मूक पशुओं के अधिकारों हेतू विश्व स्तर पर विभिन्न संस्थाओं द्वारा एक दूसरे के सहयोग से कार्य किया जा रहा है!कल्याणकारी कार्यकर्ताओं व संगठनों का उद्देश्य शाकाहार, अहिंसा व पशुओं से संबंधित विभिन्न मुद्दों का प्रचार करना और अधिक प्रभावी रूप से लागू करवाना भी है!
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"जीवो पर दया करो"
"जियो और जीने दो"
#WorldAnimalDay प्रतिवर्ष 4 अक्टूबर को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मनाए जाने का मुख्य उद्देश्य मूक पशुओं पर क्रूरता रोकने और पशु....
"1 अक्टूबर - विश्व शाकाहार दिवस"
"2 अक्टूबर - विश्व अहिंसा दिवस"
"4 अक्टूबर - विश्व पशु दिवस"
भगवान महावीर का अमर सन्देश - "जीवो पर दया करो", "जिओ और जीने दो" "उत्तम आहार - शाकाहार"...विश्व जैन संगठन
#WorldVegetarianDay
वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं के कई अध्ययनों के बाद शाकाहार का डंका अब विश्व भर में बजने लगा है! मनुष्य शारीर पर शाकाहारी भोजन के सकारात्मक परिणामों को देखते हुए दुनिया भर में लोगों ने अब माँसाहार का त्याग करना आरम्भ कर दिया है! लोगो को शाकाहार अपनाने हेतू जाग्रत करने के लिए प्रतिवर्ष 1 अक्टूबर को सम्पूर्ण विश्व में "विश्व शाकाहार दिवस" मनाया जाता है!
"विश्व अंहिसा दिवस"
महात्मा गांधी जी के जन्मदिवस के अवसर पर प्रतिवर्ष 2 अक्टूबर को मनाया जाता है। इसे भारत में गांधी जयंती के रूप में मनाया जाता है। 15 जून 2007 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में प्रतिवर्ष 2 अक्टूबर को विश्व अहिंसा दिवस स्थापित करने के लिए मतदान हुआ और महासभा में सभी सदस्यों ने 2 अक्टूबर को इसे स्वीकार किया।
#WorldAnimalDay
प्रतिवर्ष 4 अक्टूबर को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मनाए जाने का मुख्य उद्देश्य मूक पशुओं पर क्रूरता रोकने और पशुओं को उनके नैतिक अधिकारों के साथ संवेदनशील प्राणियों के रूप में मान्यता देने जैसे मुद्दों पर जागरूकता पैदा करना है!
विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त 'विश्व शाकाहार दिवस" व "विश्व पशु दिवस" में रूपांतरित हो गया है जिसके द्वारा मूक पशुओं के संरक्षण हेतू विश्व स्तर और विभिन्न संस्थाओं द्वारा एक दूसरे के सहयोग से कार्य किया जा रहा है!
कल्याणकारी कार्यकर्ताओं व संगठनों का उद्देश्य न केवल लोगों के एक बड़े समूह के लिए शाकाहार, अहिंसा व पशुओं से संबंधित विभिन्न मुद्दों का प्रचार करना है बल्कि इसे अधिक प्रभावी रूप से फैलाना भी है।
भारतीय संस्कृति के उत्तम शाकाहारी भोजन के उत्पादन व पकाने में उर्जा व जल की खपत सीमित मात्रा में होती है जबकि व्यापारिक उद्देश हेतू मांस उत्पादन करने व मांस पकाने और यांत्रिक बूचढ़खानों में उपयोग होने वाले जल व ऊर्जा के कारण विश्व के पर्यावरण को नुकसान हो रहा है! कुछ दिन पूर्व विश्व के नेताओं ने एकमत से पर्यावरण संरक्षण हेतू चिंतन किया था...संजय जैन
"अहिंसा परमो धर्म:"