14.09.2022: Jain Swetambar Terapanthi Mahasabha

Published: 14.09.2022
Updated: 14.09.2022

Updated on 14.09.2022 20:49

कालूगणी चुरू के बाद में..

कालूयशोविलास का राजस्थनी भाषा में
आख्यान परम पूज्य गुरुदेव के मुखारविंद से जरूर जरूर सुनें

कालूगणी चुरू के बाद में..

Watch video on Facebook.com


Posted on 14.09.2022 12:53

🌸 समस्या को उलझाने में नहीं, समस्या को सुलझाने में हो ज्ञान का प्रयोग 🌸

-युगप्रधान आचार्यश्री महाश्रमणजी ने भगवती सूत्र के आधार पर श्रद्धालुओं को दी प्रेरणा

-कलह, विवाद को सुलझाने और ईमानदारी रखने को भी आचार्यश्री ने किया अभिप्रेरित

14.09.2022, बुधवार, छापर, चूरू (राजस्थान) :

भारत के सबसे गर्म जिला चूरू का छापर कस्बा वर्तमान में मानों मानवता का तीर्थ बना हुआ है। दूर देश और विदेश से आने वाले हजारों-हजारों श्रद्धालुओं की उपस्थिति को देखते हुए ऐसा कहा जा सकता है। श्रद्धालु अपने मन में मानवता के मसीहा जैन श्वेताम्बर तेरापंथ धर्मसंघ के एकादशमाधिशास्ता आचार्यश्री महाश्रमणजी के दर्शन की आस लिए आते हैं, किन्तु उन्हें दर्शन ही नहीं, मंगल आशीर्वाद, मंगलपाठ और मंगल प्रवचन श्रवण का सौभाग्य भी प्राप्त हो जाता है। इतनी कृपा पाकर श्रद्धालु भी निहाल हो जाते हैं। दूर-दूर से श्रद्धालुओं के आने-जाने से पूरा छापर कस्बा मानों जनाकीर्ण बना देखकर स्थानीय लोग कह देते हैं, कि हमें तो ऐसा लग रहा है छापर अब तीर्थस्थल बन गया है।

परम पूज्य कालूगणी की जन्मभूमि पर वर्ष 2022 का चतुर्मास कर रहे युगप्रधान आचार्यश्री महाश्रमणजी की मंगल सन्निधि में प्रतिदिन हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने का क्रम प्रारम्भ है। बुधवार को आचार्य कालू महाश्रमण समवसरण पूरी तरह जनाकीर्ण बना हुआ था। प्रातःकाल के मुख्य प्रवचन कार्यक्रम के दौरान शांतिदूत आचार्यश्री महाश्रमणजी ने भगवती सूत्र के आधार पर मंगल प्रेरणा प्रदान करते हुए कहा कि भगवती सूत्र में चार देव जगत बताए गए हैं। उनमें एक है-वैमानिक। वैमानिक के भी दो भेद होते हैं- कल्पोपन्न और कल्पातीत। कल्पोपन्न में बारह देवलोक बताए गए हैं। इनमें पहले देवलोक के इन्द्र सौधर्म और दूसरे देवलोक के इन्द्र ईशान हैं। तीसरे देवलोक के इन्द्र हैं सनत्कुमार। पहला देवलोक और दूसरा देवलोक आपस में सटा हुआ है तो भगवती सूत्र में प्रश्न किया गया कि क्या पहले और देवलोक की सीमा सटे होने से आपस में विवाद नहीं होता है क्या? उत्तर दिया गया कि हां, होता है। पुनः प्रश्न किया गया कि उस विवाद से मुक्ति कैसे मिलती है? बताया गया कि जब पहले और दूसरे देवलोक में विवाद होता है तो तीसरे देवलोक के इन्द्र सनत्कुमार को बुलाया जाता है और उनके दिए गए फैसले से दो इन्द्र सन्तुष्ट हो जाते हैं और उनकी बात को मान भी लेते हैं।

इस प्रसंग से इन्द्र सनत्कुमार से यह सीख लेने का प्रयास करना चाहिए कि आदमी को कलह और विवाद को पैदा करने का नहीं, बल्कि कलह और विवाद से बचने का प्रयास करना चाहिए। किसी विवाद और कलह को शांत करने का प्रयास करना चाहिए। मनुष्य के पास ज्ञान है तो वह अपने ज्ञान का प्रयोग किसी समस्या को उलझाने में नहीं, बल्कि किसी समस्या को सुलझाने में प्रयोग करना चाहिए। न्यायपालिका में फैसला करने वाले न्यायाधीश होते हैं। आदमी को न्यायपालिका में कभी जाना भी पड़े तो आदमी यह प्रयास करे कि वह किसी के खिलाफ झूठी गवाही न दे और यथासंभव अपने वकील को भी झूठ बोलने से रोकने का प्रयास करना चाहिए। इसी प्रकार आदमी समाज में रहे अथवा किसी संगठन में, अपने ज्ञान और शिक्षा के द्वारा विवाद पैदा न करे, बल्कि कोई विवाद हो तो उसे सुलझाने का प्रयास करे। साधु समुदाय भी किसी ज्ञात विवाद को सुलझाने का प्रयास करें।

आचार्यश्री ने पावन प्रेरणा प्रदान करने के उपरान्त कालूगणी की जन्मभूमि पर आचार्य तुलसी द्वारा रचित ‘कालूयशोविलास’ के सुमधुर संगान और आख्यान के क्रम को भी आगे बढ़ाया।

यूट्यूब पर Terapanth चैनल को सब्सक्राइब करें
https://www.youtube.com/c/terapanth

यूट्यूब पर आज का वीडियो ऑनलाइन देखने के लिए नीचे दिये गए लिंक पर क्लिक करें
https://youtu.be/IspghMUql-I

फेसबुक पेज पर प्रतिदिन न्यूज़ पढ़ने के लिए पीछे दिए गए लिंक पर क्लिक करें और पेज को लाइक करे, फॉलो करें।

तेरापंथ
https://www.facebook.com/jain.terapanth/

🙏 संप्रसारक🙏
जैन श्वेताम्बर तेरापंथी महासभा

आचार्यश्री महाश्रमण जी एवं तेरापंथ धर्मसंघ आदि के नवीनतम समाचार पाने के लिए--
♦ 7044774444 पर join एवं अपने शहर का नाम लिखकर whatsapp करें।

Photos of Terapanths post


Sources
Categories

Click on categories below to activate or deactivate navigation filter.

  • Jaina Sanghas
    • Shvetambar
      • Terapanth
        • Institutions
          • Jain Swetambar Terapanthi Mahasabha [JSTM]
            • Share this page on:
              Page glossary
              Some texts contain  footnotes  and  glossary  entries. To distinguish between them, the links have different colors.
              1. JSTM
              2. Terapanth
              3. आचार्य
              4. आचार्य तुलसी
              5. ज्ञान
              6. दर्शन
              7. मुक्ति
              8. राजस्थान
              Page statistics
              This page has been viewed 102 times.
              © 1997-2024 HereNow4U, Version 4.56
              Home
              About
              Contact us
              Disclaimer
              Social Networking

              HN4U Deutsche Version
              Today's Counter: