23.10.2018 ►SS ►Sangh Samvad News

Published: 23.10.2018
Updated: 24.10.2018

Update

👉 चेन्नई (माधावरम्): जैन विश्व भारती संस्थान की कुलाधिपति श्रीमती सावित्री देवी जिंदल श्री चरणों में..
प्रस्तुति: 🌻 *संघ संवाद* 🌻

Source: © Facebook

Update

Source: © Facebook

👉 प्रेरणा पाथेय:- आचार्य श्री महाश्रमणजी
वीडियो - 23 अक्टूबर 2018

प्रस्तुति ~ अमृतवाणी
सम्प्रसारक 🌻 *संघ संवाद* 🌻

Update

🔆⚜🔆⚜🔆⚜🔆⚜🔆⚜🔆

जैनधर्म की श्वेतांबर और दिगंबर परंपरा के आचार्यों का जीवन वृत्त शासन श्री साध्वी श्री संघमित्रा जी की कृति।

📙 *जैन धर्म के प्रभावक आचार्य* 📙

📝 *श्रंखला -- 453* 📝

*आचार्यकल्प उपाध्याय यशोविजय जी*

गतांक से आगे...

अनेकांत प्रवेश तथा अनेकांत व्यवस्था से अनेकांतवाद में नए प्राणों संचार हुआ और सप्तभंगी, नय-प्रदीप, नय रहस्य और नयोपदेश पर नयामृत तरंगिणी नामक स्वोपज्ञ टीका ग्रंथ से नयवाद को नया परिधान मिला था।

हरीभद्रसूरि ने नवीन योग पद्धति के सुमन अपने साहित्य में खिलाए थे। उन्हें चुनकर योगशास्त्रालंकार के रूप में माला बनाने का काम यशोविजय जी ने बहुत दक्षता से किया था।

गुजराती भाषा में के भी वे अधिकृत विद्वान् थे। आनंद धन जी के बावीस जैन स्तवनों पर 'बालावबोध टीका' तथा 'द्रव्य गुण पर्यायनु रास' आदि ग्रंथों की रचना कर उन्होंने गुजराती साहित्य को समृद्ध बनाया।

संस्कृत भाषा में वैराग्य कल्पलता, न्याय प्रवेशिका, अध्यात्मसार, अध्यात्म परीक्षा आदि गंभीर ग्रंथों की रचना कर यशोविजय जी ने जैन शासन की अपूर्व सेवा की।

न्यायविशारद की उपाधि के बाद इस महान् साहित्यकार को न्यायाचार्य का पद मिला और वे लघु हरीभद्र के नाम से प्रसिद्ध हुए।

*पूर्व न्याय विशारदत्व विरुदं काश्यां बुधैः।*
*न्यायाचार्य पदं ततः कृतशत ग्रन्थस्य यस्यार्पितम्।।*

यशोविजय जी की रचना में तटस्थ नीति का भाव अधिक मुखरित है। आचार्य हरीभद्रसूरि का उद्घोष था

*पक्षपातो न मे वीरे न द्वेषः कपिलादिषु।*
*युक्तिमद् वचनं यस्य तस्य कार्यपरिग्रहः।।*

मध्यस्थ भाव से प्रेरित होकर यशोविजय जी ने घोषणा की

*स्वागमं रागमात्रेण, द्वेषमात्रात्परागमम्।*
*न श्रयामस्त्यजामोवा, किन्तु मध्यस्थया द्दशा।।*

अनुराग मात्र से स्वागम को स्वीकार नहीं करता और अनुराग न होने मात्र से परागम को नहीं छोड़ता हूं, पर मैं इस दिशा में मध्यस्थ भाव का अनुसरण करता हूं।

*आचार्यकल्प उपाध्याय यशोविजय जी की वक्तव्य विशेषता व विवेचना शक्ति* के बारे में जानेंगे और प्रेरणा पाएंगे... हमारी अगली पोस्ट में... क्रमशः...

प्रस्तुति --🌻 *संघ संवाद* 🌻
🔆⚜🔆⚜🔆⚜🔆⚜🔆⚜ 🔆

🌞🔱🌞🔱🌞🔱🌞🔱🌞🔱🌞

अध्यात्म के प्रकाश के संरक्षण एवं संवर्धन में योगभूत तेरापंथ धर्मसंघ के जागरूक श्रावकों का जीवनवृत्त शासन गौरव मुनि श्री बुद्धमलजी की कृति।

🛡 *'प्रकाश के प्रहरी'* 🛡

📜 *श्रंखला -- 107* 📜

*गणेशदासजी चंडालिया*

*प्रमुख व्यक्ति*

गणेश दास जी चंडालिया का जीवनकाल संवत् 1916 से संवत् 1976 भाद्रव शुक्ला 2 तक का था। वे मूलतः सरदारशहर के निवासी थे, परंतु कुटुम्बी जनों में हुए बंटवारे में उनके साथ न्याय नहीं किया गया, अतः रुष्ट होकर लाडनूं जाकर बस गए। कर्मठ व्यक्ति थे। आत्मविश्वास के साथ कार्य में लगे और अच्छा लाभ प्राप्त किया। धर्म के प्रति निष्ठा थी। साधु-साध्वियों की सेवा में बड़ी रुचि रखा करते थे। थोड़े ही समय में वे वहां के धार्मिक और आर्थिक क्षेत्र में प्रमुख व्यक्तियों में गिने जाने लगे।

विचार-व्यवहार के बहुत अच्छे और रहन-सहन में अत्यंत उत्तम थे। राजकर्मियों में अच्छा संपर्क और प्रभाव था। धार्मिक प्रभावना करने में सदा जागरूक रहा करते थे। बड़े आदमियों से नया संपर्क साधते और अवसर आने पर उन्हें आचार्यश्री के दर्शन कराने का प्रयास भी रखा करते थे। अनेक व्यक्तियों को इस प्रकार से उन्होंने तेरापंथ और उनके साधु-साध्वियों से परिचित कराया था। संवत् 1972 में उन्होंने जोधपुर राज्य के तत्कालीन दीवान को भी आचार्यश्री के दर्शन कराए थे।

*महामारी का प्रकोप*

संवत् 1974 में मारवाड़ तथा थली में प्लेग का प्रकोप महामारी के रूप में हुआ। लोग वृक्ष के सूखे पत्तों की तरह झड़ने लगे। मृत्यु के उस प्रवाह ने अनेकों पूरे के पूरे गांव को अपने अंक में समेट लिया। चारों और भय का वातावरण छा गया। लोगों में भगदड़ मच गई। सहयोग की भावना का ऐसा लोप हुआ कि लोग अपने ही परिवार के रोग ग्रस्त व्यक्तियों को मृत्युशय्या पर असहाय छोड़ कर भाग गए।

लाडनूं में भी उस समय महामारी ने अपने पैर फैलाने प्रारंभ कर दिए थे। प्रतिदिन कुछ व्यक्ति मृत्यु का ग्रास बन ने लगे। भयवश कुछ लोग प्रथम आक्रमण के दौर में ही भाग खड़े हुए। फिर भी अधिकांश लोगों ने काफी धैर्य रखा, किंतु जब शहर के कई हष्ट-पुष्ट युवक भी महामारी की चपेट में आ गए, तब साहसी लोगों के भी कान खड़े हो गए। अपने प्राण सभी को प्यारे होते हैं। जब उन पर खतरा मंडराने लगता है, तब बड़े से बड़े साहसी का भी साहस उत्तर दे देता है। प्रायः देखा जाता है कि धनी और प्रभावशाली व्यक्ति खतरे के स्थानों से सर्वप्रथम पलायन करते हैं। उनसे प्रभावित होकर फिर साधारण लोग भी उनका अनुसरण करने लगते हैं। लाडनूं में यही हुआ। कुछ बड़े आदमी भय के मारे भागे तो पीछे से सभी को वहां से भाग जाना ही मौत से बचने का एकमात्र उपाय सूझा। फलस्वरूप शहर खाली होने लग गया।

*महामारी की इस विकट परिस्थिति के समय लाडनूं में स्थिरवास वृद्ध साध्वियों के प्रति श्रावक वर्ग द्वारा अपना उत्तरदायित्व निभाने के एक अद्वितीय उदाहरण* से रूबरू होंगे और प्रेरणा पाएंगे... हमारी अगली पोस्ट में क्रमशः...

प्रस्तुति --🌻 *संघ संवाद* 🌻
🌞🔱🌞🔱🌞🔱🌞🔱🌞🔱🌞

👉 मुंबई:- कालबादेवी तेरापंथ भवन में मंत्र साधना व आत्म उपासना आयोजन
👉 हनुमन्तनगर, (बेंगलुरु): तेयुप द्वारा सेवा कार्य
👉 गॉधीनगर (बेंगलुरु): जैन विद्या प्रमाण पत्र वितरण समारोह
👉 उधना, सूरत - किशोर मण्डल द्वारा सेवा कार्य
👉 तिरुपुर - मोक्ष की सीढ़ी चंडकौशिक का डंक " कार्यक्रम आयोजित
👉 तिरुपुर - आयम्बिल तप अनुष्ठान का आयोजन
👉 हैदराबाद - जैन संस्कार विधि के बढ़ते चरण

प्रस्तुति -🌻 *संघ संवाद* 🌻

Source: © Facebook

Source: © Facebook

Source: © Facebook

Source: © Facebook

Source: © Facebook

Source: © Facebook

Source: © Facebook

👉 मोमासर - मंगल भावना समारोह का आयोजन
👉 विजयनगर, बेंगलुरु - जैन संस्कार विधि के बढ़ते चरण
👉 शिलांग - दो दिवसीय संस्कार निर्माण शिविर का आयोजन
👉 उधना, सूरत - नव वधू सम्मेलन का आयोजन

प्रस्तुति -🌻 *संघ संवाद* 🌻

Source: © Facebook

Source: © Facebook

Source: © Facebook

Source: © Facebook

🔰🎌♦♻♻♦🎌🔰


आचार्य श्री महाश्रमण
प्रवास स्थल
माधावरम, चेन्नई

🔮
*गुरवरो धम्म-देसणं*

📒
आचार्य प्रवर के
मुख्य प्रवचन के
कुछ विशेष दृश्य

🏮
कार्यक्रम की
मुख्य झलकियां

📮
दिनांक:
23 अक्टूबर 2018

🎯
प्रस्तुति:
🌻 *संघ संवाद* 🌻

🔰🎌♦♻♻♦🎌🔰

Source: © Facebook

News in Hindi

🔰♦🎌☄⛲🔰♦🎌☄⛲🔰


आचार्य श्री महाश्रमण
प्रवास स्थल, माधावरम,
चेन्नई.......


परम पूज्य आचार्य प्रवर
के प्रातःकालीन भ्रमण
के मनमोहक दृश्य....

📮
दिनांक:
23 अक्टूबर 2018

🎯
प्रस्तुति:
🌻 *संघ संवाद* 🌻

🔰♦🎌☄⛲🔰♦🎌☄⛲🔰

Source: © Facebook

👉 प्रेक्षा ध्यान के रहस्य - आचार्य महाप्रज्ञ

प्रकाशक - प्रेक्षा फाउंडेसन

📝 धर्म संघ की तटस्थ एवं सटीक जानकारी आप तक पहुंचाए
https://www.facebook.com/SanghSamvad/
🌻 *संघ संवाद* 🌻

Source: © Facebook

Source: © Facebook

Sources

Sangh Samvad
SS
Sangh Samvad

Share this page on:
Page glossary
Some texts contain  footnotes  and  glossary  entries. To distinguish between them, the links have different colors.
  1. अमृतवाणी
  2. आचार्य
  3. आचार्य महाप्रज्ञ
  4. दर्शन
  5. भाव
Page statistics
This page has been viewed 707 times.
© 1997-2025 HereNow4U, Version 4.56
Home
About
Contact us
Disclaimer
Social Networking

HN4U Deutsche Version
Today's Counter: