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अमेरिका के राजदूत (US Ambassador) ने आज खजुराहो पहुंचकर पूज्य आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज के दर्शन किये। आपने गुरुदेव के समक्ष सप्ताह में एक दिन माँसाहार त्यागने का भी संकल्प लिया। खजुराहो में प्रतिदिन देश विदेश सेलोगों का, पूज्य आचार्यश्री के दर्शन हेतु आने का क्रम जारी है। #AcharyaVidyasagar • #Non_Violence
बोलो जैनम जैयतु शासनम! वन्दे विद्यासागरम 🙂 जैब तक सूरज चाँद रहेगा आचार्यविद्यासागर जी का नाम रहेगा.. अपनी निर्दोष चर्या से जो प्रभावना आपके द्वारा की जा रहीहैं वो अभूतपूर्व अकल्पनीय हैं!! 🙏🙂🙂🙂 धन्य हैं आचार्य विद्यासागर जी का व्यक्तित्व ओर प्रभाव!!
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आचार्य श्री जी द्वारा आहार में दूध भी नहीं लेते..
आचार्य श्री जी बिना बताए ही त्याग करते । पूछने पर मौन रहते। कब तक के लिए त्याग किया, कब से त्याग किया, सब अज्ञात रहता है । एक बार जिस वस्तु का त्याग किया, प्रायः उसका ग्रहण करते हुए उन्हें नहीं देखा गया। सवारी, नमक, मीठा, सूखे मेवा, तेल, दूध, चटाई आदि अन्य और भी बहुत कुछ। यहाँ तक कि पहली बार में जो घर छोड़ा, तो छोड़ा।
फरवरी, 2016 से आचार्य श्री जी ने दूध लेना बंद किया। संघ ने अनुमान लगाया, संभवतः शारीरिक दृष्टि से नहीं ले रहे होंगे। कुछ दिन बाद देने का बार-बार प्रयास किया गया, पर आज तक उनके द्वारा दूध का ग्रहण नहीं किया गया।
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#चातुर्मास_कलश आचार्य श्री #विद्यासागर सागर के शिष्य मुनि श्री #प्रणम्यसागर,मुनि श्री #चन्द्रसागर महाराज की जय -कल 29/07/18, रविवार को मंगल कलश स्थापना
7 बजे से (सभी इंद्रनियो को कलश, माला,मुकुट, यही से मिल जाएंगे) शोभा यात्रा के रूप में स्वरस्वति मंदिर जी से सी ब्लॉक, डी ब्लॉक,होता हुआ, कार्यक्रम स्थल (apj स्कूल के सामने) लगभग 8 तक पहुंचेगा। ठीक ८ बजे संस्कृति पेशकश से प्रोग्राम से चालू होगा। सभी कलश की मांगलिक क्रियाओं के साथ, मुनिष्रियो के आशीष वचन के साथ, प्रोग्राम चलेगा। लगभग ११.३० तक सभी क्रिया पूरी करते हुए। आहार प्रक्रिया चालू होगी।
सारा प्रोग्राम पारस चैनल, जिनवाणी चैनल, महावीरा चैनल,तीनों में सीधा प्रसारण किया जाएगा।
कृपया इतिहास के साक्षी बनने हेतु, एवम् सच्चे साधुओं के पुण्य से अपनी झोली भरने के लिए । कम से कम एक चातुर्मास कलश अवश्य ले। महासभा के पास धन की कमी नहीं हे। लेकिन जितना प्रयास सबने मिलकर करा हे। उसका पुन्न्ये अर्जित करने का समय आ गया है।🙏 कृपया पूरी रोहिणी पीतम पूरा का कोई भी ऐसा घर ना रहे, जिसके घर पुण्य ना पहुंचे। आप सपरिवार सादर आमंत्रित है।🙏 कृपया बड़ी संख्या में उपस्थिति हो कर,धर्म लाभ लेवें।
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आचार्य विद्या सागर जी के शिष्य मुनि श्री वीर सागर जी, मुनि श्री विशाल सागर जी, मुनि श्री धवल सागर जी महाराज का मंगल चातुर्मास सूर्यनगर NCR को कराने का सोभाग्य प्राप्त हुआ है। मंगल कलश स्थापना CBD ग्राउंड पशुपाती नाथ मंदिर के पास karkardooma Delhi दिनांक 30/07/2018 को प्रातः 8.00 बजे होगी सभी धर्म प्रेमी बंधुओ से निवेदन है कि अधिक से अधिक संख्या में पहुँच कर धर्म लाभ ले।
Address-EZ 16 CBD ground opposite Pashupati Nath mandir Vishwas nagar extension karkardooma Shahdara Delhi 110032 CONTACT - 93122 47626
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पंजाब (पाकिस्तान) से आए हुए सिख बंधुओ ने पर्यटक स्थल खजुराहो में दिगम्बर साधुओ के दर्शन व उनकी चर्या के बारे में सुनकर समझा क्या हैं दिगम्बर नग्न साधु.. सामान्यत नग्नता को अलग नज़रिए से देखा ओर समझा जाता हैं! आचार्य श्री विद्यासागर जी से हर्षित हो चर्चा करते हुए.. सबने कुछ कुछ त्याग भी लिया जैसे किसी ने Drink ना करने का तो किसी ने माँसहार का त्याग किया.. 🙂🙏 #Share • #गुरुपूर्णिमा
सन् 2004 में तत्कालीन मुख्यमंत्री (मध्यप्रदेश सरकार) माननीया उमा भारतीजी आचार्य श्री जी के दर्शनार्थ आई थी, पर किस कारण गुरुजी की न तो नज़र उठी और न ही उनको आशीर्वाद हेतु हाथ ही उठा?
सन् 2004, तिलवाराघाट, दयोदय, जबलपुर (मध्यप्रदेश) में आचार्य श्रीजी ससंघ विराजमान थे । प्रातः सूचना आई कि मध्यप्रदेश शासन की मुख्यमंत्री माननीया उमा भारतीजी गुरु दर्शनार्थ प्रातः साढ़े सात बजे पधार रही हैं। गुरुवर ने सूचना सुन ली। उस दिन चतुर्दशी थी। पाक्षिक प्रतिक्रमण करने का दिन था। सो गुरुजी तो प्रातः सात बजे प्रतिक्रमण करने बैठ गए। मुख्यमंत्री सुश्री उमाभारतीजी अन्य नेताओं के साथ आईं, पर गुरुजी की न तो नज़र उठी और न ही आशीर्वाद हेतु हाथ ही उठा। वह तो अपने प्रतिक्रमण आवश्यक में तल्लीन रहे। वह एक घण्टे तक इंतजार करती रहीं और चली गईं। पर गुरुवर की कोई भी हलचल नहीं हुई। अपने आवश्यकों के प्रति इतनी निष्ठा अकथनीय ही है।
आचार्य श्री जी को किस रीति से प्रत्याख्यान (त्याग) करते हुए देखा जाता है?
👉 आचार्य श्री जी बिना बताए ही त्याग करते । पूछने पर मौन रहते। कब तक के लिए त्याग किया, कब से त्याग किया, सब अज्ञात रहता है । एक बार जिस वस्तु का त्याग किया, प्रायः उसका ग्रहण करते हुए उन्हें नहीं देखा गया। सवारी, नमक, मीठा, सूखे मेवा, तेल, दूध, चटाई आदि अन्य और भी बहुत कुछ। यहाँ तक कि पहली बार में जो घर छोड़ा, तो छोड़ा।
आचार्य श्री जी द्वारा आहार में दूध लेना कब से और कहाँ से बंद है?
👉 फरवरी, 2016 कोनीजी (पाटन, जबलपुर, मध्यप्रदेश) से आचार्य श्री जी ने दूध लेना बंद किया। संघ ने अनुमान लगाया, संभवतः शारीरिक दृष्टि से नहीं ले रहे होंगे। कुछ दिन बाद देने का बार-बार प्रयास किया गया, पर आज तक उनके द्वारा दूध का ग्रहण नहीं किया गया।
5⃣ एक दिन एक मुनि महाराज ने गुरुवर से पूछ ही लिया - आप ईर्यापथ भक्ति के समय विशेष प्रसन्न दिखाई देते हैं?' तब आचार्य श्री जी ने क्या कहा था?
👉 *आहार चर्या के बाद संघस्थ सभी साधुगण आचार्यश्रीजी के चरणों में आहार का प्रत्याख्यान करते हैं। जिसे ईर्यापथ भक्ति कहा जाता है। इस समय आचार्यश्रीजी कुछ विशेष प्रसन्न नजर आते हैं। वैसे भी गुरुवर की प्रसन्नता जगजाहिर है। एक दिन एक मुनि महाराज ने गुरुवर से पूछ ही लिया - आप इस समय विशेष प्रसन्न दिखाई देते हैं?' आचार्यश्रीजी बोले-'२४ घंटे में यह कार्यक्रम, जो त्याग का है, एक बार ही आता है। प्रसन्नतापूर्वक करना चाहिए।' प्रत्येक आवश्यकों के प्रति उनका उत्साह अकथ्य है।
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गुरु_पूर्णिमा -जैन शास्त्रों में इसका कोई प्रमाण नही मिलता, बस ये सम्भावित कल्पना ही है कि गुरु पूर्णिमा के दिन इंद्रभूति गौतम का भगवान महावीर स्वामी के समवशरण में मानस्तम्भ को देखते ही मान गल गया और सम्यकत्व सहित उन्होंने भगवान महावीर को अपना गुरु स्वीकार किया और वे ब्राम्हण इन्द्रभूति गौतम से निर्ग्रन्थ दिगम्बर गौतम गणधर स्वामी के रुप में प्रतिष्टित हुए, गुरु शिष्य की इस घटना को ही वर्तमान में गुरुपूर्णिमा के रूप में देखा जाने लगा.... 🙏
और कल अथार्थ श्रावण_कृष्ण_एकम को गणधर के रिक्त स्थान की पूर्ति होते ही व जीवों की भली होनहार से 66 दिन बाद 18 महाभाषा और 700 लघुभाषा में विपुलाचल पर्वत पर भगवान की दिव्यध्वनि खीरी, तब गौतम स्वामी ने अन्तर्मुहूर्त में ही जिनवाणी, लिपिबद्ध कर दी और इसी कारण यह दिवस वीर शासन जयंती* के रूप में प्रचलित हो गया...🙏
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