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#आशीर्वाद_देते_आचार्य_विद्यासागरजी... आए महाराज पधारे जबलपुर नगरियाँ... आज उमड़ी अपार भीड़ दर्शन के वास्ते... देखे exclusive clip #share करना ना भूले!
जैसा कि आप सब को विदित है परम सौभाग्य से आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज की कृपा दृष्टि Delhi-NCR पर पहली बार पड़ी है और उन्होंने अपने संघ के (पंच बालयती मुनिराज शिष्य एवं मुनि श्री प्रणमय सागर जी, चंद्र सागर जी, वीर सागर जी, विशाल सागर जी एवं मुनि श्री धवल सागर जी को हरियाणा से होते हुए Delhi प्रवेश की स्वीकृति देकर हम सभी को करतार्थ किया है! जो कि अभी ~_*मॉडल टाउन में दिल्ली में विराजमान है* एवं दिल्ली के अधिक से मंदिर जी में विहार करके **15 April तक शाहदरा / सूरजमल विहार **तक आने की सम्भावना है!
**क्यूँ न सभी दिल्ली वासियों के साथ साथ हम भी ऐसी भावना करें कि ऐसे *उत्कृष्ट चर्या के धारी मुनिराज के चरण हमारे क्षेत्र पर भी पड़ें* और हम सभी को भी मुनि श्री का मंगल सानिध्य प्राप्त हो सके,
पता नहीं आचार्य महाराज की कृपा दृष्टि दोबारा कभी Delhi-NCR पर पड़े या ना पड़े!आप सभी से अनुरोध है कि अधिक से अधिक संख्या में मुनि श्री के समक्ष श्रीफल अर्पित कर अपने क्षेत्र में पधारने का निवेदन करें!
अधिक जानकारी हेतु आप सचिन जैन 9899008448, अंशुल जैन 9911088083 से सम्पर्क कर सकते है!
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Jain Girl from Kolhapur selected for prestigious Kalpana Chawala International Scholarship
A 23-year-old girl student from this district in Maharashtra has been selected for prestigious 'Kalpana Chawala International Scholarship' on behalf of International Space University (ISU), France.
Ms Anisha Ashok Rajmane from Halondi village in Hatkanangale tehsil of this district completed her production engineering in local Kolhapur Institute of Technology and now studying MBA in Cyber College here.
She has been selected for her essay on space science, which was sent through a Pune-based institution. The letter of scholarship was received on March 14.
ISU committee has sanctioned 17,500 euro's scholarship for 'space research' subject to encourage her to take up space study. The scholarship is given in memory of astronaut Kalpana Chawala who died on February 1, 2003, in a space shuttle Colombia mishap.
This was the second scholarship received by an Indian girl student. Earlier Sonal Babharwal of Amaravati was honored with the scholarship.
#Scholarships #Education #Space #Jains
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News in Hindi
गुरुदेव की आहारचर्या रांझी जबलपुर में... exclusive today clip..
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खंडवा से बनने वाली पहली बाल ब्रह्मचारी आर्यिका, सिद्धा दीदी 25 को लेंगी श्रवणबेलगोला में दिगंबरी जैन दीक्षा.. आचार्य वर्धमाँनसागर जी द्वारा..
श्रवणबेलगोला में 25 अप्रैल को खंडवा में जन्मी और एमएमसी (आईटी) तक पढ़ाई करने वाली 29वर्षीय सिद्धा दीदी पंचम पयटाधीश दिगम्बर जैनाचार्य 108 श्री वर्धमान सागर जी से दीक्षा ग्रहण करेंगी। सिद्धा दीदी अपने नगर की पहली ऐसी महिला हैं, जो आर्यिका दीक्षा ग्रहण करेंगी। दीक्षा से पहले सिद्धा दीदी का विदाई कार्यक्रम मंगलवार हो सम्पन्न हुआ। हरिगंज स्थित मामा रमेशचंद्र जैन के यहां उनके विवाह की पूरी रस्में हुई।
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*शाम का समय था उस दिन आचार्य श्री जी का उपवास था।हम और कुछ महाराज लोग वैयावृत्ति की भावना से आचार्य श्री जी के पास बैठ गये..तब आचार्य श्री जी ने हँसकर कहा- आप लोग तो मुझे ऐसा घेर कर बैठ गये जैसे किसी पदार्थ,गुड़ आदि के पास चारों ओर चींटियाँ लग जाती हैं। तभी शिष्य ने कहा-हाँ आचार्य श्री जी गलती चींटियों की नहीं है,बल्कि गलती तो गुड़ की है वह इतना मीठा क्यों होता है।आचार्य श्री जी ने कहा-गुड़ तो गुड़ होता है उसका इसमें क्या दोष।शिष्य ने कहा क्या करें आचार्य श्री गुड़ में मिठास ही कुछ इस प्रकार की होती है।चींटियों को उसकी गंध बहुत दूर से ही आ जाती है और वे इसके पास दौड़ी चली आती है।आचार्य श्री ने कहा - यह तो उसका स्वभाव है।शिष्य ने कहा- ऐसा ही आपका स्वभाव है इसलिये सभी आपके पास दौड़े चले आते है।
_*गुरुदेव नमन*_
_*रजत जैन भिलाई*_
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प्रतिस्पर्धा के इस युग में हम अपने बच्चों को सर्वगुण संपन्न बनाने का प्रयास करते हैं और उन्हें भौतिक शिक्षा के साथ-साथ अन्य कई skills की training भी दिलवाते हैं। यह approach बहुत अच्छी है लेकिन इसके साथ-साथ नैतिकता व धर्म के संस्कारों का बीजारोपण भी अत्यंत आवश्यक है। क्योंकि भौतिक शिक्षा व कलाएं, जहाँ हमें समाज में एक व्यवस्थित जीवन जीने योग्य बनाती हैं, वहीं धर्म व अध्यात्म से जुड़ाव हमें जीवन जीने की कला सिखाता है। अतः बच्चों को धार्मिक संस्कार प्रदान करना हमारा परम कर्त्तव्य है क्योंकि आगामी समय में ये बच्चे ही तो धर्म प्रभावना का निमित्त बनेंगे।
वर्तमान जीवन की आपाधापी में पाठशाला के लिए एक साथ समय निकलना कभी कभी संभव नहीं हो पाता। ऐसी स्थिति में बच्चों को धर्म से जोड़े रखने के लिए मैत्री समूह का एक प्रयास "Online पाठशाला" के रूप में प्रस्तुत है।
इसके अंतर्गत हम प्रतिदिन "पहला कदम" पुस्तक का एक अध्याय प्रस्तुत करेंगे। इस कार्य को और बेहतर बनाने के लिए आप सभी के सुझाव आमंत्रित है।
इसे पढ़ने के लिए लिंक:
https://www.facebook.com/maitreesamooh/posts/1892560540776562
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