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आर्यिका श्री ज्ञानमती माताजी ससंघ के सानिध्य में शांतिनाथ उद्यान, मांगीतुंगी में भगवान शांतिनाथ के द्वितीय प्रतिष्ठापना दिवस पर हुआ भव्य अभिषेक:)
Wah! Jay ho.. prabhu!! 😍 Nariyal Jal abhishek at Rishbhdevpuram Mangitungi.
जो चन्द्रकांतमणि के जल सम धवल है ।
पीयूषवत् अतुल स्वाद लिये अमल है ।।
इस नालिकेर रस से अभिषेक करके ।
चाहूँ प्रभो! मुझ वचन इसके सदृश हों ।।१४।।
ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं ऐं अर्हं वं मं हं सं तं पं वं वं मं मं हं हं सं सं तं तं पं पं द्रां द्रां द्रीं द्रीं द्रावय द्रावय झं झं झ्वीं क्ष्वीं हं स: त्रैलोक्यस्वामिनो नालिकेररसाभिषेकं करोमि नमोऽर्हते स्वाहा । उदकचंदन...........अघ्र्यं।
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दिगंबर जैन अतिशय क्षेत्र बाड़ा पदमपुरा मे 1008 श्री पदम प्रभु भगवान की खडगासन मूर्ति का पंचामृत अभिषेक से 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के उपलक्ष में किया गया
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19 जनवरी के दिन 160 वर्ष पूर्व 1858 में भारत की आजादी में सहयोग करने हेतु शहीद लाला हुक्मचंद जैन जी व उनके नाबालिग 13 वर्ष के भतीजे फकीरचंद जैन को हांसी में अंग्रेजों ने उनकी हवेली के सामने ही सरेआम फांसी देकर उनके मृतक शरीर को अपमान करने हेतु जलाने के स्थान पर दफनाया था!
भारत की आजादी के इतिहास में अंग्रेजों ने पहली फांसी वर्ष 1857 में क्रांति की शुरूआत करने वाले क्रांतिकारी मंगल पांडे को और दूसरी फांसी 1858 में लाला हुकुम चंद जैन को दी थी!
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