12.06.2023: Jain Swetambar Terapanthi Mahasabha

Published: 12.06.2023
Updated: 12.06.2023

Updated on 12.06.2023 22:02

एक कार जा रही थी.. शाम का समय .. थोड़ा थोड़ा अंधेरा हो गया था..

एक कार जा रही थी.. शाम का समय..

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Posted on 12.06.2023 15:31

🌸 भावधारा को उज्जवल बनाने का प्रयास करे मानव : मानवता के मसीहा महाश्रमण 🌸

-महातपस्वी महाश्रमण के मंगल शुभागमन से मंगलमय बना मीरा रोड

-स्वागत में उमड़ी जनता, जयकारों से गूंज उठा मीरा रोड का कोना-कोना

-12 कि.मी. का विहार कर आचार्यश्री पहुंचे वर्धमान स्थानकवासी उपाश्रय

12.06.2023, सोमवार, मीरा रोड, मुम्बई (महाराष्ट्र) :

कोंकण के तटीय क्षेत्र में उल्हास नदी के मुहाने पर बसा भारत का प्रमुख महानगर मुम्बई, जो भारत की आर्थिक राजधानी के रूप में भी ख्यात है। मां मुम्बा के नाम पर बसी यह नगरी भारत के वाणिज्य, पश्चिम देशों से व्यापार के लिए सबसे उपयुक्त स्थल में ख्यापित मुम्बई की धरा वर्तमान में अध्यात्म, साधना, मानवीय मूल्यों के शंखनाद से गुंजायमान हो रही है। भौतिकता के पीछे भागते लोगों को मानसिक शांति और मानवीय मूल्यों का शंखनाद करते हुए जैन श्वेताम्बर तेरापंथ धर्मसंघ के ग्यारहवें अनुशास्ता युगप्रधान आचार्यश्री महाश्रमणजी अपनी धवल सेना के साथ गतिमान हैं। मुम्बई महानगर के उपनगरों की इस यात्रा के माध्यम से मुम्बई के विभिन्न क्षेत्रों में रहने वाली जनता ऐसे महामानव के मंगलवाणी का श्रवण कर अपने जीवन में नवीन ऊर्जा की अनुभूति कर रहे हैं।

रविवार को देर रात से ही परिवर्तित हुए मौसम के कारण सोमवार को प्रातःकाल वर्षा का क्रम जारी था। महातपस्वी आचार्यश्री महाश्रमणजी का विहार मीरा रोड के लिए होना था, किन्तु वर्षा के कारण विहार में कुछ विलम्ब हुआ। होने वाली वर्षा का रूकी तो शांतिदूत आचार्यश्री महाश्रमणजी ने नायगांव में स्थित लोढ़ा धाम से मंगल प्रस्थान किया। जिस तरह होने वाली बरसात ने लोगों को मानसून के आगमन का अहसास करा रही थी तो वहीं भक्तों के उमड़ते सैलाब, जैन ध्वज और बैनर-होर्डिंग्स को देखकर इस क्षेत्र में मानवता के मसीहा आचार्यश्री महाश्रमणजी के मंगल शुभागमन के सूचक बन रहे थे। उत्साही श्रद्धालु अपने आराध्य की अगवानी को विहार से पूर्व ही लोढ़ा धाम पहुंच गए थे। मेघ की बरसा ने जहां लोगों को बाहरी तपन से राहत दिलाई तो अब आचार्यश्री के श्रीमुख व करकमलों की आशीषवृष्टि लोगों को आंतरिक संताप से निजात दिला रही थी। अनेकानेक स्थानों पर उपस्थित लोगों को आचार्यश्री के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त हो रहा था। लगभग साढे बारह किलोमीटर का विहार कर आचार्यश्री जैसे ही मीरा रोड की सीमा प्रविष्ट हुए, सैंकड़ों-सैंकड़ों श्रद्धालुओं ने आचार्यश्री का भावभीना स्वागत किया। स्वागत जुलूस के साथ आचार्यश्री मीरा रोड में स्थित वर्धमान स्थानकवासी उपाश्रय में पधारे। स्थान-स्थान बनी झाकियां, आसमान में उड़ते रंग-बिरंगे गुब्बारे और जयघोष से गुंजायमान सड़कें महतपस्वी के मंगल शुभागमन की द्योतक बनी हुईं थी। वर्षा के कारण विलम्ब से हुए विहार और श्रद्धालुओं की भारी उपस्थिति के कारण आचार्यश्री दोपहर लगभग साढ़े बारह बजे निर्धारित प्रवास स्थल में पधारे।

अल्प समय के उपरान्त ही आचार्यश्री मंगल प्रवचन के लिए प्रवास स्थल से सेक्टर-6 ग्राउण्ड में बने विशाल महावीर समवसरण में पधारे। आचार्यश्री ने समुपस्थित जनमेदिनी को पावन प्रतिबोध प्रदान करते हुए कहा कि पुरुष अनेक चित्तों वाला होता है। आदमी की भावधारा बदलती रहती है। शांत रहने वाला आदमी कभी गुस्से में होता है तो कभी हिंसक आदमी के भीतर भी करुणा के भाव जागृत हो सकते हैं। बुरे कार्य करने वाले के मन में भी कभी अच्छे विचार आ सकते हैं। भावधाराओं के इस आरोह-अवरोह को जैन आगमों में लेश्या के रूप में बताया गया है। छह प्रकार की लेश्याओं का वर्णन किया गया है। जिसे कृष्णता और शुक्लता द्वारा प्रदर्शित किया गया है।

आदमी को ऐसा प्रयास करना चाहिए कि उसके भीतर अशुद्ध भाव न आए अथवा अशुद्ध भावों का अल्पीकरण हो जाए। असत् से सत की ओर, अंधकार से प्रकाश की ओर और मृत्यु से अमरत्व की दिशा में गति करने का प्रयास करना चाहिए। आदमी को अपने भीतर सद्भावों का विकास करने का प्रयास करना चाहिए। मनुष्य अपनी कलुषित भावधारा के कारण मरकर सातवें नरक में भी जा सकता है तो अच्छी भावधारा के माध्यम से परम गति को भी प्राप्त कर सकता है। इसलिए आदमी के भाव शुद्ध रहें। सद्भावना व नैतिकता का विकास हो तथा नशामुक्त जीवन हो तो सद्गति संभव हो सकती है मानव अच्छा मानव बन सकता है। संसार में भले बुराइयां व्याप्त हों, किन्तु आदमी को सद्विचारों का दीपक सदैव जलाए रखने का प्रयास करना चाहिए। दुनिया में भ्रष्टाचार, अज्ञान, हिंसा, अनैतिकता रूपी अंधेरे को सच्चाई, नैतिकता, प्रमाणिकता, अहिंसा रूपी दीपक से दूर भगाने का प्रयास करना चाहिए।

आदमी किसी भी क्षेत्र में कार्य करे, उसके जीवन की गाड़ी में ज्ञान का प्रकाश और संयम का ब्रेक रहे तो जीवन रूपी गाड़ी अच्छे रूप में चल सकती है। आचार्यश्री ने मीरा रोडवासियों को पावन आशीर्वाद प्रदान करते हुए कहा कि आज यहां आना हुआ है। यहां के लोगों में खूब अच्छी धार्मिकता का विकास होता रहे। गुरुदर्शन करने वाली साध्वियों को भी आचार्यश्री ने पावन आशीर्वाद प्रदान किया।

मंगल प्रवचन के उपरान्त साधिक पांच वर्षों बाद गुरुदर्शन करने वाली साध्वी पीयूषप्रभाजी ने अपने हृदयोद्गार व्यक्त करते हुए सहवर्ती साध्वियों संग गीत का संगान किया। इसी प्रकार साध्वी जिनरेखाजी ने भी गुरुदर्शन से हर्षित भावों को अभिव्यक्त करते हुए सहवर्ती साध्वियों संग गीत का संगान किया। श्री राहुल चौधरी, श्री घेवरचन्द सुराणा, मूर्तिपूजक जैन समाज की ओर से श्री हस्तीमल पामेचा व स्थानकवासी समाज के श्री फूलचंद जैन नाहर ने अपनी आस्थासिक्त अभिव्यक्ति दी। तेरापंथ महिला मण्डल ने स्वागत गीत का संगान किया। तेरापंथ कन्या मण्डल व ज्ञानशाला के ज्ञानार्थियों ने अपनी-अपनी भावपूर्ण प्रस्तुति दी। कार्यक्रम में उपस्थित स्थानीय विधायक श्रीमती गीता जैन ने भी आचार्यश्री के स्वागत में अपनी श्रद्धासिक्त अभिव्यक्ति दी तथा आचार्यश्री से पावन आशीर्वाद प्राप्त किया।

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