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"जो जिस भाषा में समझेगा, उसे उसी भाषा में समझाया जायेगा" - संजय जैन, विश्व जैन संगठन
सुरेन्द्र जैन 'बाड़ी', धरसीवा (रायपुर) द्वारा संदेश पर प्रेरक कविता👇🏾
जो जिस भाषा मे समझे, उस भाषा मे समझा दीजै।
वृषभ देव की संस्कृति के दुश्मन को धूल चटा दीजै।।
भारतवर्ष के जैन मिलकर गढ़ गिरनार बचा लीजै।
जो जिस भाषा मे समझे, उस भाषा मे समझा दीजै।।
छाए अंधेरे के जो वादल, उनको अब छँटवा दीजै।
धर्म अहिंसा खत्म करें जो उनको सबक सिखा दीजै।।
छुरा पीठ में घोंपने वालो को अब सामने ला दीजै।
जो जिस भाषा मे समझे, उस भाषा मे समझा दीजै।।
जैन तीर्थ पर करते कब्जा कब्जा उनका छुड़वा दीजै।
बना रहे पर्यटन तीर्थ को नेमि धरा बचा लीजै।।
नेमि प्रभु की है निर्वाण जो भूमि उसे बचा लीजै।
जो जिस भाषा मे समझे, उस भाषा मे समझा दीजै।।
जैन मुनि के हत्यारों के असली चेहरे ला दीजै।
पर्दा पीछे कौन छिपे है उनको जेल भिजा दीजै।।
है षड्यन्त्र ये किनका सारा वो षड्यन्त्र खुला दीजै।
जो जिस भाषा मे समझे, उस भाषा मे समझा दीजै।।