Update
~विद्यासागराये नमः~
ये हक़ीक़त है..
कोई ख़्वाब नहीं....
आ.श्री विद्यासागर जी का...
कोई जवाब नहीं....
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आचार्य श्री #विद्यासागर जी महाराज के परम प्रभावक शिष्य #अर्हम योग प्रणेता मुनि श्री #प्रणम्य सागर जी महाराज द्वारा बहुत ही भव्य अर्हम योग ध्यान शिविर का आयोजन दिनांक 24 अप्रैल 2018 दिन मंगलवार को प्रातः 6:30 से 7:30 तक श्री दिगंबर जैन मंदिर वैशाली में आयोजित किया जा रहा है कृपया आप आए अपनों को लाएं बच्चों को लाएं और मुनि श्री के द्वारा णमोकार मंत्र के माध्यम से अर्हम योग सीख कर स्वास्थ्य एवं धर्म लाभ लें,
महाराज श्री वैशाली सेक्टर 3 ग़ाज़ियाबाद में विराजमान हैं.. Nearest Metro Station Vaishali, metro station to temple distance less thn 1km) Venue @ Shri Mahavir Vatika, Sector 3, Vaishali, Ghaziabad. (NCR)
Map Link..
https://www.google.com/maps/place/Jain+Mandir/@28.6445566,77.3344435,17z/data=!3m1!4b1!4m5!3m4!1s0x390cfad723eefa29:0x106c784bdb3714b0!8m2!3d28.6445566!4d77.3366375
महत्वपूर्ण सूचना...... परम पूज्य गुरुदेव #आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज के परम आशीर्वाद से आर्यका माता आदर्श मति माताजी के परम सानिध्य में #इंदौर नगर में हम सबके पुण्य से हमारी ही नन्ही बच्चियों के लिए प्रतिभास्थली खोलने का आशीर्वाद गुरुदेव ने दिया और इसी श्रंखला में कक्षा 4 5 एवं 6 की क्लास के एडमिशन का आशीर्वाद गुरुदेव ने दिया आप सभी लोगों से निवेदन है कि जो भी अपनी बच्चियों को प्रतिभास्थली में प्रवेश दिला कर संस्कारित करना चाहते हैं वह जैन कॉलोनी से फॉर्म लेकर प्रतिभास्थली में एडमिशन करा सकते हैं
निवेदक दयोदय चैरिटेबल फाउंडेशन ट्रस्ट इंदौर
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भीम कुंड 22/04/18 -आचार्य विद्यासागर जी महाराज के द्वितीय अद्वितीय शिष्य पूज्य मुनि श्री योगसागर जी महाराज ससंघ की सामयिक की कुछ झलकियां।
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Samanta Jain, an Italian Jain with her son Eros. Both are Vegans. Eros is vegan right from his birth! #share
#Jainism #Veganism #Vegans #Italy
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News in Hindi
हमें जैन लोगों को ऐसे शांति स्वभावि ब्रह्मचारी भैया लोगों के आहार आदि का ध्यान रखन चाहिए जब भी वे हमारी नगरी में आवे.. आचार्य श्री कहते हैं कभी कोई साधु भूखा ना जाए ये ध्यान रखना जैनियोंका कर्तव्य हैं..
यह चित्र प्रज्ञा भैया जी का है जोकि पाटीदार समाज से हैं मूल रूप से इन्होंने पूज्य ब्रह्मानंद सागर जी मुनिराज शिष्य श्री सरल सागर जी मुनिराज से प्रतिमा ग्रहण की है इनके पद बिहार का नियम है यह अपने साथ मोबाइल और रुपया पैसा कुछ भी नहीं रखते हैं अति आवश्यक होने पर भी वाहन का उपयोग करते हैं अन्यथा जीवन भर के लिए उनका त्याग कर दिया है उत्कृष्ट का पालन करते हैं जीने नियमों से महाराज जी आहार लेते थे उनके नियम वाले लोगों से ही आहार ग्रहण करते हैं अन्यथा स्वयं हाथ से बनाकर के आहार लेते हैं समाज सामान दे देते हैं और बना करके आहार कर लेते हैं परम पूज्य गुरुवर ब्रह्मानंद सागर जी महाराज की दिनांक 20 अप्रैल 2018 शुक्रवार को समाधि हो गई है यह 2 साल पूर्व सम्मेद शिखरजी की यात्रा के लिए निकले थे पिडावा राजस्थान से तब से कोई सूचना हमें प्राप्त नहीं है किसी अति आवश्यक कार्य से इनसे संपर्क करना बहुत आवश्यक है इसलिए जिन किसी महानुभाव को इन ब्रह्मचारी जी के बारे में खबर हो वह तुरंत नीचे दिए गए पते पर मोबाइल नंबर पर फोन लगाकर के सूचना देने की कृपा करें इस सहयोग के लिए आपका बहुत बड़ा उपकार होगा धन्यवाद जय जिनेंद्र
मुकेश जैन
सुसनेर मध्य प्रदेश
88890 652 21
94259 35221
दिनांक 22 अप्रैल 2018 रविवार
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जिस तरह नदी अलग अलग धराओ को तृप्त करती हुई हरयाली, खुशहाली व बिना भेदभाव के प्रत्येक प्राणियों की प्यास बुझाती हुई बहती रहती है
वैसे ही दीर्घकाल से साधनारत कठोर तपस्वी सन्त शिरोमणि आचार्य भगवंत श्री विद्यासागर जी ऋषिराज उम्र के 73 वर्ष के पड़ाव में भी भयंकर सर्दी और गर्मी में मध्यप्रदेश,छत्तीसगढ़,महाराष्ट्र के दूर दूर इलाको में श्रेष्ठ साधना हेतु जन जन का कल्याण करते हुए विहाररत है।
उम्र के इस दौर में लोग लकड़ी का सहारा या अस्पतालों में चक्कर लगाते है वही आचार्य श्री विद्यासागर जी यतिराज जैसे अनेक वृद्ध सन्त कठोर आत्मबल से भगवान महावीर के इस तपोसाधना से विश्व को आश्चर्यचकित कर रहे है।
विश्व आज सन्त शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर जी यतिराज को भगवान महावीर,आचार्य श्री कुंदकुंद स्वामी चरित्र चक्रवर्ती आचार्य श्री शांतिसागर जी व तपोमार्तण्ड तपस्वी सम्राट आचार्य श्री सनमतिसागर जी ऋषिराज का प्रतिबिंब मानती है
सौभाग्य है 21वी सदी में भी ऐसे महान श्रेष्ठ सर्वोच्च सन्त इस धरा पर विद्यामान है और परमसौभाग्य व गौरवशाली विषय है कि वर्ष 2018 आचार्य भगवंत स्वंर्णिम संयम वर्ष है
मुनि दीक्षा-1967 अजमेर
ऐसे दीर्घकालीन साधनारत श्रेष्ठ तपस्वी के चरणों मे कोटि कोटि नमन
*लेखक-शाह मधोक जैन चितरी*
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