26.08.2022: Jain Swetambar Terapanthi Mahasabha

Published: 26.08.2022
Updated: 26.08.2022

Updated on 26.08.2022 20:16

साध्वीवर्याजी का महत्वपूर्ण वक्तव्य

साध्वीवर्याजी का महत्वपूर्ण वक्तव्य

Watch video on Facebook.com


माया री खोटी है मार....

मुख्यमुनिश्री महावीरकुमारजी द्वारा आचार्यश्री तुलसी द्वारा रचित गीत ‘माया री मोटी मार’गीत का सुमधुर संगान ...

माया री खोटी है मार....

Watch video on Facebook.com


Posted on 26.08.2022 15:16

🌸 सामायिक है जीवन कल्याण का माध्यम : सिद्ध साधक आचार्यश्री महाश्रमण 🌸

-पर्युषण पर्वाधिराज का तीसरा दिन सामायिक दिवस के रूप में हुआ समायोजित

-‘भगवान महावीर की अध्यात्म यात्रा’ में आचार्यश्री ने मरिचि के भव का किया वर्णन

-साध्वीप्रमुखाजी ने सामायिक के महत्त्व को किया व्याख्यायित

-दस धर्मों पर साध्वीवर्याजी ने वक्तव्य तो मुख्यमुनिश्री ने गीत का किया सुमधुर संगान

26.08.2022, शुक्रवार, छापर, चूरू (राजस्थान) :

जैन श्वेताम्बर तेरापंथ धर्मसंघ के एकादशमाधिशास्ता, भगवान महावीर के प्रतिनिधि, अहिंसा यात्रा के प्रणेता, युगप्रधान आचार्यश्री महाश्रमणजी की मंगल सन्निधि में जैन धर्म के महापर्व पर्युषण का छापर की धरा पर धार्मिक-आध्यात्मिक माहौल में निरंतर प्रवर्धमान है। सूर्योदय से पूर्व ही जो श्रद्धालुजन धर्माराधना के क्रम से जुड़ रहे हैं, वे देर रात तक धर्म का संचय कर रहे हैं। निर्धारित कार्यक्रमानुसार उन्हें कभी योग, ध्यान, अध्यात्म, जैन दर्शन, मंगल प्रवचन आदि के साथ-साथ आचार्यश्री महाश्रमणजी के दर्शन और आशीर्वाद का प्राप्त होना उनकी पुण्यवत्ता को मानों और अधिक वृद्धिंगत कर रहा है।

शुक्रवार को पर्युषण पर्वाधिराज का तीसरा दिन सामायिक दिवस के रूप में समायोजित हुआ। चतुर्मास प्रवास स्थल परिसर में बने आचार्य कालू महाश्रमण समवसरण में आचार्यश्री महाश्रमणजी के मंगल महामंत्रोच्चार के साथ मुख्य प्रवचन कार्यक्रम का शुभारम्भ हुआ। मुनि शुभंकरकुमारजी ने प्रथम तीर्थंकर भगवान ऋषभ के जीवन का वर्णन किया। साध्वीवर्या साध्वी सम्बुद्धयशाजी ने दस धर्मों में प्रख्यात आर्जव-मार्दव धर्म को विवेचित किया। मुख्यमुनिश्री महावीरकुमारजी ने आचार्यश्री तुलसी द्वारा रचित गीत ‘माया री मोटी मार’, गीत का सुमधुर संगान किया। साध्वी कमनीयप्रभाजी व साध्वी चेतनप्रभाजी ने सामायिक दिवस के संदर्भ में गीत की प्रस्तुति दी।

साध्वीप्रमुखा साध्वी विश्रुतविभाजी ने सामायिक दिवस के संदर्भ में लोगों को उत्प्रेरित किया। तदुपरान्त समता के साधक, भगवान महावीर के प्रतिनिधि आचार्यश्री महाश्रमणजी ने उपस्थित जनमेदिनी को ‘भगवान महावीर की अध्यात्म यात्रा’ के व्याख्यान क्रम को आगे बढ़ाते हुए कहा कि भगवान महावीर के वर्णित 27 भवों में प्रथम नयसार के रूप में सम्यक्त्व की प्राप्ति हुई। नयसार की मृत्यु के बाद आत्मा बारह देवलोकों में प्रथम देवलोक में गई, जहां अपना आयुष्य पूर्ण कर पुनः मनुष्य के रूप में आई। मनुष्य का जन्म मिलना साधारण बात हो सकती है, किन्तु किसी विशेष कुल में जन्म लेना अथवा विशेष परिवेश में जन्म लेना विशेष बात होती है। नयसार की आत्मा भगवान ऋषभ के पुत्र चक्रवर्ती भरत के पुत्र में जन्म लेती है। वहां उनका नाम मरिचि होता है। मरिचि को भगवान ऋषभ का योग मिला और मरिचि के मनोभाव पुष्ट हो गया तथा वह साधु बन गया।

साधु के लिए स्वाध्याय, सेवा और तपस्या में अपने समय का नियोजन करने की प्रेरणा दी गई है। इन तीनों चीजों में साधु के समय का नियोजन हो तो यह उनके लिए महत्त्वपूर्ण भी होती हैं और उन्हें शुभ योग में रखने वाली हैं। साधु के सामने कभी परिषह भी आ जाए तो उसे समता, शांति से सहने करने का प्रयास होना चाहिए। मरिचि साधु तो बन गया, किन्तु वह गर्मी का परिषद सहन नहीं कर पाया और साधुत्व को छोड़कर अपने ढंग से साधक जीवन जीने लगा। चक्रवर्ती भरत एकबार भगवान ऋषभ से प्रश्न करते हैं कि आपके इस परिषद में कोई ऐसा है जो आपके बाद इस अवसर्पिणी में तीर्थंकर बनेगा? भगवान ऋषभ ने कहा कि यहां तो नहीं, लेकिन इस परिषद से बाहर तुम्हारा पुत्र मरिचि है जो इस अवसर्पिणी का अंतिम तीर्थंकर बनेगा और इतना नहीं नहीं, इससे पहले वह चक्रवर्ती और वसुदेव भी बनेगा।

आचार्यश्री ने सामायिक दिवस के संदर्भ में श्रद्धालुओं को विशेष प्रेरणा प्रदान करते हुए कहा कि जितना संभव को श्रावक-श्राविकाओं को अधिक से अधिक समायिक करने का प्रयास करना चाहिए। जैन धर्म का एक आधार है समता। सामायिक में समता की साधना समाहित है। यों तो साधु को सामायिक है हीं, किन्तु उसके साथ एक श्रुत सामायिक की बात भी आती है। एक मुहूर्त तक चारित्रात्माएं आगम स्वाध्याय का प्रयास करें तो वह श्रुत सामायिक हो जाएगी और जो उनके निर्जरा का माध्यम भी बन सकता है। सामायिक तो मानों जीवन कल्याण का माध्यम है। आचार्यश्री ने चतुर्दशी के संदर्भ में हाजरी का वाचन किया। साध्वी काम्यप्रभाजी, साध्वी चेतनप्रभाजी, साध्वी रोहिणीप्रभाजी, साध्वी सिद्धांतप्रभाजी, साध्वी नमनप्रभाजी व साध्वी प्राचीप्रभा ने लेखपत्र का उच्चारण किया। आचार्यश्री ने साध्वियों से आज के प्रवचन से संदर्भित प्रश्न पूछे और उनका समाधान प्रदान करते हुए सभी साध्वियों को तीन-तीन कल्याण बक्सीस किए। अंत में सभी चारित्रात्माओं ने अपने स्थान पर खड़े होकर लेखपत्र उच्चरित किया। मुनि विकासकुमारजी ने गीत का संगान किया।

यूट्यूब पर Terapanth चैनल को सब्सक्राइब करें
https://www.youtube.com/c/terapanth

यूट्यूब पर आज का वीडियो ऑनलाइन देखने के लिए नीचे दिये गए लिंक पर क्लिक करें
https://youtu.be/roJ_dy14LQw

फेसबुक पेज पर प्रतिदिन न्यूज़ पढ़ने के लिए पीछे दिए गए लिंक पर क्लिक करें और पेज को लाइक करे, फॉलो करें।

तेरापंथ
https://www.facebook.com/jain.terapanth/

🙏 संप्रसारक🙏
जैन श्वेताम्बर तेरापंथी महासभा

आचार्यश्री महाश्रमण जी एवं तेरापंथ धर्मसंघ आदि के नवीनतम समाचार पाने के लिए--
♦ 7044774444 पर join एवं अपने शहर का नाम लिखकर whatsapp करें।

Photos of Terapanths post


सामायिक दिवस पर परम पूज्य गुरुदेव की महत्वपूर्ण प्रेरणा

सामायिक दिवस पर परम पूज्य गुरुदेव की महत्वपूर्ण प्रेरणा

Watch video on Facebook.com


Sources
Categories

Click on categories below to activate or deactivate navigation filter.

  • Jaina Sanghas
    • Shvetambar
      • Terapanth
        • Institutions
          • Jain Swetambar Terapanthi Mahasabha [JSTM]
            • Share this page on:
              Page glossary
              Some texts contain  footnotes  and  glossary  entries. To distinguish between them, the links have different colors.
              1. JSTM
              2. Terapanth
              3. आचार्य
              4. तीर्थंकर
              5. दर्शन
              6. दस
              7. निर्जरा
              8. महावीर
              9. राजस्थान
              10. सम्यक्त्व
              Page statistics
              This page has been viewed 94 times.
              © 1997-2024 HereNow4U, Version 4.56
              Home
              About
              Contact us
              Disclaimer
              Social Networking

              HN4U Deutsche Version
              Today's Counter: