चंदेरी (जिला अशोक नगर, म. प्र.) के प्राचीन जैन मंदिर जी में विराजमान भगवान पार्श्वनाथ की प्रतिमा के चरणों में रावण है या नवग्रह, जिनवाणी, चरण व क्षेत्रपाल / कमठ? कुछ बन्धु रावण होने की जानकारी पोस्ट कर रहे है....विश्व जैन संगठन
संभवत: क्षेत्रपाल के एक तरफ 5 ग्रह दूसरी और 4 इस तरह से कुल 9 ग्रह है और ऊपर दोनों और पद्मावती व धरणेन्द्र है।
5 ग्रहों के ऊपर एक जिनवाणी है एवं 4 ग्रहो के ऊपर 2 तीर्थंकर / गुरु चरण है!
कुछ बंधुओं द्वारा क्षेत्रपाल नही अपितु कमठ द्वारा भगवान पार्श्वनाथ पर किये गए उपसर्ग के प्रतीक स्वरूप चिन्ह माना है।
भारत के विभिन्न क्षेत्रों से खुदाई में प्राप्त कई तीर्थंकर प्रतिमाओं की चौकी में नवग्रहों को नमस्कार मुद्रा में दर्शाया गया है।
इस प्रकार देव, शास्त्र व तीर्थंकर / गुरु चरण को एक ही प्रतिमा में दर्शाती यह एकमात्र प्राचीन प्रतिमा है!