ब्लॉक स्तर शाकाहार प्रतियोगिता
का आयोजन दिनांक 4 अक्टूबर को प. पूज्य सराकोद्धारक राष्ट्रसंत आचार्य श्री 108 ज्ञानसागर जी मुनिराज के सान्निध्य में व शिक्षा विभाग द्वारा अलवर जिले स्तरीय शाकाहार प्रतियोगिता का दूसरा चरण पूरे अलवर जिले मे बड़े ही उत्साह के साथ संपन्न हुआ।
ज्ञात हो कि इस प्रतियोगिता का पहला चरण 25 /9 /19 सम्पन्न हुआ था जिसमे विजेता रहे छात्र छात्राओं का आज पूरे अलवर जिले मैं हर ब्लॉक पर परातियोगिता का आयोजन हुआ । जिसमें लगभग पूरे अलवर जिले के करीब 27000 बच्चो ने भाग लिया ।
तिजारा के बालिका उच्च माध्यमिक विधलाय मैं यह प्रतियोगिता आयोजित हुई ।
आचार्य श्री ज्ञान सागर जी मुनिराज ने अपनी पीयूष वाणी द्वरा कहा कि व्यक्ति को कभी भी अहंकार नही करना चाहिए।जीवन मैं गुरु जरूरी है,गुरुर नही।क्योकि अहंकार व्यक्ति के जीवन मे विकास के द्वारो को रोक देता है,नर जीवन मिला है तो सद्गुणों से अपनी झोली भरने के लिए। दुर्गुणों को जीवन मैं स्थान मत दो: जब भी जीवन मे किसी बुराई का प्रवेश हो जाये,तत्काल उसे दूर करने का प्रयास करना चाहिए।संसार के कार्यो को जितनी रुचि के साथ करता है,उससे कही अधिक रुचि के साथ धार्मिक कार्यो को करना चाहिए, क्योकि भजन करोगे तभी भोजन मिलेगा,जब माला फ़ेरोगे तभी मालामाल होंगे: जब परमात्मा के पास जाओगे तभी परिवार आपका सुखी रहेगा।आज आप भोजन तो चाहते हो,पर भजन करने मे प्रमाद करते हो,
आप मालामाल होना तो चाहते हो,पर माला फेरने मैं प्रमाद करते हो,प्रभु का नाम लेने मैं प्रमाद मत करो, इसी के साथ पूज्य श्री ने कहा कि लोग कहते है कि दुख बुरा होता है,जब भी आता है,व्यक्ति को रुलाता है,लेकिन वास्तविकता ये है कि,दुख अच्छा होता है,जब भी आता है अपनो की पहचान करवाता है।
आप भजन मैं भी पढ़ते है
दुख से मत घबराओ मेरे साथी,ये मानव जीवन का श्रृंगार है।
आप कड़वी गोली को जल्दी से गटक जाते है,परंतु चॉकलेट को खूब चबाकर खाते है,इसी तरह जीवन मे बुरे समय को जल्दी भूले और अच्छे समय का खूब आनंद उठाये।
इस प्रतियोगिता मैं तिजारा ब्लॉक के 2050 बच्चो ने भाग लिया ।
प्रतियोगिता के सफल आयोजान के लिए देहरा जैन मंदिर कमेटी ने सभी को बहुत बहुत धन्यवाद दिया और बताया की आज जो बच्चे विजयी रहेंगे उनका फाइनल एक्जाम 5 नवंबर को जैन मंदिर तिजारा मै आयोजित होगा व 6 नवंबर को सभी चयनित बच्चो का सम्मान किया जाएगा!
का आयोजन दिनांक 4 अक्टूबर को प. पूज्य सराकोद्धारक राष्ट्रसंत आचार्य श्री 108 ज्ञानसागर जी मुनिराज के सान्निध्य में व शिक्षा विभाग द्वारा अलवर जिले स्तरीय शाकाहार प्रतियोगिता का दूसरा चरण पूरे अलवर जिले मे बड़े ही उत्साह के साथ संपन्न हुआ।
ज्ञात हो कि इस प्रतियोगिता का पहला चरण 25 /9 /19 सम्पन्न हुआ था जिसमे विजेता रहे छात्र छात्राओं का आज पूरे अलवर जिले मैं हर ब्लॉक पर परातियोगिता का आयोजन हुआ । जिसमें लगभग पूरे अलवर जिले के करीब 27000 बच्चो ने भाग लिया ।
तिजारा के बालिका उच्च माध्यमिक विधलाय मैं यह प्रतियोगिता आयोजित हुई ।
आचार्य श्री ज्ञान सागर जी मुनिराज ने अपनी पीयूष वाणी द्वरा कहा कि व्यक्ति को कभी भी अहंकार नही करना चाहिए।जीवन मैं गुरु जरूरी है,गुरुर नही।क्योकि अहंकार व्यक्ति के जीवन मे विकास के द्वारो को रोक देता है,नर जीवन मिला है तो सद्गुणों से अपनी झोली भरने के लिए। दुर्गुणों को जीवन मैं स्थान मत दो: जब भी जीवन मे किसी बुराई का प्रवेश हो जाये,तत्काल उसे दूर करने का प्रयास करना चाहिए।संसार के कार्यो को जितनी रुचि के साथ करता है,उससे कही अधिक रुचि के साथ धार्मिक कार्यो को करना चाहिए, क्योकि भजन करोगे तभी भोजन मिलेगा,जब माला फ़ेरोगे तभी मालामाल होंगे: जब परमात्मा के पास जाओगे तभी परिवार आपका सुखी रहेगा।आज आप भोजन तो चाहते हो,पर भजन करने मे प्रमाद करते हो,
आप मालामाल होना तो चाहते हो,पर माला फेरने मैं प्रमाद करते हो,प्रभु का नाम लेने मैं प्रमाद मत करो, इसी के साथ पूज्य श्री ने कहा कि लोग कहते है कि दुख बुरा होता है,जब भी आता है,व्यक्ति को रुलाता है,लेकिन वास्तविकता ये है कि,दुख अच्छा होता है,जब भी आता है अपनो की पहचान करवाता है।
आप भजन मैं भी पढ़ते है
दुख से मत घबराओ मेरे साथी,ये मानव जीवन का श्रृंगार है।
आप कड़वी गोली को जल्दी से गटक जाते है,परंतु चॉकलेट को खूब चबाकर खाते है,इसी तरह जीवन मे बुरे समय को जल्दी भूले और अच्छे समय का खूब आनंद उठाये।
इस प्रतियोगिता मैं तिजारा ब्लॉक के 2050 बच्चो ने भाग लिया ।
प्रतियोगिता के सफल आयोजान के लिए देहरा जैन मंदिर कमेटी ने सभी को बहुत बहुत धन्यवाद दिया और बताया की आज जो बच्चे विजयी रहेंगे उनका फाइनल एक्जाम 5 नवंबर को जैन मंदिर तिजारा मै आयोजित होगा व 6 नवंबर को सभी चयनित बच्चो का सम्मान किया जाएगा!
Photos of पूज्य षष्टम पट्टाचार्य श्री 108 ज्ञानसागर जी मुनिराजs post