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Waoh UPDATE -आज पपोरा जी में देवों ने किया अभिषेक
34 नंबर मंदिर में देव कृत #अतिशय हुआ जिसमें श्री पार्श्वनाथ भगवान की प्रतिमा _पर स्वयं अभिषेक होना चालू हो गया, पपौरा क्षेत्र में #आचार्यविद्यासागर जी महाराज #विराजमान है।पपोरा जी में 108 मंदिर हैं #share_maximum
आज मदर्स डे है, जन्म देने वाली माता को कोटिशः प्रणाम।
मोक्ष मार्ग बतलाने वाली मां श्री जिनवाणी को कोटिशः प्रणाम।
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प्रवचन के पूर्व सभा के बीच मे एक कवि महोदय ने अपनी कविता का पाठ किया। कविता में इन्होंने बोला- "हम संत की संतान हैं।" तब आचार्य श्री कहा...
यह सुन सभी ने तालियाँ बजा दी। उस समय आचार्य महाराज सब देख रहे थे, सुन रहे थे। उसके उपरांत प्रवचन प्रारंभ हुये।तब प्रवचनों में आचार्य भगवन्त ने कहा- संत की संतान होने का क्या अर्थ होता है? *संत जो कहते हैं उसी बात को जो तानकर (खीचकर) आगे बढ़ाता है वह संतान कहलाता है लेकिन जो न जानता है, न मानता है और ऊपर से तानता है वह संत की संतान नहीं कहला सकता।
एक छोटी सी श्लेषपूर्ण बात लेकिन बहुत गंभीर विषय को लिए हुए है कि- हम अपने आप को वीर संतान, संत की संतान कहते हैं लेकिन उनकी बात नहीं मानते, उनके बतायें मार्ग पर नही चलते; तो हम उनकी संतान कहलाने के योग्य नहीं है। जो धर्म परम्परा को आगे बढ़ाता है, धर्म की प्रभावना में जीवन लगता है वही सही मायने में धार्मिक कहलाने के योग्य है। ये टाइटल अपने किये गये कर्मों से प्राप्त होते हैं मात्र किसी जाति में उत्पन्न होने से नहीं।
आचार्य महाराज का संकेत था कि- संत दया, करुणा, अहिंसा की बात करते हैं।आप सभी लोगों को भी अहिंसा के प्रचार-प्रसार में लगना चाहिए। देश में जो हिंसा का ताण्डव नृत्य चल रहा है उसे बंद करने का प्रयास करना चाहिए। अहिंसा की बात देश के कर्णधारो(नेताओं) तब भेजना चाहिए, कत्लखाने को बंद करवाने के लिए आगे आना चाहिए तभी आप संत की संतान कहलाओगे।
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#दु:खद ---आर्यिका 105 विदुषीश्री माता जी ससंघ का विहार शिखर जी की ओर चल रहा था उसी बीच आज दिनांक-13.05.2018 को मनगुवा तहसील से 5 किलो मीटर आगे टिकूरी-37 जिला रीवा में माता जी विहार करते समय संघ की द्वितीय आर्यिका छतरपुर नगर गौरव 105 विभूति श्री माता जी को एक #गाड़ीवाले ने जोड़दार #टक्कर मार दी है जिस कारण माता जी का स्वास्थ ज्यादा ख़राब हुआ फिर उसके बाद अभी अभी माता जी की #समाधि हो गई है 🙁
ओम् शांति...
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🙁
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जो भी #आचार्यविद्यासागरजी के दर्शन करना चाहते हैं पपोरा जी जा सकते हैं, अभ भीड़ भी थोड़ी काम हैं तो अच्छे से दर्शन कर पाएँगे! ओर अच्छे दर्शन चाहिए तो Working Days में जाए ओर फिरदेखे क्या ग़ज़ब दर्शन होते हैं.. #share maximum this info..
विश्व वंदनीय आचार्यश्री विद्यासागरजी महाराज (ससंघ) के सान्निध्य में ग्रीष्मकालीन वाचना पपौराजी (टीकमगढ़) में चल रही है। पपौराजी की दूरी ललितपुर (रेलवे स्टेशन कोड LAR) से 42 किमी, भोपाल (रेलवे स्टेशन कोड BPL) से 270 किमी और जबलपुर (रेलवे स्टेशन कोड JBP) से 240 किमी की है। इस अवसर पर आप सादर आमंत्रित हैं।
● श्री अरविंद जैन - +91-9424342869
● श्री चक्रेश जैन (चढ़ेया) - +91-9424922028
● ब्र. श्री राजुल दीदी - +91-9424344053
● ब्र. अनिता दीदी - +91-9406576065
सभी से नम्र निवेदन है कि पपौरा जी में ठहरने संबंधी भोजन संबंधी कमरे से संबंधित जानकारी के लिए कृपया निम्नलिखित नंबरों पर संपर्क करें
1- विनय सुनवाहा--7987203854
2- राजा कारी--7000611431
3- विजय देवरिया--9893916688--
4- अनिल धनगोल--8319530750
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