Update
*29/11/17* दक्षिण भारत मे मुनि वृन्द, साध्वी वृन्द का सम्भावित विहार/ प्रवास
दर्शन सेवा का लाभ लें
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी* *के आज्ञानुवर्ति मुनिश्री सुव्रत कुमार जी ठाणा* 2 का प्रवास
*तेरापंथ सभा भवन*
*होसुर* (तमिलनाडु)
☎ 9443435633,9003789485
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी के आज्ञानुवर्ती मुनि श्री रणजीत कुमार जी ठाणा २* का प्रवास
*तेरापंथ भवन*
*मेसुर* (कर्नाटक)
☎9901135937,9448385582
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य*
*मुनि श्री ज्ञानेन्द्र कुमार जी ठाणा 3* प्रवास
*KOVAI VIDHYA ASHRAM SCHOOL*
KANGYAM KARUR ROAD
TAMILNADU
☎ 8107033307,
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य*
*डॉ. मुनि श्री अमृतकुमार जी ठाणा 2* का प्रवास
*चेंगलपेट*
(तमिलनाडु)
☎9894101643
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य मुनि श्री प्रशान्त कुमार जी ठाणा 2* का प्रवास
*Karinthalthani* से विहार करके *कमलेश जी जैन* के निवास स्थान *Perinthalmana*
पधारेगे (केरला)
☎ 7200690967
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या 'शासन श्री' साध्वी श्री विद्यावती जी 'द्वितिय' ठाणा ५* का प्रवास
*इंद्रचन्द जी घर्मीचन्द जी घोका*
*होसकोटे* (कर्नाटक)
☎8890788494,9341248726
080-27931296
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या 'शासन श्री' साध्वी श्री कंचनप्रभा जी ठाणा ५* का प्रवास
*Praveen ji Dak*
#199,7th cross 1st N block Rajajinagar Bangalore 10
(कर्नाटक)
☎.9886199786
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या 'शासन श्री' साध्वी श्री सत्यवती जी ठाणा 4* का प्रवास
*पद्माजीवाडा प्राईमरी स्कूल*
*हैदराबाद- नागपुर रोड*
(तेलंगाना)
☎9959037737
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री काव्यलता जी ठाणा 4* का प्रवास
*Surya Prakash Mahal*
#774 T.H.ROAD Thiruyottiyur
(तमिलनाडु)
☎9884200325,9841648307
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री प्रज्ञाश्री जी ठाणा 4* का प्रवास
*नौरतनमल डागा*
का निवास स्थान
४५, वैलायुदम रोड(VSV नगर)
मेहता स्कूल के पास,
*सिवाकासी* (तमिलनाडु)
☎91 9443327831
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री लब्धीश्री जी ठाणा 3* का प्रवास
*तेरापंथ भवन*
*हिरियुर* (कर्नाटक)
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री सुदर्शना श्री जी ठाणा 4* का प्रवास
*तेरापंथ भवन*
*सिंघनुर*(कर्नाटक)
☎7230910977,8830043723
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री मघुस्मिता जी ठाणा 7* का प्रवास
*टाईम पियू कॉलेज*
*चंद्रापटना*
हासन - बैगलोर हाइवे (कर्नाटक)
☎7798028703
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प्रस्तुति:- 🌻 *तेरापंथ संघ संवाद* 🌻
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Update
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त्याग, बलिदान, सेवा और समर्पण भाव के उत्तम उदाहरण तेरापंथ धर्मसंघ के श्रावकों का जीवनवृत्त शासन गौरव मुनि श्री बुद्धमलजी की कृति।
📙 *'नींव के पत्थर'* 📙
📝 *श्रंखला -- 33* 📝
*टीकमजी डोसी*
गतांक से आगे...
डोसीजी को प्रतीत हुआ कि उन्होंने जो अब तक जान रखा था तत्त्व उससे कहीं अधिक गहराई में है। उस धर्म चर्चा के फलस्वरूप वे उस गहराई तक पहुंचे। स्वामीजी के मंतव्यों पर उन्हें श्रद्धा हुई। फिर तो मणि के लिए जौहरी की जो उत्सुकता होती है वही उनमें जागृत हो गई। वह धार्मिक वार्तालाप उनके लिए अत्यंत लाभदायक सिद्ध हुई। उन्होंने व्यासजी से तेरापंथ के प्रत्येक मंतव्य के विषय में अच्छी तरह से जानकारी प्राप्त की। जब वे पूर्ण रूप से आश्वस्त हो गए तब व्यासजी से कहने लगे— 'आप मेरे परम उपकारी हैं। आपने सम्यक् श्रद्धा देकर मेरी आंखें खोल दी हैं। मैंने स्वामी भीखणजी के दर्शन नहीं किए हैं, परंतु आपकी संगति से उनके विचारों को समझा है। आज से मैं आपके साक्ष्य से उनको अपना धर्म गुरु स्वीकार करता हूं।'
*प्रथम दर्शन*
सम्वत् 1853 में डोसीजी गुरु दर्शनार्थ मारवाड़ में आए। प्रथम दर्शन में ही उनका मन मुग्ध हो गया। स्वामीजी के अगाध शास्त्रीय ज्ञान तथा अतुलनीय व्याख्या शक्ति ने मानो उन पर कोई सम्मोहन ही कर दिया। यद्यपि वे कुछ ही दिनों के लिए आए थे। परंतु इक्कीस दिनों तक वहां ठहरे। आगम रहस्य के सुधा सिंधु में आकंठ डूबकर उन्होंने अपनी जिज्ञासाओं के समाधान की तृप्ति प्राप्त की और उस दुर्लभ अवसर का पूर्ण लाभ उठाया। उसी अवसर पर उन्होंने स्वामीजी के पास प्रत्यक्षतः गुरु धारणा की और बोले— "आप मेरे धर्माचार्य हैं, मार्गदर्शक हैं, आपने मुझे ज्ञान की आंखें दी हैं।
*पचीस परिवार*
वे जिस उत्साह से स्वामीजी के दर्शन करने आए थे, उससे भी कहीं अधिक उत्साह लेकर वापस कच्छ गए। पहले उनके लिए स्वामीजी तथा उनके मंतव्य परीक्षा के विषय थे, परंतु अब उन्होंने उनको प्रत्यक्ष रुप से जान लिया था। प्रत्यक्ष की स्पष्टता ने उनके उत्साह को सतगुण कर दिया। कच्छ में स्वामीजी के संदेश को फैलाने की भावना उनके मन को तरंगित करने लगी। वहां पहुंचने के अनंतर ही उन्होंने अपना कार्य प्रारंभ कर दिया। उसमें उन्हें अच्छी सफलता भी प्राप्त हुई। प्रारंभिक प्रयास में पचीस परिवारों ने सम्यक् श्रद्धा ग्रहण की। उन परिवारों में बेला के संघपति मोहनजी मेहता आदि अनेक प्रभावशाली परिवार भी थे। इस प्रकार कच्छ में धीरे-धीरे उन्होंने सैंकड़ों परिवारों को श्रद्धालु बना दिया। बेला, अंजार, मुंदरा, मांडवी आदि अनेक क्षेत्रों में लोग डोसीजी के पास तत्त्व समझे और श्रद्धालु बने। इस प्रकार कच्छ में तेरापंथ के बीज वपन का कार्य व्यासजी ने किया तो उसे बढ़ाने तथा तेरापंथ और स्वामी भीखणजी के नाम को प्रख्यात करने का कार्य मुख्यतः डोसीजी ने किया।
*जयाचार्य ने टीकमजी डोसी के विषय में कुछ लिखा है* वह पढ़ेंगे और प्रेरणा पाएंगे... हमारी अगली पोस्ट में... क्रमशः...
प्रस्तुति --🌻तेरापंथ *संघ संवाद*🌻
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जैनधर्म की श्वेतांबर और दिगंबर परंपरा के आचार्यों का जीवन वृत्त शासन श्री साध्वी श्री संघमित्रा जी की कृति।
📙 *जैन धर्म के प्रभावक आचार्य'* 📙
📝 *श्रंखला -- 209* 📝
*सरस्वती-कंठाभरण आचार्य सिद्धसेन*
उच्चकोटि के साहित्यकार, दिग्गज विद्वान्, कुशलवादी सिद्धसेन श्वेतांबर परंपरा के आचार्य हैं। उनके उदार व्यक्तित्व, सुक्ष्म चिंतन शक्ति और गंभीर दार्शनिक दृष्टियों ने संपूर्ण जैन समाज को प्रभावित किया। जिसके परिणामस्वरूप दिगंबर और श्वेतांबर दोनों परंपरा के विद्वान् आचार्यों ने अपने-अपने ग्रंथों में आदर भाव सहित आचार्य सिद्धसेन का स्मरण किया है।
कलिकाल सर्वज्ञ आचार्य हेमचंद्र का मस्तक आचार्य सिद्धसेन की प्रतिभा के सामने झुक गया। उन्होंने अयोगव्यवच्छेदिका में कहा—
*क्व सिद्धसेनस्तुतयो महार्था,*
*अशिक्षितालापकला क्व चैषा।*
*तथापि यूथाधिपतेः पथस्थः,*
*स्खलद्गतिः स्वस्य शिशुर्न शौच्यः।।3।।*
सिद्धसेन की गूढ़ार्थक स्तुतियों के सामने मेरे जैसे व्यक्ति का प्रयास अशिक्षित व्यक्ति का आलाप मात्र है।
हेमशब्दानुशासन में हेमचंद्र ने (उत्कृष्टेऽनूपेन 2-2-39) सूत्र की व्याख्या में 'अनुसिद्धसेन कवयः' कहकर अन्य कवियों को सिद्धसेन का अनुगामी सिद्ध किया है।
आचार्य हरिभद्र कहते हैं—
*सुयकेवलिणा जओ भणियं*
*आयरियसिद्धसेणेण सम्मइए पइट्ठियजसेण।*
*दुस्सम-णिसा-दिवाकर कप्पंतणओ तदक्खेणं।।*
*(हरिभद्र-पंचवस्तुक गाथा 1408)*
आचार्य हरिभद्र ने प्रस्तुत श्लोक में आचार्य सिद्धसेन को दुस्सम कालरात्रि में दिवाकर के समान प्रकाशवान माना है एवं श्रुतकेवली तुल्य उनको सम्मान प्रदान किया है।
हरिवंश पुराण कर्त्ता आचार्य जिनसेन लिखते हैं—
*जगत्प्रसिद्धबोधस्य वृषभस्येव निस्तुषाः।*
*बोधयंति सतां बुद्धिं सिद्धसेनस्य सूक्तयः।।*
*(हरिवंश पुराण 1।30।)*
ऋषभदेव की सूक्तियों के समान सिद्धसेन की सूक्तियां सज्जनों की बुद्धि का विकास करती हैं।
राजवार्तिक के कर्त्ता भट्टअकलंक, पार्श्वनाथ चरित्र के रचनाकार वादिराजसूरि आदि दिगंबर विद्वान् तथा वादिदेवसूरि, प्रभाचंद्र आचार्य, अमम चरित्र के रचनाकार आचार्य मुनिचंद्र, प्रद्युम्नसूरि आदि श्वेतांबर विद्वान् आचार्य सिद्धसेन की प्रतिभा के प्रशंसक रहे हैं।
*आचार्य सिद्धसेन के जन्म एवं परिवार व जीवन-वृत्त* के बारे में जानेंगे... हमारी अगली पोस्ट में... क्रमशः...
प्रस्तुति --🌻तेरापंथ *संघ संवाद*🌻
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*पुज्यवर का प्रेरणा पाथेय*
👉 *झारखण्ड की धरती पर प्रवर्धमान अहिंसा यात्रा पहुंची काण्डेडिह*
👉 *-लगभग सोलह किलोमीटर का प्रलंब विहार कर महातपस्वी आचार्यश्री पहुंचे काण्डेडिह*
👉 *-बीस तीर्थंकरों की निर्वाण भूमि सम्मेद शिखर के सन्निकट पहुंचे तीर्थंकर प्रतिनिधि*
👉 *-उपस्थित विद्यार्थियों और श्रद्धालुओं को आचार्यश्री ने दी ज्ञानार्जन करने की पावन प्रेरणा*
👉 *-आचार्यश्री के स्वागत में शिक्षकों ने भी दी अपनी हर्षित भावाभिव्यक्ति प्राप्त किया आशीर्वाद*
👉 *-आचार्यश्री के आह्वान पर बच्चों और श्रद्धालुओं ने स्वीकार किए अहिंसा यात्रा की संकल्पत्रयी*
दिनांक - 28-11-2017
प्रस्तुति - तेरापंथ *संघ संवाद*
Source: © Facebook
Update
*पुज्यवर का प्रेरणा पाथेय*
👉 *कल्याणुपर का कल्याण करने अहिंसा यात्रा संग पहुंचे शांतिदूत*
👉 *-लगभग 15 किलोमीटर का विहार कर आचार्यश्री महाश्रमणजी पहुंचे राजकीयकृत मध्य विद्यालय कल्याणपुर*
👉 *-ठंड में भी ससमय निरंतर गतिमान हो जाते हैं संकल्प के धनी आचार्यश्री के मंगल चरण*
👉 *-संतों की अल्प समय की सत्संगति भी कल्याणकारी: आचार्यश्री महाश्रमण*
👉 *-विद्यालय के शिक्षक व ग्राम पंचायत की मुखिया ने दी अपनी हर्षाभिव्यक्ति*
दिनांक - 27-11-2017
प्रस्तुति - तेरापंथ *संघ संवाद*
Source: © Facebook
News in Hindi
👉 *"अहिंसा यात्रा"*के बढ़ते कदम
👉 पूज्यप्रवर अपनी धवल सेना के साथ विहार करके "काण्डाडीह" पधारेंगे
👉 आज का प्रवास - *काण्डाडीह*
दिनांक: 28/11/2017
प्रस्तुति - तेरापंथ *संघ संवाद*
Source: © Facebook
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