचार्य श्री ज्ञानसागर जी मुनिराज ससंघ का मंगल विहार ऐदिलपुर से 7 किलोमीटर आगे जैन मंदिर, धौलपुर हेतु हुआ।
आज की आहारचर्या यही होगी!
आज दिनांक 13 नवम्बर को ही दिन में 3 बजे आचार्य श्री ससंघ का मंगल विहार धौलपुर से 7 किलोमीटर आगे प्राथमिक विद्यालय, बंधा, ए. बी. रोड हेतु होगा।
आज का रात्रि विश्राम यही होगा।
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*आचार्य श्री ससंघ का मंगल विहार सिद्धक्षेत्र सोनागिर जी हेतु चल रहा है। कृपया मंगल विहार में शामिल होकर धर्म लाभ लें*
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